Responsive Ads Here

Shishukunj

Shishukunj

Thursday, December 10, 2020

मानवाधिकार मनुष्य को बिना किसी भेदभाव के सम्मान के साथ जीने का अधिकार सुनिश्चित कराता है:- डा0 इला गुजरिया, डीन शिवपुरी मेडिकल काॅलेज



बालिका शिक्षा के प्रति कठमई में अलग जगाने वाली कृष्णा आदिवासी को सम्मानित किया

मानव अधिकार दिवस पर 20 कुपोषित बच्चों को गर्म सूट वितरित किए

शिवपुरी । आज विश्व मानवाधिकार दिवस है। मानवाधिकार मनुष्य को बिना किसी भेदभाव के सम्मान के साथ जीने का अधिकार सुनिश्चित कराता है। आज मानवाधिकार की जो परिष्कृत एवं विस्तारवादी अवधारणा हम देखते हैं उसके जड़ में जिओ और जीने दो की मूल अवधारणा शामिल है। समाज के हर व्यक्ति को जीने का अधिकार है तो समाज के हर व्यक्ति का भी कर्तव्य है कि वह अन्य के जीवन में बाधक न बने। यह मानवाधिकार की मौलिक अवधारणा है। यह कहना था डा. इला गुजरिया का जो कि अन्र्तराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस पर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में मुख्य  आतिथि के तौर पर समुदाय को संबोधित करते हुए कही। 

अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया कि विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर स्वंय सेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन एवं बिट्रानिया न्यूट्रीशन फाउण्डेशन ने संयुक्त रुप से मिलकर शिवपुरी शहर से 10 किमी की दूरी पर स्थित आदिवासी बाहुल्य वस्ती कठमई में किशोरी बालिकाओं एवं समुदाय की महिलाओं के साथ मानव अधिकार दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें कि मुख्य अतिथि शासकीय मेडिकल कालेज की डीन डा. इला गुजरिया थी जिन्होने बालिका शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में शक्तिशाली महिला संगठन के द्वारा किये जा रहे कार्यक्रमों को सराहा एवं आज मानव अधिकार दिवस पर अति पिछड़े कठमई मे आयोजित जागरुकता कार्यक्रम की सराहना की एवं आगे कालेज की तरफ से इस क्षेत्र मे स्वास्थ्य के लिए जो भी सभंव होगा वह प्रयास मेडिकल कॉलेज करेगा।

 कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कम्यूनिटी मेडिसन के हेड डा0 गंगाराम माहौर थे उन्होने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य एवं अच्छी शिक्षा पर सबका अधिकार है जो कि मानव अधिकारों में सवसे श्रेष्टतम दो अधिकारों में से एक है खासतौर से बालिकाओं के साथ शिक्षा एवं पोषण मे भेदभाव नही किया जाना चाहिए इससे समाज में विसंगती पैदा होती है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डा. राजेश अहिरवार ने कहा कि मानवता के खिलाफ हो रहे जुल्मों.सितम को रोकने और अमानवीय कृत्यों के खिलाफ संघर्ष की आवाज को मुखर करने में इस मानव अधिकार दिवस की महत्वूपूर्ण भूमिका है। मानव अधिकार जो कि प्रकृति ने मानव को जन्म के समय उपहार स्वरूप प्रदान किये 

ये अधिकार सभी व्यक्तियों के लिए नितांत आवश्यक हैं क्योंकि ये मानव की गरिमा एवं स्वतंत्रता के अनुरूप है  कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने कहा कि 10 दिसम्बर को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस यानी यूनिवर्सल हूमन राइटस डे मनाया जाता है। सबसे पहले 10 दिसंबर 1948 में पहली बार यूनाइटिड नेशन ने मानवाधिकारों को अपनाने की घोषणा की। लेकिन आधिकारिक तौर पर इस दिन की घोषणा साल 1950 में हुई। इस साल की थीम है स्टैंड अप फॉर ह्यूमन राइट्स । इंसानी अधिकारों को पहचान देने और वजूद को अस्तित्व में लाने के लिए जारी हर लड़ाई को मानवाधिकार दिवस ताकत देता है। 

कार्यक्रम मे बेटियों के लिए शिक्षा की अलख जगाने वाली न्यूट्रीशन  चैम्पियन कृष्णा आदिवासी को डा इला गुजरिया ने उपहार एवं पौधा देकर उनको सम्मानित किया एवं गांव की बेटियों से अपील की कि वह नियमित शिक्षा का अभ्यास करें और शिक्षित हो। कार्यकम्र में सुपोषण सखी लीला आदिवासी को अतिथियों ने समुदाय में बेतहर स्वास्थ्य सेवा में सहयोग करने  के लिए पौधा  एवं उपहार देकर सम्मानित किया इसके साथ नबम्वर माह में 5 मे से 5 प्रसव संस्थागत कराने पर गोमती आदिवासी  उषा कार्यकर्ता को पौधा देकर सम्मानित किया । कार्यक्रम मे कुपोषित बच्चों को मानव अधिकार दिवस पर गर्म सूट वितरित  एवं बालिका शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए डा इला गुजरिया के मुख्य आतिथ्य में व्हाईट बोर्ड एवं एजुकेशन मटेरियल प्रदान किया जिससे कि बालिकाऐ  शिक्षा के प्रति जागरुक हो।  

कार्यक्रम का संचालन रवि गोयल ने किया एवं आभार प्रदर्शन साहव सिंह धाकड़ ने किया । कार्यक्रम में डीन शिवपुरी मेडिकल कालेज इला गुजरिया, डा राजेश अहिरवार, डा. जीआर माहौर, शक्तिशाली महिला संगठन के रवि गोयल एवं उनकी पूरी टीम, सुपोषण सखी, किशोरी बालिकाए, आशा कार्यकर्ता, सहायिका कमला कुश्वाह के साथ समुदाय की महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं ने भाग लिया एवं कार्यक्रम को सफल बनाया।

No comments:

Post a Comment