विहिप की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक आयोजितशिवपुरी- पालघर महाराष्ट्र में नृशंस साधुओं की हत्या से संत समाज में रोष व्याप्त है और इस मामले में सीबीआई जांच होना आवश्यक है चूॅंकि विगत कुछ वर्षों से केन्द्रीय सत्ता में राष्ट्रीय हितों एवं भारतीय संस्कृति के प्रति सकारात्मक चिंतन एवं कार्य से युक्त संस्कार के आने के बाद अनेक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य हुए है जिसमें श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के मार्ग को प्रशस्त कर विगत 5 अगस्त 2020 को भूमिपूजन संपन्न करने के साथ श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कोरीडोर समेत देश के सभी प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों के समग्र विकास के लिए योजना तथा धन आवंटन जैसे प्रमुख कार्य है इसलिए अब विहिप की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है और रामलला मंदिर निर्माण में दान एकत्रित करने को लेकर अभियान चलाया गया है जिसमें स्वयं संत समाज भी शामिल होगा और इस आयोजन को सफल बनाएगा। उक्त बात कही महामण्डलेश्वर पुरूषोत्तमदास जी महाराज ने जो स्थानीय दिल्ली में आयोजित विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक को संत समाज की ओर से अपना संबोधन दे रहे थे।
इस दौरान अन्य संत समाज के वक्ताओं ने भी विचार रखे। यहां महामण्डलेश्वर पुरूषोत्तमदास जी महाराज ने विहिप के मार्गदर्शक मण्डल बैठक के दौरान कहा कि केन्द्र की भारत सरकार ने जम्मू से धारा 370 व 35ए को समाप्त कर जीर्णशीर्ण तथा भग्न मंदिरों के जीर्णोद्वार की योजना बनाई तो वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र में बीती 20 अप्रैल 2020 को पालघर में पुलिस की उपस्थिति में दो सन्यासियों और उनके चालक की नृशंस हत्या के पीछे वहां सक्रिय चर्च के राजनैतिक गठजोड़ का वीभत्स स्वरूप भी देखने को मिला। इसमें महाराष्ट्र सरकार द्वारा उस पर पर्दा डालने का प्रयास एवं जिन भी व्यक्ति अथवा संस्था ने आवाज उठाई उसे निर्ममता से कुचलने का प्रयास किया जा रहा है और महाराष्ट्र सरकार द्वारा सीबीआई जांच की अनुशंसा न करना तथा जांच के पूर्व ही मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री द्वारा घटना को भ्रमजनित करार देना किसी बड़े षडयंत्र का हिस्सा है यह उपवेशन पालघर घटना की निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करता है।
इस मांग को अन्य संत समाज ने भी स्वीकार और पुरजोर तरीके से नृशंसा साधुओं की हत्या करने वाले आरोंपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। अंत में केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के पूज्य संतों की इस सभा द्वारा विश्व हिन्दू परिषद को अपना आर्शीवाद दिया और आश्वस्त किया कि 492 वर्षों के कलंक को मिटाने के लिए सन्तों के आदेश से न्यायालय से लेकर ग्राम-ग्राम तक इस धर्मयुद्ध को लड़ा। साथ ही मार्गदर्शक मण्डल संपूर्ण विश्व के रामभक्तों से यह आह्वान करता है कि रामलाल के मंदिर निर्माण में उदारतापूर्वक दान अधिक से अधिक कर पुण्य लाभार्थी बने।
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