जरूरतें कम करकें चलें तो भारतीय उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा और बनेगा आत्मनिर्भर भारत
शिवपुरी- वैश्य महासम्मेलन रोजगार को लेकर काम करेगी और इसके लिए वैश्य समाज को आत्मनिर्भर बनकर ्रकाम करने की आवश्यकता है, और यह तभी संभव है जब सभी वैश्य बन्धुजन मिलकर अपने व्यापार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आज की आधुनिक व्यवस्था के अनुरूप में अपने व्यापारिक पद्वति को ढालें, परंपरागत तरीकों से बाहर निकलें और आधुनिक समय में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर मूलमंत्र को समझें और उसी के अनुरूप कार्य भी करें, यह संदेश मप्र शासन के पूर्व मंत्री एवं वैश्य महासम्मेलन के प्रदेशाध्यक्ष उामशंकर गुप्ता ने भी वैश्य बन्धुजनों को दिए है,
इसलिए इन्हें अपनाऐं और आत्मनिर्भर भारत बनने में अपना योगदान दें। उक्त बात कही वैश्य महासम्मेलन के शिवपुरी जिलाध्यक्ष गौरव सिंघल ने जिन्होंने वैश्य महासम्मेलन के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया और समस्त वैश्य बन्धुओं से अपने कारोबार को वर्तमान आधुनिक पद्वतियों के अनुरूप व्यापार करने को लेकर विचार-विमर्श और एक-दूसरे को सहयोग व परामर्श अवश्य दें। चीनी व्यापार पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गौरव सिंघल ने बताया कि कभी-कभार देखने में आया है कि अक्सर कोई ग्राहक बाजार में जाता है तो वह सस्ती चीज चाहता है और आर्थिक हालात भी जब ठीक नहीं होते तो वह भारतीय वस्तु जो भले ही मूल्य में कहीं अधिक हो वह नहीं खरीदता लेकिन चीन के उत्पादों की खरीदी कर लेता है और फिर कुछ समय बाद में वह पछतावा करता है,
इसलिए अब से भारतीय वस्तुओं के व्यापार को वैश्य बन्धु बढ़ावा दें और प्रधानमंत्री के आत्मनर्भिर भारत बनने के अभियान से जुड़े और उसे सफल बनाऐं। इस अवसर पर समस्त वैश्य बन्धुओं से आह्वान भी किया कि वह आत्मनिर्भर भारत के लिए भले ही उत्पाद कुछ भी हो लेकिन वह क्वालिटी और क्वांटीटी के साथ बेहतर उत्पाद हो इसका ख्याल रखा जावे, क्योंकि जरूरतें कम करकें चलें तो भारतीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और आत्मनिर्भर भारत भी बनेगा।
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