भाजपा-कांग्रेस के दावेदार जनसंपर्क अभियान में जुट़ेशिवपुरी- आगामी समय में पोहरी विधानसभा में होने वाले उप चुनाव को लेकर जनचर्चा है कि इस बार का उप चुनाव किसी पार्टी विशेष को लेकर नहीं बल्कि चेहरे पर यह चुनाव लड़ा जाएगा। इन चेहरो की बात करें तो पोहरी विधानसभा में भाजपा से एक ओर जहां राज्यमंत्री बने सुरेश रांठखेड़ा है तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी में दावेदारों की कमी नहीं है यहां ब्राह्मण के रूप में पहचाने जाने वाले हरिबल्लभ शुक्ला, पूर्व मंडी अध्यक्ष एनपी शर्मा, जनपद अध्यक्ष पारम सिंह रावत, किसान कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव, धाकड़ वर्ग से पोहरी में कांग्रेस पार्टी के दावेदारों में प्रधुम्न वर्मा, अभिभाषक संघ के अध्यक्ष एड.विनोद धाकड़ जैसे प्रमुख चेहरे शामिल है तो वहीं दूसरी ओर उप चुनाव जैसे हालातों में बसपा प्रत्याशी रहे कैलाश कुशवाह का नाम भी जनचर्चाओं में शामिल है।
ऐसे में इन्हीं चेहरों में कईओं ने तो निर्दलीय चुनाव लडऩे की भी तैयारी कर ली है क्योंकि कांग्रेस पार्टी से भी किसी एक को टिकिट मिलना है और शेष जो चेहरे है वह भी किसी ना किसी रूप में इस बार का चुनाव पूरी ताकत के साथ लडऩे को आतुर है। ऐसे मे यह माना जा सकता है कि कांग्रेस को यदि पोहरी में विजय पताका फहरानी है तो वह दूसरे दल के प्रत्याशी कैलाश कुशवाह को भी अपने पाले में कर टिकिट थमा सकती है, वहीं दूसरी ओर जनचर्चाओं में ऐसे क्या कारण है कि कैलाश कुशवाह के प्रत्याशी को लेकर दोनों ही दलों में आशंका बनी हुई है और सूत्रों के अनुसार वह किसी ना रूप में कैलाश कुशवाह को इस बार चुनाव में ना उतारा जाए इसे लेकर प्रयास कर रहे है।
किसी ने मण्डी तो किसी ने किसान कांग्रेस और किसी ने जनपद में बनाई है अपनी पकड़
देखा जाए तो पोहरी के उप चुनाव में जो भी प्रत्याशी है वह किसी ना किसी रूप में जनस्वीकार्य भी माने जाते है। जिनमें बसपा से चुनाव लड़े कैलाश कुशवाह पूर्व मण्डी उपाध्यक्ष रह चुके है और उन्होंने अपने समय में किसानों के हित में प्रति तौल जो 45 किलो मन से होती थी तो उसमें किसानों की लड़ाई लड़ी और इस तौल को 5 किलो कम कराते हुए 40 किलो प्रति मन कराई साथ ही लड़-झगड़कर नई कृषि उपज मण्डी ग्राम पिपरसमां में भी स्थापित करने में महती भूमिका निभाई जिसमें आज कृषक अपनी फसल का विक्रय कर रहे है।
किसी ने मण्डी तो किसी ने किसान कांग्रेस और किसी ने जनपद में बनाई है अपनी पकड़
देखा जाए तो पोहरी के उप चुनाव में जो भी प्रत्याशी है वह किसी ना किसी रूप में जनस्वीकार्य भी माने जाते है। जिनमें बसपा से चुनाव लड़े कैलाश कुशवाह पूर्व मण्डी उपाध्यक्ष रह चुके है और उन्होंने अपने समय में किसानों के हित में प्रति तौल जो 45 किलो मन से होती थी तो उसमें किसानों की लड़ाई लड़ी और इस तौल को 5 किलो कम कराते हुए 40 किलो प्रति मन कराई साथ ही लड़-झगड़कर नई कृषि उपज मण्डी ग्राम पिपरसमां में भी स्थापित करने में महती भूमिका निभाई जिसमें आज कृषक अपनी फसल का विक्रय कर रहे है।
मण्डी उपाध्यक्ष के अलावा यहां किसाना कंाग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव भी है जो एक ओर यादव महासभा के प्रदेश कोषाध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद संभाले हुए है तो वहीं राजनीतिक रूप से वह कृषकों के साथ जुड़े रहे है और यही कारण है कि वह किसान कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष पर रहकर पोहरी क्षेत्र में सर्वसमाज में अपनी खासी जान-पहचान के लिए जाने जाते है। यहां रामसिंह यादव और उनके छोटे भाई महेन्द्र सिंह यादव ने तो ठेकेदारी तक कर अनेकों विकास कार्य जो शासन की ओर से कराए गए उन्हें पूर्ण कराया है और निश्चित रूप से इस उप चुनाव में उन्हें इसका लाभ मिले इसे लेकर वह पूरी तैयारी के साथ कांग्रेस पार्टी की ओर से चुनाव लडऩे की मंशा बनाए हुए है।
जनपद पंचायत शिवपुरी में अपना सफल पांच वर्षीय कार्यकाल पूर्ण करने वाले पारम सिंह रावत भी किसी प्रत्याशी से कम नहीं है। जन-सामान्य और कृषकों सहित जनपद के ग्रामीण अंचलों के लिए पारम सिंह रावत ने जनपद क्षेत्र के तहत शासकीय योजनाओं से लाभान्वित कराया और अनेकों विकास कार्य अपने कार्यकाल में कराए। यही कारण है कि पोहरी में पारम सिंह रावत केवल रावत समाज ही नहीं बल्कि वह सर्व समाज में जाना-पहचाना नाम है और वह कंाग्रेस पार्टी से अपने लिए टिकिट का प्रबल दावेदार मानते है। इसके अलावा सुरेश रांठखेड़ा भाजपा से और कांग्रेस से ही हरिबल्लभ शुक्ला व एनपी शर्मा, प्रधुम्र वर्मा, एड.विनोद धाकड़, एड.लक्ष्मीनारायण धाकड़ जैसे अन्य दावेदार भी है जो इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी से हुंकार भरते हुए नजर आ रहे है और लोगों से सतत संपर्क में जुड़े हुए है।
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