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Shishukunj

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Friday, August 21, 2020

पिछोर के कोलू घाट में हो रहा अवैध उत्खनन, माफियाओं के बढ़े हौंसले!

वन अमला अवैध खदान रोकने में हो रहा नाकामयाब साबित

शिवपुरी- एक ओर तो अवैध रूप से पत्थर फर्शी का कारोबार करने वालों के द्वारा किए जा रहे हमले का शिकार वन अमला हो रहा है तो दूसरी ओर वन परिक्षेत्र की सीमा में ही अवैध रूप से उत्खनन किया जा रहा है और यहां माफियाओं के हौंसलों को बढ़ावा दिए जाने का कार्य किया जा रहा है। 

सूत्रों ने बताया है कि पिछोर क्षे9 में कोलू घाट में इन दिनों बेरोकटोक तरीके से बारिश की आड़ में वन विभाग की मिलीभगत से अवैध रूप से पत्थर खदान का कारोबार किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया है कि यहां वन विभाग की संलिप्तता और संरक्षण के चलते ही पिछोर के कोलू घाट का पत्थर अवैध कारोबार का हिस्सा बना हुआ है। यहां जमकर पिछोर रेंज में अवैध उत्खनन चल रहा है। पिछोर रेंज में आने बाली कोलू घाट पर अवैध खदान माफियाओं की निगाहें बनी हुई है और वह उसे वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से शासन के राजस्व को पलीता लगाते हुए खनिज विभाग को भी आईना दिखाने का काम कर इस अवैध कारोबार को धड़ल्ले से अंजाम दे रहे है। 

यहां बिना रोक टोक के अबैध पत्थर खदान का काम जोरो से चल रहा है। इस अवैध उत्खनन को रोकने का जिम्मा यूं तो वन विभाग का है लेकिन वह वन अमला इस अबैध खदान संचालन को रोकने में नाकाम साबित होता हुआ नजर आ रहा है। बताया गया है कि खदान क्षेत्र से महज 7 किलोमीट की दूरी पर बन चौकी राजपुर है जहाँ पर बन अमला पदस्थ है फिर भी अबैध उत्खनन को रोकने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। 

सूत्रों ने बताया है कि इस क्षै9 में खदान माफियाओं को वन विभाग के द्वारा ही संरक्षण प्रदान कर अवैध पत्थर खदान कारोबार करने की खुली छूट दे रखी है जिसके चलते यहां कई बड़े-बड़े गहरे गड्ढे कर पत्थर निकला जा रहा है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि बन अमले की संलिप्तता कहीं ना कहीं सांठगांठ की भूमिका में नजर आती है जो कि इस अबैध कार्य को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।

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