कोरोना संक्रमण से प्रभावित हो रहे है पत्रकार, कब देगी सरकार पत्रकारों को कोरोना योद्धा की संज्ञा
शिवपुरी-मप्र के भोपाल में एक दैनिक समाचार पत्र के दो पत्रकारों की कोरोना के चलते हुई मौत के बाद अब जिला मुख्यालय शिवपुरी पर भी एक वरिष्ठ पत्रकार की जान कोरोना जैसी भयावह बीमारी ने ले ली। इस घटना के बाद अब मांग उठने लगी है कि आखिरकार कोरोना काल में पत्रकार भी अपनी जान पर खेलकर पूरा काम निर्भिकता के साथ कर रहे है फिर पत्रकारों के साथ यह अन्याय क्यों, कि वह अपनी जान की परवाह किए बगैर भी जन सामान्य और शासन-प्रशासन की कोरोना की जागरूकता को लेकर जनता को आगाह कर खबरें जन-जन तक पहुंचा रहे है बाबजूद इसके इस मप्र शासन के काल में किसी भी पत्रकार को कोरोना में ना तो किसी प्रकार की कोई सुरक्षा दी जा रही है और ना ही उसे आर्थिक सहायता, ऐसे में सरकार को अब अपनी तंद्रा तोड़कर पत्रकारों के हितों की रक्षा को भी आगे आनेे होगा, आखिर पत्रकारों को सरकार कब कोरोना योद्धा मानेगी यह सवाल हरेक पत्रकार के जेहन में है। पत्रकार की कोरोना से मौत को लेकर शासन-प्रशासन को उचित कदम उठाना चाहिए ताकि पत्रकार के परिवार का भी भरण-पोषण हो सके।
बत दें कि कोरोना काल मे तत्परता से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन कोरोना वारियर्स के रूप में कई वर्ग कर रहे है इस महामारी के दौर में कोरोना योद्धा के रूप में एक पत्रकार भी हैं जो अपनी जान की परवाह किये विना खबरों को लोंगो तक पहुँचा रहे है लेकिन मीडियाकर्मियों को कोरोना बचाव के लिये आवश्यक उपकरण, स्वास्थ्य बीमा और आर्थिक सहयोग जैसी उनकी माँगों को सरकार द्वारा अनसुना किया जा रहा है। कोरोना ने पत्रकारों की जिंदगी छीन ली प्रदेश भर से दुखद खबरों का आना जारी है। आज ऐसी ही खबर शिवपुरी से आई है जहां शहर के बरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र वशिष्ठ का कोरोना के कारण दु:खद निधन हो गया। पत्रकार वीरेंद्र वशिष्ठ के निधन पर शिवपुरी के पत्रकारों में शोक का माहौल है साथ ही शिवपुरी विधायक व कैबीनेट मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया ने भी वरिष्ठ पत्रकार स्व. श्री वशिष्ठ के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
पत्रकारों के प्रति निराश करने वाला है सरकारी रवैया
प्रदेश भर में ऐसे कई पत्रकार है जो अब तक काल के गाल में समा गये है परंतु पत्रकार जगत में हो रही इस क्षति पर सरकार का कोई ध्यान नहीं जा रहा है अब तक पत्रकारों को सहयोग की अपेक्षाओं पर सरकारी रवैया निराश करने वाला है। मध्यप्रदेश में अब तक कई पत्रकार संगठनों द्वारा राज्य सरकार से लगातार मांग की जा रही है कि वह पत्रकारों को भी कोरोना वारियर्स की संज्ञा दें। क्योंकि वैश्विक संकट काल में मीडिया भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। वह भी कोरोना से लडऩे वाले योद्घा हैं। इस समय किसी पत्रकार की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को सहयोग राशि के रूप में एक करोड़ देना चाहिए। पत्रकारों के बारे में सरकार को सोचना चाहिए। लेकिन सरकार का रवैया इस ओर कुछ भी नजर नहीं आता जिससे देश का यह चौथा स्तम्भ अपने आप को इस कोरोना काल में भी असहज स्वीकार करने को बाध्य है बाबजूद इसके वह कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बगैर भी पूरी मुस्तैदी से शासन-प्रशासन की खबरों को जन-सामान्य तक पहुंचा रहा है।
पत्रकार ज्ञापन दें हम सरकार तक पहुचाऐंगे मांग : कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी.
इस मामले को लेकर जब कलेक्टर श्रीमती अनुग्रह पी. से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी और सफाईकर्मी तो कोरोना वॉरियर्स है लेकिन पत्रकारों को ऐसा नहीं माना गया है, हालांकि पत्रकारा कॉरोनो वॉरियर्स को लेकर अपना ज्ञापन दें हम सरकार तक बात पहुचाऐंगें। बताना होगा कि शिवपुरी जिले में वरिष्ठ पत्रकार स्व.वीरेन्द्र कुमार वशिष्ठ का कोरोना के चलते निधन हो गया है और इसके बाद पत्रकारों की सुरक्षा और आर्थिक सहायता सहित कोरोना वॉरियर्स को लेकर मांग उठने लगी है जिस पर अब पत्रकारा संगठनों के द्वारा जिला कलेक्टर को इस सदंर्भ में ज्ञापन सौंपा जाएगा ताकि भविष्य में किसी भी पत्रकार की सुरक्षा का जिम्मा भी सरकार संभाले।
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