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Monday, July 13, 2020

कामयाबी के हुनर पैदा करो : कवि अवधेश


काव्य सरिता ऑनलाइन कवि सम्मेलन सम्पन्न

शिवपुरी-लखनऊ की वरिष्ठ कवयित्री काव्या गुप्ता की अध्यक्षता पण्डित सुरेंद्र शर्मा के संयोजन में आयोजित काव्य सरिता ऑनलाइन कवि सम्मेलन में भारतीय साहित्य सृजन संस्थान के अध्यक्ष शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार अवधेश सक्सेना ने अपनी गजलों से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इनकी गजलों के अशआर वर्तमान दौर में युवाओं को प्रेरणा देने का  काम कर रहे हैं।

अवधेश की गजल के अशआर देखें-वक्त अपना यूँ नहीं जाया करो, कामयाबी के हुनर पैदा करो। दूसरों को ही झलक दिखला रहे, खुद के वारे में कभी सोचा करो। तुम खुदा के बाग के इक फूल हो, बाँटने खुशियाँ यहाँ महका करो। ये मिली है बस तुम्हें इक बार ही, जिन्दगी से तुम नहीं शिकवा करो। सुन चुके हम ढेर सारी आपकी, बात छोड़ो काम भी अच्छा करो। देश में अब चैन से सब रह सकें, सैनिकों का हौसला ऊँचा करो। 

मामले पल में सुलझ जाते सभी, छोड़- झगड़ा प्यार से चर्चा करो। हो गयी गलती अगर तुमसे यहाँ, शर्म डर की बात क्या तौबा करो। जीतना गर चाहते हो खेल में, हो बड़ा कितना हद पीछा करो। अवधेश की सुनाई एक और गजल का मतला देखें चाँद रातें गईं तीरगी रह गई, जुगनुओं की मगर रोशनी रह गई। अखिल भारतीय स्तर के कई कवि सम्मेलनों में अपने गीत और गजलों के द्वारा इंजीनियर अवधेश सक्सेना शिवपुरी शहर को नई पहचान दिलाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन का सफल संचालन सतीश दीक्षित किंकर द्वारा किया गया।

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