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Friday, July 31, 2020

कलम हाथ में कलम शस्त्र है कवि इंजी. शंभु सिंह रघुवंशी 'अजेय'

अखिल भारतीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन सम्पन्न
शिवपुरी- भारतीय साहित्य सृजन संस्थान शिवपुरी के तत्वाधान में गत दिवस अखिल भारतीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन अत्यंत भव्यतापूर्ण रूप से आयोजित किया गया । इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन में पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के 17 कवि और कवयित्रियों ने उत्कृष्ट काव्य पाठ किया जिसे 240 अन्य रचनाकारों ने सुना और सराहा । भारतीय साहित्य सृजन संस्थान के अध्यक्ष अवधेश सक्सेना ने कवि सम्मेलन के अध्यक्ष इंजी.शंभु सिंह रघुवंशी अजेय और  सभी आमंत्रित  रचनाकारों का  शब्द माला से स्वागत किया । कु. नेहा सोनी की सरस्वती वंदना के साथ कवि सम्मेलन प्रारम्भ हुआ । 

पिलखुआ हापुड़ उत्तर प्रदेश की मोहतरमा शहाना सैफ़ी ने अपनी कविता सुनाई बोला खुदा कतार बहुत लंबी है आने वालों की, कमी नहीं है मेरे मुल्क में उस पर मिटने वालों की । जोधपुर से मधु वैष्णव मान्या ने अपनी मुक्त कविता सुनाई, रूहानी तपिश पर रखी है प्रेम की चाय । बेलग्राम कर्नाटक की डॉ. राजश्री तिरवीर की ग़ज़ल का मतला देखें प्रिया क्यों हमारा खफ़ा हो गया, किसी और पे वह फ़िदा हो गया । अलीगढ़ उत्तर प्रदेश की ललिता कुमारी वर्मा की ग़ज़ल का शेर देखें हम हाले बयां करेंगे तुम्हें, किसी राह पर तुम मिलना मुझे । कु. नेहा सोनी भिंड ने कविता सुनाई, मन मचले फिर उमड़े प्यार ऋतु आए ये बार बार ।

 भवानी मंडी राजस्थान की राजेश कुमारी चौऋषिया ने देश में नारी का हाल कुछ यूँ सुनाया, नारी अब न रही बेचारी,  न रही वह किसी की लाचारी, मेरा देश बदल रहा है । ग्वालियर की पुष्पा शर्मा की रचना थी संत शिरोमणि  तुलसी दास जी मेरा नमन करो स्वीकार । कोलकाता की डॉ. रंजना शर्मा ने प्रेम में डूबी स्त्री की तुलना कविता से की, प्रेम में डूबी स्त्री होती है दुनिया की सबसे बेहतरीन और लाजवाब कविता । उत्तरकाशी के राजेश जोशी ने कन्या भ्रूण हत्या पर अपनी कविता पढ़ी,  माँ मैं तेरी प्यारी सी गुड़िया, लेने दे जनम मुझे देखने दे दुनिया । दिल्ली की प्रीति त्रिपाठी ने अपनी मनमोहक आवाज़ में नारी के अस्तित्व के वारे में मधुर गीत सुनाया मन के बहावों पे सेतु नई बाँधती, झूंझती भँवर से अस्तित्व को सँवारती । फरीदाबाद से डॉ बबीता गर्ग ने प्रेरणास्पद रचना सुनाई, विपदा में निर्भीक रहें हम, संग हमारे ईश चले । गुना के पण्डित सुदामा शर्मा का मधुर वाणी से गाया गीत देखें,पर्याय के पथ पर चला हूँ, आग भी शीतल लगे ।

 सावन के मौसम का खूबसूरत वर्णन करती रचना सुनाई अलीगढ़ की अर्चना फ़ौजदार ने, सावन जब जब द्वारे आए, छम छम करके गीत सुनाए, बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न कवयित्री अर्चना फ़ौजदार की मधुर वाणी में सुनाई गई इस रचना ने पटल को मंत्र मुग्ध कर दिया । कवि सम्मेलन का खूबसूरत मंच संचालन कर रहीं लखनऊ की कु. शालिनी पांडेय ने अपनी शृंगार रस से सराबोर रचना सुनाई, अनछुआ सा तन मन रूप रखें, हम यौवन अतुल अनूप रखें, जो मिले इश्क़ छाया तेरी, हम मरण तलक सिर धूप रखें ।

 इसके बाद अध्यक्षता कर रहे गुना के इंजी. शंभु सिंह रघुवंशी अजेय ने अपनी कविता में कलम की ताकत का महत्व बताया, कलम हाथ में कलम शस्त्र है । कार्यक्रम का सुमधुर आवाज में बड़े ही खूबसूरत लखनवी अंदाज़ में मंच संचालन कर कु. शालिनी पाण्डेय ने  पटल की तारीफ़ बटोरी । अंत में वरिष्ठ साहित्यकार आदित्य शिवपुरी ने आभार प्रकट किया । भारतीय साहित्य सृजन संस्थान शिवपुरी, साहित्य सृजन के लिए देश भर के रचनाकारों को मंच प्रदान कर रहा है, संस्थान के अध्यक्ष अवधेश सक्सेना ने सभी रचनाकारों को सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र प्रदान किये ।

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