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Thursday, July 16, 2020

अपनी पीड़ाएँ हैं अनगिन, मन में बलखाती है नागिन :डॉ. हरिप्रकाश जैन हरि

अ.भा.ऑनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित

शिवपुरी-भारतीय साहित्य सृजन संस्थानए शिवपुरी द्वारा गत दिवस अखिल भारतीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता डॉ.हरि प्रकाश जैन हरि ने की और उन्होंने अपनी सुमधुर वाणी में मंत्र मुग्ध कर देने वाला गीत गाया ष्कितना तरसा चाँद रात भर, मधु रस छलकाने, सूने पन का गीत बाबरी राह लगी गाने कवि सम्मेलन के मुख्य आकर्षण के रूप में शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार अरुण अपेक्षित ने अपनी शानदार प्रस्तुति एक गीतिका के माध्यम से देते हुए गाया ष्पाषाणी तू शिला श्रृंखलाओं की जाई है, कवि सम्मेलन का प्रारंभ माँ सरस्वती की वंदना से हुआ जिसे गाया बिलासपुर छत्तीसगढ़ की कवयित्री गीता नायक गीत ने, उत्तरकाशी की ज्योत्स्ना रतूडी ने समय का महत्व बताने वाली रचना समय देता है दस्तक एक बार, पड़ी, भिंड के युवा कवि हेमंत जोशी नादान ने चीन पर वार करते हुए सुनाया ष् चीन तेरी हर चालाकी कोए चकनाचूर करेंगे हम, गुना से इंजी. शंभु सिंह रघुवंशी ने कथा प्रवचनों पर व्यंग्य रचना सुनाई। ऑनलाइन कवि सम्मेलन का सफल संचालन आदित्य शिवपुरी ने किया जिसकी सराहना पटल पर उपस्थित हर रचनाकार ने की। डॉ.हरि प्रकाश जैन हरि ने अध्यक्षीय उद्बोधन में वर्तमान माहौल में ऑनलाइन कवि सम्मेलन की उपयोगिता बताते हुए इसकी सराहना की और भारतीय साहित्य सृजन संस्थान के अध्यक्ष अवधेश सक्सेना और संचालक आदित्य शिवपुरी को बधाई देते हुए आभार मानाए उन्होंने युवा पीढ़ी द्वारा हिंदी को समृद्ध करने में सक्रिय भूमिका निभाने पर खुशी जताई। भारतीय साहित्य सृजन संस्थान के अध्यक्ष इंजी. अवधेश सक्सेना ने सभी रचनाकारों और श्रोताओं का आभार प्रकट किया साथ ही रचनाकारों का उत्साहवर्धन कर रहे अरुण कुमार दुबे, सतीश कुमार दीक्षित, बसंत श्रीवास्तव का भी आभार माना।

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