Responsive Ads Here

Shishukunj

Shishukunj

Friday, July 31, 2020

पोहरी में पारम सिंह रावत, कैलाश कुशवाह और रामसिंह यादव के ईर्द-गिर्द घूम रहा है उप चुनाव

पोहरी में पारम सिंह रावत के ईर्द-गिर्द घूम रहा है उप चुनाव 

भाजपा-कांग्रेस के बीच कैलाश कुशवाह और रामसिंह यादव  की भी है प्रबल दावेदारी

शिवपुरी-मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार बनाकर किंग मेकर बने राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद जिस तरह से मप्र शासन ने उनके सिपाहसलारों को मंत्री का पद बांटा है उससे प्रतीत होता है कि वह इस उप चुनाव में फतह कर लेंगें। लेकिन विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि आने वाले उप चुनाव में पोहरी और करैरा दोनों ही सीटों पर सिंधिया के सिपाहसलारों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ेगा। इनमें पोहरी विधानसभा में तो खासकर उनके ही समर्थक रहे जनपद अध्यक्ष पारम सिंह रावत की साफ-निर्विवाद छवि ही उन्हें परेशान कर रही है क्योंकि ग्राम-ग्राम में हो रहे जनसंपर्कों और क्षेत्रीय लोगों सहित जातिगत समीकरणों में सभी से मिलनसार व्यवहार के रूप में पोहरी का यह उप-चुनाव पारम सिंह रावत के ही इर्द-गिर्द घूम रहा है और संभवत: परिणाम भले ही कुछ भी हो लेकिन वर्तमान हालातों में भाजपा-कांग्रेस के बीच यदि कोई रूकावट के बीच में खाई है तो वह पारम सिंह रावत है जिन्होंने अपने पांच वर्षीय जनपद अध्यक्षीय कार्यकाल में जिस प्रकार से नियमित ऑफिस में बैठकर ग्रामीणजनो की समस्याओं को सुनना और उन्हें यथा संभव सहयोग प्रदान कर उनके साथ खड़े होना, यही सरल-सहज व्यवहार पोहरी में पारम सिंह को आगे ला खड़ा करता है जिसमें अन्य उम्मीदवार भले ही वह राज्यमंत्री या यूं कहें कि सिंधिया या भाजपा का कोई भी चेहरा हो वह पोहरी में पारम सिंह के मुकाबले कमजोर ही नजर आ रहा है। इस तरह की जनचर्चाऐं ग्रामीण क्षेत्र की चौपालों पर भी सुनी जा रही है। पोहरी और नरवर के कई ग्रामीण इलाकों में सर्वसमाज में पहचाने जाने वाले पारम सिंह के लिए उनके परिजन जय सिंह रावत व अरविन्द रावत सहित तमाम सहयोगी, मित्रगण और शुभचिंतकों ने सोशल मीडिया पर यह अभियान चला दिया है कि इस बार जाति के मतभेद को भुलाकर पोहरी की जनता साफ-निर्विवाद और जनहितैषी उम्मीदवार का चयन करेगी और इस उम्मीदवार के रूप मे जनता का ध्यान पारम सिंह रावत की ओर नजर आ रहा है। इसके लिए पोहरी विधानसभा के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में सघन जनसंपर्क लगातार बना हुआ है। 

पोहरी में ढकोसला साबित हो रही है राज्यमंत्री की बनाई गई हेल्पलाईन
सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आ रही है कि एक ओर जहां पोहरीवासियों के लिए राज्यमंत्री का दर्जा हासिल कर पूर्व विधायक सुरेश रांठखेड़ा भले ही राज्यमंत्री बन गए हो लेकिन वह जनता में अपनी छवि को भुनाने में असमर्थ ही नजर आ रहे है। यही कारण है कि जैसे ही राज्यमंत्री बने सुरेश रांठखेड़ा ने अपने विधानसभा क्षेत्र और क्षेत्र के लोगों की मूलभूत समस्याओं के समाधान को लेकर एक नई हेल्पलाईन शुरू की है जिसमें  क्षेत्रवासी सुबह 9 बजे से रात्रि 9 बजे तक हेल्पलाइन नंबर 07490.244834 पर कॉल कर अपनी समस्या को दर्ज करा सकते हैं। लेकिन यह क्या जिस दिन से यह हेल्पलाईन शुरू क्या हुई, उसी दिन से यह हेल्पलाईन लोगों के लिए ढकोसला ही साबित होती हुई नजर आ रही है।यहां कई क्षेत्रवासियों ने जब अपनी समस्या को लेकर इस हेल्पलाईन को लगाया तो यहां नंबर ही नहीं लगा और लोग यहां राज्यमंत्री की इस व्यवस्था को ही कोसते हुए नजर आए कि यह कुछ नहीं केवल दिखावा है और क्षेत्रवासियों से हमदर्दी लूटना है असल में यह एक ढकोसली ही है जो जनता को बरगलाकर उन्हें हेल्पलाईन का झुनझुना पकड़ा दिया। 

कमलनाथ भी पूछ रहे है कि कैलाश कुशवाह है जिताऊ उम्मीदवार!

पोहरी के उप चुनाव की बात करें तो यहां मप्र शासन के पूर्व कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पूछ रहे है कि पोहरी विधानसभा में कैलाश कुशवाह जिताऊ उम्मीदवार है। बीते रोज कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मण्डल से हुई चर्चा में यह बात सोशल मीडिया और समाचार पत्रों के माध्यम से सामने आई कि कमलनाथ का विश्वास पोहरी में यदि किसी पर है तो वह कैलाश कुशवाह है भले ही वह बसपा के उम्मीदवार पूर्व के आम चुनाव 2018 में रहे हो लेकिन आज जब मप्र में कांग्रेस को सरकार बनाना है तब ऐसे उम्मीदवार चाहिए जो कांग्रेस में विधायक बनकर सत्ता में उनका सहभागी बने। सूत्र बताते है कि एक ओर जहां स्थानीय कांग्रेसियों ने पूर्व विधायक हरिबल्लभ शुक्ला का जमकर विरोध कर उन्हें प्रदेश हाईकमान से टिकिट ना देने की मांग की है और यदि हरिबल्लभ को टिकिट दिया जाता है तो पोहरी के कांग्रेसी उनके खिलाफ ही काम करेंगें। वहीं कैलाश कुशवाह के नाम को लेकर दबी जुबान से स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें जिताऊ उम्मीदवार कहकर अन्य कांगे्रसियों के अरमानों पर पानी फेरने जैसा काम कर दिया है। ऐसे में सूत्रों ने बताया है कि आने वाले उप चुनाव को देखते हुए पोहरी में ब्राह्मण और धाकड़ उम्मीदवार से इतर कैलाश कुशवाह ही एक ऐसा चेहरा नजर आ रहा है जो पोहरी में कांग्रेस की नैय्या पार करा सकता है

कांगे्रस में साफ और निर्विवाद चेहरा है रामसिंह यादव 

हालांकि एक ओर जहां कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ भले ही कैलाश कुशवाह को जिताऊ उम्मीदवार मानें लेकिन दूसरी ओर स्थानीय पोहरी वासियों के अनुसार तो यहां एक और निर्विवाद चेहरे के रूप में किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रामसिंह यादव का नाम भी उभरकर सामने आया है जिस पर अंदरूनी रूप से सभी सहमत है लेकिन वह खुलकर सामने नहीं आ रहे। यही कारण है कि भोपाल तक पोहरी के यदि उम्मीदवारों के पैनल की बात करें तो सूत्रों ने बताया है कि रामसिंह यादव भी एक साफ-स्वच्छ और निर्विवाद उम्मीदवार के रूप मे कांग्रेस पार्टी की ओर से आ सकते है। रामसिंह यादव क्षेत्र में एक ओर जहां 28 हजार से अधिक यादव समाज का प्रतिनिधित्व करने में समाजजनों के सहयोग से सक्षम है तो दूसरी ओर अन्य जातियों में भी रामसिंह यादव की अच्छी पकड़ है और वह पोहरी के सर्व समाज में जाना-पहचाना नाम है। मप्र के पूर्व मुख्मंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से नजदीकियों का फायदा भी रामसिंह को यहां मिल सकता है और पोहरी में कांग्रेस पार्टी जहां पूर्व में हारे हुए प्रत्याशियों को दरकिनार कर साफ-स्वच्छ चेहरा ढूंढ रही है तो उसमें सूत्रों के अनुसार पोहरी से गई सर्वे रिपोर्ट में भी रामसिंह यादव का नाम शामिल है। रामसिंह यादव का जनसंपर्क उनके परिजन महेन्द्र सिंह यादव सहित समस्त पोहरी क्षेत्र के रहवासी शामिल है जो कहीं ना कहीं रामसिंह यादव को मन से स्वीकार कर बाहरी रूप से अन्य लोगों के साथ नजर आ रहे है। 

No comments:

Post a Comment