श्रीराम जानकी तुलसी आश्रम बड़े हनुमान मंदिर पर मनाई गई गोस्वामी तुलसीदास जयंती
शिवपुरी- जीवन में कोई भी व्यक्ति यदि राम का ना ले ले तो उसका जीवन तर जाता है और इसी राम नाम को पंक्तियों के माध्यम से रचित किया गोस्वामी तुलसीदास ने जिन्होंने राम के आचरण को धारण करने रामचरित मानस रचि और उसका ज्ञान प्रत्येक मनुष्य को कराया जिससे आज मनुष्य भगवान का स्मरण करें तो प्रभु राम के नाम से ही वह अपने जीवन को मोक्ष मार्ग के लिए प्रशस्त कर ले,
इसलिए आवश्यक भी है हरेक घर में धर्ममय माहौल के लिए प्रत्येक व्यक्ति श्रीरामचरितमानस के कम से दो दोहेे अवश्य पढ़ें और श्रीराम के आचरण को जीवन में उतारे, तब यह मानव शरीर जो कई योनियों के बाद पुण्यकर्मों से प्राप्त होता है, क्योंकि अनेकों जीव है जो इस संसार में अपना जीवन जी रहे है लेकिन मनुष्य ही एक ऐसा जीव है जो समझता, बोलता और सबकुछ जानता है इसलिए मनुष्य स्वयं को पहचानें और प्रभु स्मरण को हमेशा ध्यान रखें।
उक्त उद्गार प्रकट किए प्रख्यात महामण्डलेश्वर श्री पुरूषोत्तमदास जी महाराज ने जो स्थानीय श्रीरामजानकी तुलसी आश्रम बड़े हनुमान मंदिर एबी रोड़ पर जानकी सेना संगठन द्वारा आयोजित गोस्वामी तुलसीदास जयंती कार्यक्रम को अपने आर्शीवचनों से उपस्थित जनमानस को कृतार्थ कर रहे थे।
इस दौरान महाराजश्री पुरूषोत्तदास जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया और अपने आर्शीवचनों से गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीरामचरित मानस का पाठ श्रवण किया। इस अवसर पर संगीत की सुमधुर लहरों में साथ दिया आचार्य अजयशंकर भार्गव व रमेश कोठारी ने जिन्होंने अपने वाद्य यंत्रों से श्रीरामचरितमानस पाठ का संगीतमय उच्चारण किया। कार्यक्रम का संचालन पं.केदार समाधिया द्वारा किया गया जबकि इस आयोजन में कोरोना काल के समय सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए यह आयोजन सूक्ष्म रूप में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में घनश्याम मिश्रा, आश्रम के व्यवस्थापक श्री घनश्यामदास जी महाराज, नारायण कुशवाह, रामसिंह भगतजी ठकुरपुरा, सुनील उपाध्याय जानकी सेना संगठन प्रवक्ता, बृजेश सोनी, त्रिलोक यादव, संतश्री तुलसीदास, संत हरीदासजी, संत प्रेमदास जी सहित अन्य धर्मप्रेमीजन शामिल रहे। कार्यक्रम समापन पर पं.केदार समाधिया, संगीत कलाकार आचार्य अजय शंकर भार्गव व रमेश कोठारी का शॉल-श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। अंत में सभी को प्रसाद वितरित किया गया।
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