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Thursday, June 25, 2020

सहकारिता महाप्रबंधक पर वाय के सिंह के विरूद्ध जांच कर हो एफआईआर



भारतीय किसान संघ ने के आरोप गेहूंॅ 10 रूपये तो चना 20 रूपये प्रति क्विंटल की भ्रष्टाचारी

शिवपुरी- सहकारिता महाप्रबंधक वाय.के.सिंह के द्वारा मनमाने तरीके से किसानों का शोषण करते हुए प्रति गेहूं बोरी 10 रूपये और प्रति चना की बोरी 20 रूपये क्विंटल के मान से भ्रष्टाचार को ना केवल बढ़ावा दिया बल्कि इसके साथ ही सहकारी बैंक के शाखा प्रबंधक श्रीकिशन शर्मा की संल्पितता के साथ इस पूरे कार्य को अंजाम दिया गया, 

इस भ्रष्टाचार का सबूत सोशल मीडिया पर जारी वह वीडियो वायरल भी है जिसमें साफ-साफ तरीके से महाप्रबंधक वाय के सिंह के इशारे पर बैंक प्रबंधक श्रीकिशन शर्मा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है और एक सहायक प्रबंधक इनके शोषण का शिकार होकर 50 हजार रूपये तक दे चुका है और शेष राशि ना देने पर उसकी शाखा का 9 लाख रूपये से अधिक का भुगतान नहीं किया गया, यह सरेआम भ्रष्टाचार है और सहकारी सोसायटी के महाप्रबंधक वाय के सिंह के विरूद्ध मामले की जांच कर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए 

अन्यथा किसान संघ धरना, प्रदर्शन करने को बाध्य होगा। यह बात कही भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष कल्याण सिंह यादव (बंटी)ने जो स्थानीय कलेक्ट्रेट परिसर में डिप्टी कलेक्टर अंकुर गुप्ता को सौंपे ज्ञापन में भ्रष्टाचार के ना केवल आरोप लगाए बल्कि सहकारी सोसायटीयों पर किसानों के शोषण को लेकर सोसायही के महाप्रबंधक के विरूद्ध कार्यवाही की मांग कर रहे थे। 

इस दौरान अन्य किसान संघ के पदाधिकारी व सदस्य भी मौजूद रहे जिनमें इन्द्रजीत शर्मा तह.अध्यक्ष रन्नौद, अवन्ती लोधी अध्यक्ष कोलारस, रामवीर सिंह यादव, राजवीर यादव बदरवास, राम यादव, कल्याण सिंह लोधी, जय सिंह यादव, श्याम यादव, बृजेश धाकड़, अखिलेश वर्मा, रमेश यादव, योगेश शर्मा, मुकेश भार्गव, दीनदयाल शर्मा ककरौआ, अरविन्द धाकड़ तहसील मीडिया प्रभारी, हंसराज यादव, आमोल सिंह लोधी गणेशखेड़ा आदि शामिल रहे।


गेहूं उपार्जन की तिथि बढ़ाने की भी की मांग

इसके साथही भारतीय किसान संघ ने जिला प्रशासन से मांग की कि गेहूं उपार्जन में पंजीकृत किसानों में से अभी 3 लाख किसान अपनी उपज को सरकारी खरीद केन्द्र पर समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित रह गए है जिसका बड़ा कारण उपार्जन की समय सीमा कम थी, तौल कांटे भी कम थे, स्टाफ की कमी थी इसलिए अनेक किसान किराये के ट्रेक्टर लेकर 5-5 दिन लाईन में खड़े रहे, इसलिए उपार्जन पंजीयन की तिथि को आगे बढ़ाया जावे। ऐसे बचे हुए किसान अपना गेहूं मण्डी में 1500 रूपये से लेकर 1700 रूपये प्रति क्विंटल गेहूूू बेचने को मजबूर है किसानों को 200 से 400 रूपये प्रति क्विंटल हानि हुई जिसकी सरकार भरपाई करें। अनेक किसान मैसेज आने के बाद लाईन में लगकर टोकन लेकर अपना माल तुलवा दिया लेकिन सॉफ्टवेयर बंद हो जाने से उनकी बिलिंग नहीं हो पाई। ऐसे में किसान दर-दर भटक रहे है कृप्या सॉफ्टवेयर चालू कर ऐसे सभी किसानों की बिलिंग की जावे तथा तत्काल भुगतान हो। इस तरह की अनेकों मांगें भी किसान संघ ने रखी और इन मांगों से संदर्भित एक ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर को सौंपा।

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