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Shishukunj

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Sunday, June 28, 2020

गुण जिन का गुणगान करें, नित उपमायें प्रणाम करें : चरण सेवक.अजय जैन अविराम, शिवपुरी


कविता-
संत शिरोमणि 108 आचार्य श्री विधा सागर के 53 वे पावन दीक्षा दिवस पर हृदय से भावांजली
चरण सेवक.अजय जैन अविराम, शिवपुरी
गुण जिन का गुणगान करें
नित उपमायें प्रणाम करें

महिमा उनकी वर्णन करने
धरती सूरज गुमान करें

चारित्र चार्य से मेरे गुरुवार
ताप तिमिर संधान करे

अनुपम असंख्य रिद्धि धारी
 मन्द मन्द मुस्कान धरें

नियत नही जग मे कुछ भी
वो अनियत विहार करे

भक्तो पर भगवन कृपा करें
नवदा भक्ति आहार करें

छू लिये चरण वो पार हुआ
दर्शन से पाप निहार करें

आशीषों के परम दिवाकर
जीवों का कल्याण करें

गऊ रक्षा खादी के पोषक
भारत देशी आह्वान करें

स्व पर के ज्ञायक दयानिधे
स्वदेशी का सम्मान करें

संयम साधक जयवंत रहे
दीक्षा दिन बहुमान करें

मेरे अंतस मन अभिलाषा
गुरु जीवन निर्वाण वरें

तीर्थेश अवस्था पा गुरुवर
कर्म कात कल्याण करें

परम पूर्ण सौभाग्य हमारा
पंचम काल विचार करें

ऐसे है अचरज परम् संत
विधा गुरु कल्याण करें

तुम ज्ञान गुरु के धर्म सूर्य
विनय भाव स्वीकार करें।।

कवि-अजय जैन अविराम
शिवपुरी म.प्र.

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