विश्व भूगर्भ जल दिवस पर मदकपुरा में जागरुकता एवं सकंल्प कार्यक्रम आयोजित
शिवपुरी। विश्व भूगर्भ जल दिवस 2020 के उपलक्ष्य में स्वयं सेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी के द्वारा मदकपुरा में सोसल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये मदकपुरा में खुल परिसर में महिलाओं एवं किशोरियों से पांरपरिक जल सरंक्षण के ज्ञान का पुनजीर्वित करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया
जिसमें कि लोक स्वास्थ्य यात्रिंकीय विभाग के सव डिविजनल ऑफीसर पीएचई एस.के.पंचरत्न द्वारा पीने योग्य पानी का मुख्य स्त्रोत केवल भूगर्भ जल ही हैं और जैसे जैसे इन्सान शहरो की तरफ मुड़ रहा है बैसे वैसे इन प्राकृतिक भूगर्भ जल स्त्रातों इनमें पुराने तालाबए वावड़ी, कुऐ जो पहले हर घर की शान हुऐ करते थे आज कल आप देखेगें कि नाम मात्र के रह गए हैं इस कारण पीने के पानी का विकराल संकट खड़ा हो गया हें पहले भूगर्भ जल स्त्रातों की पर्याप्त व्यवस्था होने से कभी पीने के पानी का संकट पैदा नही हुआ आज विश्व भूगर्भ जल दिवस पर हम सव मिलकर इस दिशा में हर संभव योगदान देने का निश्चय करें जिससे कि पीने का पानी की समस्या से निजात मिलें।
जितना पानी हम भूगर्भ से ले रहे है हमको उतना ही भूगर्भ में वापिस भी करना होगा तभी संतुलन बना रहेगा। कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुय संस्था प्रमुख रवि गोयल ने बताया कि आज विश्व भूगर्भ जल दिवस पर मदकपुरा स्थित खुले परिसर में लोगो का जिनमें खासतौर से महिलाऐ एवं किशोरी बालिकाए जो कि इस दिशा में महत्वूपर्ण भूमिका निभा सकती है इसके लिए जल संरक्षण के पारंपरिक ज्ञान को पुनजीर्वित करने की नितंात आवश्यकता है।
मदकपुरा की सुपोषण सखी नीलम द्वारा कोविड 19 से बचाव के जागरुकता अभियान के साथ आस पास की महिलाओं को अपने अपने घरों में जल के सरंक्षण के लिए जल स्त्रोत बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है एवं पानी भरने की जगह पर भी जाकर लोगों को पानी की एक एक बंूद बचाने के लिए जागरुक किया जा रहा है।
शिवपुरी। विश्व भूगर्भ जल दिवस 2020 के उपलक्ष्य में स्वयं सेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी के द्वारा मदकपुरा में सोसल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये मदकपुरा में खुल परिसर में महिलाओं एवं किशोरियों से पांरपरिक जल सरंक्षण के ज्ञान का पुनजीर्वित करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया
जिसमें कि लोक स्वास्थ्य यात्रिंकीय विभाग के सव डिविजनल ऑफीसर पीएचई एस.के.पंचरत्न द्वारा पीने योग्य पानी का मुख्य स्त्रोत केवल भूगर्भ जल ही हैं और जैसे जैसे इन्सान शहरो की तरफ मुड़ रहा है बैसे वैसे इन प्राकृतिक भूगर्भ जल स्त्रातों इनमें पुराने तालाबए वावड़ी, कुऐ जो पहले हर घर की शान हुऐ करते थे आज कल आप देखेगें कि नाम मात्र के रह गए हैं इस कारण पीने के पानी का विकराल संकट खड़ा हो गया हें पहले भूगर्भ जल स्त्रातों की पर्याप्त व्यवस्था होने से कभी पीने के पानी का संकट पैदा नही हुआ आज विश्व भूगर्भ जल दिवस पर हम सव मिलकर इस दिशा में हर संभव योगदान देने का निश्चय करें जिससे कि पीने का पानी की समस्या से निजात मिलें।
जितना पानी हम भूगर्भ से ले रहे है हमको उतना ही भूगर्भ में वापिस भी करना होगा तभी संतुलन बना रहेगा। कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुय संस्था प्रमुख रवि गोयल ने बताया कि आज विश्व भूगर्भ जल दिवस पर मदकपुरा स्थित खुले परिसर में लोगो का जिनमें खासतौर से महिलाऐ एवं किशोरी बालिकाए जो कि इस दिशा में महत्वूपर्ण भूमिका निभा सकती है इसके लिए जल संरक्षण के पारंपरिक ज्ञान को पुनजीर्वित करने की नितंात आवश्यकता है।
मदकपुरा की सुपोषण सखी नीलम द्वारा कोविड 19 से बचाव के जागरुकता अभियान के साथ आस पास की महिलाओं को अपने अपने घरों में जल के सरंक्षण के लिए जल स्त्रोत बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है एवं पानी भरने की जगह पर भी जाकर लोगों को पानी की एक एक बंूद बचाने के लिए जागरुक किया जा रहा है।
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