शिवपुरी-लॉकडाउन के हालातों में शिवपुरी मेडीकल कॉलेज में गुजराज प्रदेश से काम करने आए मजदूर अब जब किसी प्रकार का कोई काम नहीं हो रहा है तब ऐसे हालातों में यह मजदूर भी शिवपुरी में फंसकर रह गए। इस दौरान जब इन्हें पता चला कि सरकार द्वारा अपने प्रयासों के माध्यम से मजदूरों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की गई है तो यह मजदूर भी करीब आधा सैकड़ा की संख्या में कलेक्ट्रेट जा पहुंचे और यहां जिलाधीश कार्यालय में अपने गांव जाने की मांग करने लगे।
लेकिन किसी ने इनकी परेशानी को नहीं समझा और इनके आवेदनों को ऑनलाईन आवेदन के माध्यम से घर भेजने का आश्वासन दिया जब यह ऑनलाईन आवेदन करने पहुंचे तो वहां बताया गया कि इनका आवेदन नहीं होगा और अनुमति के लिए कलेक्ट्रेट जाकर ही अपनी समस्या का समाधान कराए।
करीब आधा सैकड़ा की संख्या में यह मजदूर सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे लेकिन यहां भी इनके हाथ निराशा लगी और इन्होंने अपना दु:ख दर्द मीडिया के समक्ष बयां किया। बताया गया है कि यह मजदूर गुजरात के रहने वाले है और बीते कुछ समय से शिवपुरी मेडीकल कॉलेज में चल रहे निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे लेकिन जैसे ही लॉकडाउन लागू हुआ तब से वह यहीं फंसकर रह गए।
अब इन मजदूरों के हाथों में ना तो काम है और ना ही पैसा जिससे इन्हें खाना और पीना दोनों ही बमुश्किल गुजर-बसर करना पड़ रहा है। ऐसे में इन मजदूरों ने अपने घर वापसी को लेकर जिलाधीश के समक्ष गुहार लगाई और बार-बार यह ऑफिस-ऑफिस की भांति ही घूम रहे है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
लेकिन किसी ने इनकी परेशानी को नहीं समझा और इनके आवेदनों को ऑनलाईन आवेदन के माध्यम से घर भेजने का आश्वासन दिया जब यह ऑनलाईन आवेदन करने पहुंचे तो वहां बताया गया कि इनका आवेदन नहीं होगा और अनुमति के लिए कलेक्ट्रेट जाकर ही अपनी समस्या का समाधान कराए।
करीब आधा सैकड़ा की संख्या में यह मजदूर सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे लेकिन यहां भी इनके हाथ निराशा लगी और इन्होंने अपना दु:ख दर्द मीडिया के समक्ष बयां किया। बताया गया है कि यह मजदूर गुजरात के रहने वाले है और बीते कुछ समय से शिवपुरी मेडीकल कॉलेज में चल रहे निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे लेकिन जैसे ही लॉकडाउन लागू हुआ तब से वह यहीं फंसकर रह गए।
अब इन मजदूरों के हाथों में ना तो काम है और ना ही पैसा जिससे इन्हें खाना और पीना दोनों ही बमुश्किल गुजर-बसर करना पड़ रहा है। ऐसे में इन मजदूरों ने अपने घर वापसी को लेकर जिलाधीश के समक्ष गुहार लगाई और बार-बार यह ऑफिस-ऑफिस की भांति ही घूम रहे है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
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