जिला प्रशासन द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए ठहरने और खाने.पीने की व्यवस्था
शिवपुरी-कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉक डाउन घोषित कर दिया गया। ऐसे में कई प्रवासी श्रमिक जो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में या अन्य प्रदेशों में काम कर रहे थे उन्हें अपने घरों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन सरकार द्वारा इन्हें इनके घरों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया गया है। शिवपुरी जिले में राजस्थान से लगने वाली सीमा कोटा नाका पर प्रतिदिन कई प्रवासी श्रमिक आते हैं। इस क्रम में अभी तक ढाई हजार से अधिक श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया गया है। जिला प्रशासन द्वारा इनके खाने.पीने के साथ ही ठहरने के भी इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रमिकों और उनके परिवारों को कोई असुविधा ना हो। सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए यहां श्रमिकों के रुकने के लिए हॉल में व्यवस्था की गई है। जो श्रमिकों के लिए 24 घंटे खुले हैं।
ताजा खाना मिले इसलिए कोटा नाका पर ही किचन की व्यवस्था
प्रशासन द्वारा यहां प्रतिदिन सैकड़ों प्रवासी श्रमिकों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। उन्हें सुबह-शाम गुणवत्ता युक्त खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी गर्मी का समय है जिसके कारण खाना खराब ना हो। इसलिए कोटा नाका पर ही किचन की व्यवस्था है जहां स्वच्छता का ध्यान रखते हुए प्रतिदिन खाने के पैकेट तैयार किए जाते हैं और वितरित किये जाते हैं।
नाके पर की जा रही है स्क्रीनिंग, फिर पहुंचाया जा रहा घरों पर
प्रशासन द्वारा नाकों पर टीम तैनात की गई है ताकि बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग भी तत्काल की जा सके। इसमें मेडिकल टीम द्वारा नाके पर आने वाले प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है।
34 जिलों के लिए 62 बसों से श्रमिकों को घर भेजा गया कोटा नाका से प्रतिदिन श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है। अभी तक 34 जिलों के लिए 62 बसें भेजकर श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया गया है। जिसमें अनूपपुर, अशोकनगर, आगर मालवा, उमरिया, कटनी, ग्वालियर, गुना, छतरपुर, जबलपुर, टीकमगढ़, डिंडोरी, दतिया, दमोह, नीमच, पन्ना, भिंड, मंडला, मुरैना, रायसेन, खंडवा, विदिशा, शहडोल, सिवनी, श्योपुर, सतना, सागर, सिंगरौली, सीधी, झाबुआ, राजगढ़, भोपाल, छिंदवाड़ा, सीहोर व बैतूल जिला शामिल हैं।
शिवपुरी-कोरोना वायरस महामारी के कारण लॉक डाउन घोषित कर दिया गया। ऐसे में कई प्रवासी श्रमिक जो प्रदेश के अलग-अलग जिलों में या अन्य प्रदेशों में काम कर रहे थे उन्हें अपने घरों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन सरकार द्वारा इन्हें इनके घरों तक पहुंचाने का जिम्मा उठाया गया है। शिवपुरी जिले में राजस्थान से लगने वाली सीमा कोटा नाका पर प्रतिदिन कई प्रवासी श्रमिक आते हैं। इस क्रम में अभी तक ढाई हजार से अधिक श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया गया है। जिला प्रशासन द्वारा इनके खाने.पीने के साथ ही ठहरने के भी इंतजाम किए गए हैं ताकि श्रमिकों और उनके परिवारों को कोई असुविधा ना हो। सोशल डिस्टेंस को ध्यान में रखते हुए यहां श्रमिकों के रुकने के लिए हॉल में व्यवस्था की गई है। जो श्रमिकों के लिए 24 घंटे खुले हैं।
ताजा खाना मिले इसलिए कोटा नाका पर ही किचन की व्यवस्था
प्रशासन द्वारा यहां प्रतिदिन सैकड़ों प्रवासी श्रमिकों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है। उन्हें सुबह-शाम गुणवत्ता युक्त खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी गर्मी का समय है जिसके कारण खाना खराब ना हो। इसलिए कोटा नाका पर ही किचन की व्यवस्था है जहां स्वच्छता का ध्यान रखते हुए प्रतिदिन खाने के पैकेट तैयार किए जाते हैं और वितरित किये जाते हैं।
नाके पर की जा रही है स्क्रीनिंग, फिर पहुंचाया जा रहा घरों पर
प्रशासन द्वारा नाकों पर टीम तैनात की गई है ताकि बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग भी तत्काल की जा सके। इसमें मेडिकल टीम द्वारा नाके पर आने वाले प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है।
34 जिलों के लिए 62 बसों से श्रमिकों को घर भेजा गया कोटा नाका से प्रतिदिन श्रमिकों को उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है। अभी तक 34 जिलों के लिए 62 बसें भेजकर श्रमिकों को उनके घर पहुंचाया गया है। जिसमें अनूपपुर, अशोकनगर, आगर मालवा, उमरिया, कटनी, ग्वालियर, गुना, छतरपुर, जबलपुर, टीकमगढ़, डिंडोरी, दतिया, दमोह, नीमच, पन्ना, भिंड, मंडला, मुरैना, रायसेन, खंडवा, विदिशा, शहडोल, सिवनी, श्योपुर, सतना, सागर, सिंगरौली, सीधी, झाबुआ, राजगढ़, भोपाल, छिंदवाड़ा, सीहोर व बैतूल जिला शामिल हैं।
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