कोल्ड ड्रिंक पीने से एक व्यक्ति की मौत, एक बालिका गंभीर रूप से बीमार
माजा पीने के बाद हुई खून की उल्टियां सुनार की मौत,सिद्धिविनायक अस्पताल पर खड़े हुए सवाल
शिवपुरी। शिवपुरी कोतवाली अंतर्गत आज रविवार को पोहरी रोड पर एक व्यक्ति की माजा कोल्ड ड्रिंक पीने से मौत हो गई है। जबकि उसकी बालिका गंभीर रूप से बीमार है जिसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। शहर के पोहरी रोड पर निवासरत मनोज सोनी ने किसी दुकान स्टोर से माजाली थी आज रविवार को जब उसने व बालिका ने यह माजा पी तो मनोज सोनी व सलोनी सोनी की तबीयत बिगड़ गई साथ ही खून की उल्टी भी हुई।अचानक दोनों को पहले प्राइवेट हॉस्पिटल सिद्धिविनायक में लाया गया यहां मनोज को सिद्धिविनायक अस्पताल से शिवपुरी जिला चिकित्सालय में भेज दिया गया यहां पर उसकी मौत हो गई वहीं बालिका सोनिया की हालत गंभीर बनी हुई है। सूचना मिलने के बाद जिला चिकित्सालय में पुलिस और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। मृतक मनोज सोनी के पिता राधे श्याम सोनी ने बताया है कि उनके पुत्र मनोज सोनी ने शनिवार की रात को एक दुकान से माजा ली थी जिसे आज सुबह पिया तो उसकी तबीयत बिगड़ गई और खून की उल्टी हुई बाद में उसकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार शहर के पोहरी रोड अमृत बिहारी कॉलोनी में निवासरत मनोज सोनी ने शनिवार को दुकान स्टोर से माजा कोल्डड्रिंक की बोतल ली थी। रविवार को मनोज व उसकी पुत्री सलोनी ने माजा की बोतल पीने के लिए निकाली। लेकिन कड़वा स्वाद होने की वजह से सलोनी ने थोड़ी कोल्डड्रिंक पी लेकिन मनोज पूरी कोल्डड्रिंक पी गया। कोल्डड्रिंक पीने के बाद पिता.पुत्री की हालत बिगडऩे लगेे और उल्टी करने लगे। तबीयत बिगड़ती देख परिजन दोनों को इलाज के लिए प्रायवेट हॉस्पिटल लेकर आए जहां सलोनी तो ठीक हो गई लेकिन मनोज की तबीयत ज्यादा खराब होने से उसे जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। जब मनोज सोनी को इलाज के लिए अस्पताल लाया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना के बाद मौके पर पुलिस औेर अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे।
यह कैसी मानवीयता, सिद्धिविनाय हॉस्पिटल ने खड़े किए हाथ!
क्या पैसा कमाना ही सबकुछ है कुछ इसी तरह के भाव नजर आते है शहर के पोहरी रोड़ स्थित मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल सिद्धि विनायक में जहां एक मरीज मनोज सोनी जो अस्पताल के समीप ही हनुमान कॉलोनी में निवासरत होकर जब परिजनों द्वारा अस्पताल लाया जाता है तो यहां अस्पताली प्रबंधन द्वारा हाथ ही खड़े कर लिए जाते है जबकि इस हॉस्पिटल में विशेषताओं की कमी नहीं है वैंटीलेंटर और विशेषज्ञ चिकित्सक भी है बाबजूद इसके अस्पताल में मरीज को समय पर उपचार ना देकर उसे शासकीय अस्पताल रैफर करना यह न्यायोचित नहीं हो सकता। इस मामले में सिद्धिविनायक अस्पताल प्रबंधन की करतूतें भी सामने आती है जहां जब संस्थान को पैसा मिले तो मरीज का उपचार यदि कहीं हालात बिगड़ जाए तो तुरंत अस्पताल से बाहर कर शासकीय अस्पताल भेज दिया जाता है। यहां सिद्धिविनायक हॉस्पिटल में मानवीयता नहीं बल्कि पैसा ही प्रमुख होता है जिसके चलते यहां मरीजों को उपचार के नाम पर ठगा जा रहा है और अच्छा खासा बिल थमाकर परिजनों और मरीज का शोषण किया जा रहा है।
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