शिवपुरी- जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी सतलोक आश्रम बरवाला जिला हिसार हरियाणा के मार्गदर्शन में उनके अनुयाईयों ने जिसमें शिवपुरी निवासी चंचल संग श्रुति एवं प्रियंका संग जितेंद्र दो शादी संपन्न हुई जिसमें मात्र 12 व्यक्ति सम्मिलित हुए यह लॉक डाउन का असर नहीं बल्कि संत रामपाल जी के अनुयाई हमेशा ऐसे ही शादी करते हैं ना बैंड बाजे न घोड़ी ना बराती ना दहेज ना टेंट लगाने का झंझट मात्र 17 मिनट में रमैणी पद्यति से शादी हुई चंचल त्यागी जो कि पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर के पद पर मंदसौर में पदस्थ हैं अपने गुरुदेव जी के आज्ञा अनुसार एक रुपए भी दहेज में नहीं लिया।
दिल्ली निवासी संत रामपाल जी के अनुयाई हरिओम मिश्रा ने अपने पुत्री श्रुति की शादी चंचल के साथ दहेज रहित सादी की दूसरी चंचल की बहन प्रियंका त्यागी की शादी जबलपुर निवासी संत रामपाल जी के अनुयाई रमेश बैरागी के सुपुत्र जितेंद्र बैरागी के साथ दहेज रहित शादी संपन्न हुई। ध्यान रखें संत रामपाल जी के अनुयायियों को किसी भी तरह के लग्न पंडित की आवश्यकता नहीं पड़ती, यह 12 महीने 24 घंटे कभी भी शादी कर सकते हैं, शादी के लिए कोई उत्सव का माहौल नहीं होता बल्कि एक साधारण वचन शक्ति से संपन्न रिवाज होती है क्योंकि Óवशिष्ठ मुनि से तत्वेता ज्ञानी शोध के लग्न धरें दशरथ मरण हरण सीता का वन वन राम फिरेंÓ जिस तरह से एक जलते हुए दीपक को कमजोर समझ कर हवा बुझा देता है लेकिन वही हवा जलते हुए अग्नि को और तेज कर देता है,
ठीक इसी तरह एक आम इंसान देवी देवता भूत पिशाचों की पूजा करने वाला यदि बिना सुदीन लगन के शादी करेंगे तो उन्हें बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन संत रामपाल जी के अनुयाई जलते हुए अग्नि की तरह हैं क्योंकि ये पूर्ण परमात्मा के उपासक हैं जिस कारण से यही देवी देवता भूत पिशाच उनको नुकसान करने के बजाए और तेज कर देते हैं यानी यही देवी देवता भूत पिशाच उनका सहयोग करते हैं।
दिल्ली निवासी संत रामपाल जी के अनुयाई हरिओम मिश्रा ने अपने पुत्री श्रुति की शादी चंचल के साथ दहेज रहित सादी की दूसरी चंचल की बहन प्रियंका त्यागी की शादी जबलपुर निवासी संत रामपाल जी के अनुयाई रमेश बैरागी के सुपुत्र जितेंद्र बैरागी के साथ दहेज रहित शादी संपन्न हुई। ध्यान रखें संत रामपाल जी के अनुयायियों को किसी भी तरह के लग्न पंडित की आवश्यकता नहीं पड़ती, यह 12 महीने 24 घंटे कभी भी शादी कर सकते हैं, शादी के लिए कोई उत्सव का माहौल नहीं होता बल्कि एक साधारण वचन शक्ति से संपन्न रिवाज होती है क्योंकि Óवशिष्ठ मुनि से तत्वेता ज्ञानी शोध के लग्न धरें दशरथ मरण हरण सीता का वन वन राम फिरेंÓ जिस तरह से एक जलते हुए दीपक को कमजोर समझ कर हवा बुझा देता है लेकिन वही हवा जलते हुए अग्नि को और तेज कर देता है,
ठीक इसी तरह एक आम इंसान देवी देवता भूत पिशाचों की पूजा करने वाला यदि बिना सुदीन लगन के शादी करेंगे तो उन्हें बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं लेकिन संत रामपाल जी के अनुयाई जलते हुए अग्नि की तरह हैं क्योंकि ये पूर्ण परमात्मा के उपासक हैं जिस कारण से यही देवी देवता भूत पिशाच उनको नुकसान करने के बजाए और तेज कर देते हैं यानी यही देवी देवता भूत पिशाच उनका सहयोग करते हैं।
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