शिवपुरी। स्वंय सेवी संस्था द्वारा विगत दो सप्ताह पहले एक बालिका बधू बनने जा रही परी परिवर्तित नाम को आत्म निर्भर बनाने का बीड़ा उठाया था उसी कड़ी में एक सराहनीय कदम संस्था द्वारा उठाया गया। अधिक जानकारी देते हुये संस्था के संयोजक रवि गोयल ने बताया कि दो सप्ताह पहले संस्था की टीम ने बालिका के घर विजिट किया था एवं संस्था द्वारा पूछने पर बालिका द्वारा सिलाई सिखने की ईच्छा व्यक्त की थी
उसी के तारतम्य में संस्था ने एक सिलाई मशीन बालिका बधू को उपहार स्वरुप भेंट की एवं उनके घर के पास स्थित डिप्लोमाधारी सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षक श्रीमती कमलेश जाटव को सिलाई, सूट व व्लाउज सिलने का पूरा कोर्स करने के लिए नियुक्त किया। सर्वप्रथम बालिका को बाजार से कच्चा माल उपलब्ध कराया जो उसे सिलाई में आवश्यक था परी ने चंद दिनों में ही कॉटन के मास्क बनाए जिनकी अभी बहुत ज्यादा आवश्यकता है कोरोना वायरस के चलते सभी को मास्क लगाना अनिवार्य है यह देखते हुए परी ने सबसे पहले मास्क बनाना सिखा एवं उन्हें अपने भाई के साथ बेचना शुरू किया लोगों ने खुशी.खुशी नीतू के मास्क लेना शुरू किया
जिससे उसे इन्कम होने लगी इस कारण परी में और अधिक आत्मविश्वास जागा जिससे यह काम निरंतर मन लगाकर कर रही है एवं वह आज खुश है कि वह अपने माता एवं अपने भाई की कुछ मदद कर पा रही है और उसे एक नई पहचान मिली आज परी को एक नई दिशा मिली जिससे वह अपने सपने साकार कर सकती है संस्था द्वारा की गई है छोटी सी पहल हमें यह बात सिखाती है कि हर इंसान के कुछ ना कुछ सपने होते हैं और हमें उन्हें पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी चाहिए ताकि हम एक दिन सफल इंसान बन सके।
उसी के तारतम्य में संस्था ने एक सिलाई मशीन बालिका बधू को उपहार स्वरुप भेंट की एवं उनके घर के पास स्थित डिप्लोमाधारी सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षक श्रीमती कमलेश जाटव को सिलाई, सूट व व्लाउज सिलने का पूरा कोर्स करने के लिए नियुक्त किया। सर्वप्रथम बालिका को बाजार से कच्चा माल उपलब्ध कराया जो उसे सिलाई में आवश्यक था परी ने चंद दिनों में ही कॉटन के मास्क बनाए जिनकी अभी बहुत ज्यादा आवश्यकता है कोरोना वायरस के चलते सभी को मास्क लगाना अनिवार्य है यह देखते हुए परी ने सबसे पहले मास्क बनाना सिखा एवं उन्हें अपने भाई के साथ बेचना शुरू किया लोगों ने खुशी.खुशी नीतू के मास्क लेना शुरू किया
जिससे उसे इन्कम होने लगी इस कारण परी में और अधिक आत्मविश्वास जागा जिससे यह काम निरंतर मन लगाकर कर रही है एवं वह आज खुश है कि वह अपने माता एवं अपने भाई की कुछ मदद कर पा रही है और उसे एक नई पहचान मिली आज परी को एक नई दिशा मिली जिससे वह अपने सपने साकार कर सकती है संस्था द्वारा की गई है छोटी सी पहल हमें यह बात सिखाती है कि हर इंसान के कुछ ना कुछ सपने होते हैं और हमें उन्हें पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी चाहिए ताकि हम एक दिन सफल इंसान बन सके।
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