ऑनलाइन कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय कवि समर, योगेंद और रुचि ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
शिवपुरी-पिछले 28 दिनों से निरंतर चल रहे ऑनलाइन कवि सम्मेलन में मंगलवार को पुलिस बल के शहीदो को समर्पित काव्य पाठ में राष्ट्रीय कवि मदनमोहन समर भोपाल, योगेंद्र शर्मा भीलवाड़ा, रुचि चतुर्वेदी आगरा के साथ पुलिस बल के अमित दुबे ललितपुर, आशुतोष चौहान गुना और राहुल राय अनूपपुर ने आशुतोष ओज के साथ वीर रस से परिपूर्ण काव्य प्रस्तुति देकर नमन किया। सर्वप्रथम कार्यक्रम की संचालक रिया माथुर ने हमेशा की तरह सरस्वती वंदना के लिए पूजा तोमर झांसी को आमंत्रित कर पटल पर माँ शारदे का आव्हान किया, तत्पश्चात करैरा महाविद्यालय के प्राचार्य शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार लखनलाल खरे ने पूरे कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की। कार्यक्रम की अतिथि कवियित्री डॉ रुचि चतुर्वेदी आगरा ने स्व देवेंद्र चंद्रवंशी व समस्त पुलिस कर्मियों को समर्पित देश नमन करता है ऐसे देशभक्त मतवालों कोएमातृभूमि पे शीश च?ाने वाले इन रखवालों कोएनमन तिरंगा नमन भारती प्राण लय नित बोलोएआओ मिलकर देशभक्त इन वीरों की जय जय बोलो गीत सुनाकर पटल को महकाया।
भीलवाड़ा से आने वाले देश के ख्यातिमान ओज कवि योगेंद शर्मा ने कालिमा की छातियों पे जोत की ज्वाला जला दी, मौत ने तांडव किया तो जिंदगी की धुन बजा दीएहे नमन प्रलय के सामने मुस्तेद होकरए देश की खातिर जिन्होंने जान की बाजी लगा दी सुनाकर सभी के मन देशभक्ति की बयार बहा दी।
भोपाल में स्वयम पुलिस अधिकारी देश के ख्यातिनाम वीर रस के कवि मदनमोहन समर ने चिता जलने से मरेंगे नही, देवेंद्र चंद्रवंशी ने उत्तीरन की थी पुलिस की परीक्षा, पहनी थी वर्दी, इरादे का अशोक चक्र रखा था अपने सिर पे, पानी बरसे तपे दिन या कंपकपाती सर्दी, उसे तो खड़े रहने था सबकी हिफाजत को जैसे ही सुनाया भावनाओ की अभिव्यक्ति सी हो गयी सभी ने नतमस्तक होकर पुलिस बल को सभी शहीदों का पुण्य स्मरण किया। इससे पूर्व आशुतोष ओज ने आज देश पर महाप्रलय की घोर घटा सी छायी हैएशत्रु सामने नही है लेकिन प्राणों पर बन आयी हैएउस शत्रु से जन रक्षा की जिसने कसम उठायी हैएउस खाकी के सम्मुख देखो कदम कदम कठिनायी है प्रस्तुत कर भूमिका प्रस्तुत की।
अनूपपुर में यातायात पुलिस में सेवाएं दे रहे राहुल राय वनखेड़ी ने सीमाओं पे लडऩे बेटे नित नित जाते हैएमातृभूमि की रक्षा हेतु लहू बहाते हैएउनकी शहादत की कीमत हम क्या चुका पायेंगेए चलो मिलकर हम उन्हें शीश झुकाते है। ललितपुर में पुलिसकर्मी अमित दुबे ने तुम्हारे सेवा भाव से अभिसिंचित हमारा ये वतन हैएहे मातृभूमि के कर्मवीर तुम्हे शत शत नमन है प्रस्तुत की। गुना के पुलिस कर्मी आशुतोष चौहान ने भी कविता प्रस्तुत की। आभार प्रदर्शन अंत मे सुनील बंसल ने व्यक्त किया। 100 से भी अधिक पुलिस अधिकारी व पुलिस कर्मियों ने कवि सम्मेलन को सुना इनके अतिरिक्त हजारों लोगों ने ऑनलाइन कवि सम्मेलन को शोसल साइड पर सुना।
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