ना ही समिति सदस्य ना ही किया आवेदन और मृतकों के नाम मृतक के नाम पर समिति प्रबंधक ने लाखों के किए बारे-न्यारेशिवपुरी- सरकार की मंशाओं पर किस प्रकार से पानी फेरा जाकर स्वयं के हित पूरे किए जाते है इसकी नजीर देखने को मिली जिले के नरवर क्षेत्रांतर्गत आने वाली प्राथ.कृषि साख सहकारी समिति दिहायला में जहंा पदस्था संस्था प्रबंधक ने ऐसे लोगों जो ना तो संस्था के सदस्य है और ना ही उन्होंने कोई ऋण लिया है यह तो ठीक है इसके अलावा कई किसान जो इस दुनिया में मौजूद भी नहीं है और मृतक है उनके नाम पर भी दिहायला संस्था प्रबंधक द्वारा राशि ऋण के नाम पर लाखों रूपये आहरित किए और स्वयं के बारे-न्यारे किए। इस मामले में प्रशासन की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है जिसमें प्रार्थी द्वारा करीब डेढ़ वर्ष पूर्व ना केवल संबंधित विभाग जिला उप पंजीयक, पुलिस चौकी सुनारी, अपर कलेक्टर शिवपुरी बल्कि कलेक्टर शिवपुरी को भी स्वयं और जनसुनवाई के माध्यम से अपनी पीड़ा बताई लेकिन इस ओर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई और आज भी वह प्रबंधक सरेआम संस्था का प्रबंधक बना बैठा है और मामले में प्रशासन की चुप्पी पर भी अब सवाल उठने लगे है।
ना तो सदस्य ना ही लिया ऋण बाबजूद इसके 67 हजार रूपये का बना दिया ऋणदाताइस पूरे मामले की शिकायत करने वाले प्रार्थी महेन्द्र पुत्र स्व.सीताराम पाठक निवासी ग्राम पंचायत दिहायला तहसील नरवर जिला शिवपुरी वर्तमान निवासी कमलागंज शिवपुरी ने बताया कि वह 3 बीघा कृषि भूमि के परिवार में साझेदार है और उन्होंने किसी भी प्रकार का कोई ऋण प्रा.कृषि साख सह.समिति दिहायला से नहीं लिया बाबजूद इसके उन्हें 67509 रूपये का ऋणदाता बना दिया, जब यह जानकारी प्रार्थी महेन्द्र कुमार पाठक को लगी तो वह समिति प्रबंधक के पास पहुंचे और अपनी आपत्ति दर्ज कराई लेकिन प्रबंधक ने उनकी एक ना सुनी और महेन्द्र पाठक के नाम से 67507 रूपये आहरित कर लिए। महेन्द्र पाठक का कहना है कि अपनी इस व्यथा को लेकर 19 नवम्बर 2019 को पुलिस चौकी सुनारी पहुंचे और समिति प्रबंधक कोमल प्रसाद जैन के विरूद्ध धोखाधड़ी करने को लेकर मामला पंजीबद्ध करने की शिकायत की लेकिन यहां पुलिस ने आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद महेन्द्र पाठक जिला उप पंजीयक के पास भी पहुंचे और अपर कलेक्टर व जिला कलेक्टर को भी 12 मई 2019 जनसुनवाई के माध्यम से अपनी शिकायत बताई लेकिन प्रशासन ने प्रार्थी महेेन्द्र की इस शिकायत को नजर अंदाज किया और इस दौरान जब शासन द्वारा ऋण माफी के तहत समझौता किया जा रहा था कि यह जानकारी भी महेन्द्र को लगी तो उन्होंने कॉपरेटिव बैंक में अपनी आपत्ति दर्ज कराई कि जब कोई ऋण लिया ही नहीं तो माफ करने का तो सवाल ही नहीं उठता। इस मामले में जांच की जाए और जिसने यह ऋण प्राप्त किया उसके विरूद्ध जांच कर संबंधित से वसूली हो और दोषी के खिलाफ उचित दण्डात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए।
...और मृतक के नाम पर भी ऋण कर लिया आहरितऐसा नहीं है कि यह घटना केवल महेन्द्र पाठक के साथ हुई हो बल्कि दिहायला समिति प्रबंधक कोमलप्रसाद जैन द्वारा अपने कारनामे इस तरह भी किए गए कि बीती 7 जुलाई 2001 को मृत हुए रामदयाल पुत्र बल्देवा सिंह रावत निवासी राजपुर की मृत्यु हो चुकी है बाबजूद इसके मृतक लखन सिंह रावत के नाम से भी 40,400 रूपये की राशि समिति द्वारा आहरित कर ली गई। ऐसे में जब मृतक ही ऋणदाता होंगें तो फिर उसकी वसूली कैसे होगी यह भी बड़ा सवाल है। चूॅकि यह पूरा मामला दिहायला समिति प्रबंधक से जुड़ा हुआ है इसलिए मामले में समिति प्रबंधक के खिलाफ जांच की जाना आवश्यक है और इस मामले में जो भी फर्जी रूप से ऋण आहरित किया गया है उसकी वसूली की जाए व प्रबंधक के विरूद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
इनका कहना है-
इस मामले की शिकायत की गई है तो हम मामले की जांच कराऐंगें और दोषी के खिलाफ जांच कराते हुए उचित कार्यवाही की जाएगी।
श्रीमती अनुग्रह पी.
कलेक्टर, शिवपुरी
ना तो सदस्य ना ही लिया ऋण बाबजूद इसके 67 हजार रूपये का बना दिया ऋणदाताइस पूरे मामले की शिकायत करने वाले प्रार्थी महेन्द्र पुत्र स्व.सीताराम पाठक निवासी ग्राम पंचायत दिहायला तहसील नरवर जिला शिवपुरी वर्तमान निवासी कमलागंज शिवपुरी ने बताया कि वह 3 बीघा कृषि भूमि के परिवार में साझेदार है और उन्होंने किसी भी प्रकार का कोई ऋण प्रा.कृषि साख सह.समिति दिहायला से नहीं लिया बाबजूद इसके उन्हें 67509 रूपये का ऋणदाता बना दिया, जब यह जानकारी प्रार्थी महेन्द्र कुमार पाठक को लगी तो वह समिति प्रबंधक के पास पहुंचे और अपनी आपत्ति दर्ज कराई लेकिन प्रबंधक ने उनकी एक ना सुनी और महेन्द्र पाठक के नाम से 67507 रूपये आहरित कर लिए। महेन्द्र पाठक का कहना है कि अपनी इस व्यथा को लेकर 19 नवम्बर 2019 को पुलिस चौकी सुनारी पहुंचे और समिति प्रबंधक कोमल प्रसाद जैन के विरूद्ध धोखाधड़ी करने को लेकर मामला पंजीबद्ध करने की शिकायत की लेकिन यहां पुलिस ने आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद महेन्द्र पाठक जिला उप पंजीयक के पास भी पहुंचे और अपर कलेक्टर व जिला कलेक्टर को भी 12 मई 2019 जनसुनवाई के माध्यम से अपनी शिकायत बताई लेकिन प्रशासन ने प्रार्थी महेेन्द्र की इस शिकायत को नजर अंदाज किया और इस दौरान जब शासन द्वारा ऋण माफी के तहत समझौता किया जा रहा था कि यह जानकारी भी महेन्द्र को लगी तो उन्होंने कॉपरेटिव बैंक में अपनी आपत्ति दर्ज कराई कि जब कोई ऋण लिया ही नहीं तो माफ करने का तो सवाल ही नहीं उठता। इस मामले में जांच की जाए और जिसने यह ऋण प्राप्त किया उसके विरूद्ध जांच कर संबंधित से वसूली हो और दोषी के खिलाफ उचित दण्डात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए।
...और मृतक के नाम पर भी ऋण कर लिया आहरितऐसा नहीं है कि यह घटना केवल महेन्द्र पाठक के साथ हुई हो बल्कि दिहायला समिति प्रबंधक कोमलप्रसाद जैन द्वारा अपने कारनामे इस तरह भी किए गए कि बीती 7 जुलाई 2001 को मृत हुए रामदयाल पुत्र बल्देवा सिंह रावत निवासी राजपुर की मृत्यु हो चुकी है बाबजूद इसके मृतक लखन सिंह रावत के नाम से भी 40,400 रूपये की राशि समिति द्वारा आहरित कर ली गई। ऐसे में जब मृतक ही ऋणदाता होंगें तो फिर उसकी वसूली कैसे होगी यह भी बड़ा सवाल है। चूॅकि यह पूरा मामला दिहायला समिति प्रबंधक से जुड़ा हुआ है इसलिए मामले में समिति प्रबंधक के खिलाफ जांच की जाना आवश्यक है और इस मामले में जो भी फर्जी रूप से ऋण आहरित किया गया है उसकी वसूली की जाए व प्रबंधक के विरूद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
इनका कहना है-
इस मामले की शिकायत की गई है तो हम मामले की जांच कराऐंगें और दोषी के खिलाफ जांच कराते हुए उचित कार्यवाही की जाएगी।
श्रीमती अनुग्रह पी.
कलेक्टर, शिवपुरी
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