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Tuesday, January 14, 2020

झोलाछाप के उपचार से गई एक की जान!

शिवपुरी-आखिरकार जिला स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी के कारण झोलाछापों के उपचार से एक बार फिर एक मरीज की मौत हो गई। इस घटना में बीमारी का उपचार कराने गए मरीज के परिजन जब मरीज को लुकवासा चौकी के ग्राम रिजौदा में उपचार को लेकर एक झोलाछाप क्लीनिक पर गए तो कुछ समय उपचार के बाद आराम मिला लेकिन बाद में करीब 2 घंटे बाद मरीज ने दम तोड़ दिया। इस मौत के बाद परिजनों ने चौकी में पहुंचकर आरोपी झोलाछाप चिकित्सक के विरूद्ध मरीज की जान जाने कोलेकर हत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की। यहां लुकवासा चौकी पर परिजनों का हंगाम देख कोलारस थाना प्रभारी सतीश चौहान ने मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस ने मृतक का पीएम कराया और परिजनों को हर संभव जांच कर उचित कार्यवाही किए जाने का भरोसा दिलाया।
जानकारी के अनुसार कोलारस क्षेत्र की लुकवासा चौकी अंतर्गत आने वाले ग्राम रिजोदा में रहने वाले गणेश राम पुत्र रामबाबू बाथम  बीमार हो गया था जिसे उसके परिजनों द्वारा उपचार के लिए झोलाछाप चिकित्सक गिर्राज श्रीवास्तव को दिखाया और तत्समय तो मरीज गणेशराम को उपचार में आराम मिला लेकिन बाद में झोलाछाप गिर्राज श्रीवास्तव के इस उपचार के करीब 2 घंटे बाद मरीज गणेशराम की मौत हो गई। मरीज की मौत के बादर परिजनों द्वारा हंगामा किया गया और वह इस मामले में उपचार करने वाले चिकित्सक के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज करने की मांग पुलिस चौकी में करने लगे जिस पर पुलिस थाना कोलारस टीआई सतीश चौहान ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मृतक के परिजनों को आश्वासन दिया कि वह पहले मृतक गणेशराम का पीएम कराऐं और उसके बाद जो भी दोषी होगा उसमें परिजनों के बयानों व मामले की जांच उपरांत कार्यवाही की जाएगी। यहां मृतक गणेश राम वाथम के परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को करीब 3 बजे हम गणेशराम को बुखार का इलाज कराने लुकवासा में संचालित गिर्राज श्रीवास्तव क्लीनिक पर इलाज कराने ले गए थे जिसके बाद इलाज करा कर हम अपने गांव आ गए अचानक इलाज के 2 घंटे बाद उनकी मौत हो गई। मृत्य के परिजनों द्वारा पुलिस चौकी में शिकायत करते हुए झोलाछाप गिर्राज श्रीवास्तव के खिलाफ  हत्या का मामला दर्ज कराने की गुहार लगाई।
कोलारस में झोलाछाप पूर्व में भी ले चुके है मरीजों की जान, स्वास्थ्य अमले की कार्यवाही पर सवाल
ऐसा नहीं है कि कोलारस क्षेत्र में गणेशराम की मौत झोलाछाप के उपचार से हो गई बल्कि इसके पूर्व भी कोलारस में कई मासूमों की जान झोलाछापों ने अपने गलत इलाज के कारण ले ली है। यहां पूर्व में स्वास्थ्य विभाग द्वारा खूब कार्यवाही कर वाहवाही बटोरी लेकिन कुछ समय बाद ही हालात फिर सामान्य हो गए और झोलाछापों की एक बार फिर गतिविधियंा बढ़ा दी और आए दिन दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछापों द्वारा चिकित्सा इलाज के नाम पर अपनी दुकानें संचालित की जा रही है जिसकी जानकारी स्वास्थ्य अमले को होने के बाद भी इस ओर कोई कदम नहीं उठाया जारहा। कोलारस क्षेत्र में पदस्थ बीएमओ इस मामले में पूर्ण रूप से उदासीन बनी हुई है जहां सरेआम झोलाछाप एक ओर जहां नगर में अपनी क्लीनिक संचालित कर रहे है तो वहीं दूसरी ओर दूर-दराज के ग्रामों में भी झोलाछापों की दुकानें संचालित बनी हुई है। यदि समय रहते इन झोलाछापों पर कार्यवाही होती तो संभव है कि आज गणेशराम की मौत ना हुई होती। सूत्र बताते है कि इस मामले में स्वास्थ्य महकमा कोलारस की छवि भी सवालों के घेरे में है कि वह इस ओर कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा, कहीं यह सांठगांठ कापरिणाम तो नहीं। जिसके चलते झोलाछापों को अभयदान दिया जा रहा है।
इनका कहना है-
हां लुकवासा का मामला आया है जिसमें मर्क कायम कर पीएम करा सबको परिजनों को सौंप दिया गया है और बयानों के आधार पर उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
सतीश सिंह चौहानथाना प्रभारी कोलारस                                  
हमारे संज्ञान में ऐसा कोई मामला आया ही नहीं है और बिना सीएमएचओ साहब के आदेश के कुछ भी कहने में असमर्थ हूंॅ।
अलका त्रिवेदी
बीएमओ कोलारस

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