विद्यार्थी, गाँधी के आदर्शों को जीवन में आत्मसात करें : चौबेशिवपुरी। विद्यार्थी गाँधी के आदर्शों और मूल्यों को जीवन में आत्मसात कर समाज और देश के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। यह विचार मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन की जिला इकाई द्वारा स्थानीय वीर सावरकर पार्क स्थित बाल भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में 'गाँधी और हमारा समयÓ विषय पर बोलते हुए चिंतक, शिक्षाविद एम. एस. चौबे ने अध्यक्ष की आसंदी से व्यक्त किये। प्रारम्भ में अतिथियों ने महात्मा गाँधी के चित्र पर माल्यार्पण किया। तत्पश्चात इकाई अध्यक्ष विनय प्रकाश जैन 'नीरवÓ ने अतिथियों का स्वागत करते हुये कार्यक्रम का छात्रों के बीच आयोजित करने का उद्देश्य स्पष्ट किया। इकाई के उपाध्यक्ष डॉ. राम किशन श्रीवास्तव के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में कवि अरूण अपेक्षित ने आधार वक्तव्य में कहा कि महात्मा गाँधी एक सार्वकालिक और सर्वश्रेष्ठ दैशिक चिंतन दे कर गये हैं, जो हर समय प्रासंगिक है।
कार्यक्रम में गाँधी सेवाश्रम न्यास के अध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा ने कहा कि जो व्यक्ति अपने घर पर छोटे से छोटा काम कर सकता है, वही बड़ा आदमी बन सकता है। वरिष्ठ पत्रकार, लेखक प्रमोद भार्गव ने महात्मा गाँधी के सिद्वांतों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि गाँधी, अनावश्यक रूप से धन संचय के विरोधी थे। उन्होंने सामाजिक न्याय, समानता, सत्य, अहिंसा, ग्रामीण विकास व समाज के सबसे नीचे स्तर पर जीवन जीने वालों के साथ खड़े होकर अपने आंदोलनों को सफल बनाया। इस अवसर पर महात्मा गाँधी पर केन्द्रित भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की। प्रतियोगिता के निर्णायक रंगकर्मी, कवि दिनेश वशिष्ट एवं हास्य-व्यंग्य कवि राम पंडित ने छात्रों को भाषण देने की कला के टिप्स सिखाये। प्रतियोगिता के विजेता छात्रों यश यादव (प्रथम), कु. सुरभि गुप्ता (द्वितीय) और शिवम चौबे (तृतीय) को अतिथियों द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत मेें इकाई अध्यक्ष विनय प्रकाश जैन ने सभी का आभार व्यक्त करते हुये, अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये।
कार्यक्रम में गाँधी सेवाश्रम न्यास के अध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा ने कहा कि जो व्यक्ति अपने घर पर छोटे से छोटा काम कर सकता है, वही बड़ा आदमी बन सकता है। वरिष्ठ पत्रकार, लेखक प्रमोद भार्गव ने महात्मा गाँधी के सिद्वांतों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि गाँधी, अनावश्यक रूप से धन संचय के विरोधी थे। उन्होंने सामाजिक न्याय, समानता, सत्य, अहिंसा, ग्रामीण विकास व समाज के सबसे नीचे स्तर पर जीवन जीने वालों के साथ खड़े होकर अपने आंदोलनों को सफल बनाया। इस अवसर पर महात्मा गाँधी पर केन्द्रित भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की। प्रतियोगिता के निर्णायक रंगकर्मी, कवि दिनेश वशिष्ट एवं हास्य-व्यंग्य कवि राम पंडित ने छात्रों को भाषण देने की कला के टिप्स सिखाये। प्रतियोगिता के विजेता छात्रों यश यादव (प्रथम), कु. सुरभि गुप्ता (द्वितीय) और शिवम चौबे (तृतीय) को अतिथियों द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत मेें इकाई अध्यक्ष विनय प्रकाश जैन ने सभी का आभार व्यक्त करते हुये, अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये।
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