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Monday, December 23, 2019

जीवन में गुरू ऐसा हो जो चतुर्दिश विकास हेतु मार्गदर्शन दें : शांतिकुंज प्रतिनिधि राजेन्द्र जी

महायज्ञ में गायत्री मंत्रों की आहुतियों के साथ 142 दीक्षा, 2 पुंसवन,  2 मुंडन, 1 अन्नप्राशन, 2 विद्यारंभ संस्कार हुए संपन्न
शिवपुरी। गायत्री परिवार के संस्थापक वेदमूर्ति पं.श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के सूक्ष्म संरक्षण में गायत्री शक्तिपीठ पर चल रहे 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ में कल बड़ी संख्या में विभिन्न संस्कार संपन्न हुए। शांतिकुंज प्रतिनिधि राजेंद्र जी ने संस्कारों की महत्ता विशेषकर दीक्षा संस्कार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जीवन में एक ऐसे गुरु की नितांत आवश्यकता है जो हमारे जीवन के चतुर्दिश विकास हेतु आवश्यक मार्गदर्शन दे सके। यह गुरु ही हमारी मां हमारे पिता हमारे बुजुर्ग और वह व्यक्ति हैं जिन्हें जीवन की तमाम ज्वलंत समस्याओं का व्यवहारिक ज्ञान होता है। उपासना, साधना, आराधना हमारे राष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्तमान में हमारी पीढ़ी संस्कार विहीन होती जा रही है इसलिए बौद्धिक उन्नति के साथ हमारी सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित रहे इसलिए हमारी नई पीढ़ी को संस्कारित करना अनिवार्य है ।
दीक्षा एवं संस्कार हुए संपन्न
24 कुण्डीय महायज्ञ के दौरान दीक्षा एवं विभिन्न प्रकार के संस्कारों का भी आयोजन किया गया जिसमें महायज्ञ में गायत्री मंत्रों की आहुतियों के साथ 142 दीक्षा, 2 पुंसवन, 2 मुंडन, अन्नप्राशन, 2 विद्यारंभ संस्कार संपन्न हुए। इस दौरान अपर सत्र न्यायाधीश एस.बी.शर्मा एवं मुकेश रावत यज्ञ में विशेष रूप से उपस्थित थे। सांयकाल 1000 दीपकों के साथ विशाल दीपयज्ञ संपन्न हुआ। आज मंगलवार को गायत्री यज्ञ की पूर्णाहुति संपन्न होगी जिसमे सभी संस्कार आज भी नि:शुल्क संपन्न कराए जाएंगे।

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