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Tuesday, December 24, 2019

प्रशासन की हठधर्मिता, न्यायालय की अवमानना कर नमो नगर में तोड़ा तना-तनाया डुप्लैक्स

भवन स्वामी ने लगाया आरोप एसडीएम ने द्ववेषपूर्ण भावना से की कार्यवाही, देर सायं मिला स्टेशिवपुरी। एंटी भू-माफिया की आड़ में जिला प्रशासन द्वारा किस प्रकार से हठधर्मिता दिखाते हुए भू-माफिया मानकर कार्यवाही को अंजाम दिया जा रहा है इसकी नजीर उस समय देखने को मिली जब माननीय तहसील न्यायालय में पीडि़त पक्ष प्रेमनारायण सिंघल को सुनवाई का समय दिया लेकिन उसकी सुनवाई से पूर्व ही इस मामले में माननीय तहसील न्यायालय की अवमानना करते हुए एसडीएम अतेेन्द्र सिंह गुर्जर द्वारा मंगलवार सुबह ही जेसीबी लगाकर नमोनगर स्थित तने-तनाये डुप्लैक्स को जमींदोज कर दिया गया। यहां भवन स्वामी प्रेमनारायण सिंघल के पुत्र गौरव सिंघल ने इस कार्यवाही को प्रशासनिक हठधर्मिता बताया और इस कार्यवाही को द्ववेषपूर्ण भावना करार दिया। गौरव सिंघल का आरोप था कि प्रशासन जहां शासकीय सर्वे नं.50 के बहाने को लेकर हमारे डुप्लैक्स को अतिक्रमण मानकर तोडऩे का जो काम किया है वह माननीय न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में भी आता है क्योंकि इसके पूर्व हमें 20 दिसम्बर को भूमि संबंधी जबाब देने के लिए तहसील कार्यालय से नोटिस जारी किया गया जब जबाब देने गए तो अगले दिन 21 दिसम्बर शनिवार व 22 दिसम्बर रविवार होने के कारण अवकाश रहा जिसके चलते जब जबाब देने के लिए सोमवार 23 दिसम्बर को भी तहसील न्यायालय में तहसीलदार को उपस्थित होना था जहां इसके पूर्व अपने स्वामित्व की भूमि पर प्रेमनारायण सिंघल द्वारा अपना दावा करने को लेकर माननीय न्यायालय में भी 23 दिसम्बर को ही आवेदन कर दिया था और इसकी सुनवाई के लिए उसी दिन सायं 5:50 बजे आदेश हो गए थे और इसके दस्तावेज भी तहसील में पहुंच गए थे जिस पर जिस पर 24 दिसम्बर को प्रात: 11 बजे तहसीलदार को उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया गया था उसके पूर्व ही प्रेमनारायण सिंघल व हेमंत भार्गव का पक्ष सुने बगैर ही 23 दिसम्बर की देर सायं को ही तहसील न्यायालय से एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए नमोनगर स्थित निर्माणाधीन भवन पर देर रात 8 बजे भवन तोडऩे का नोटिस चिपका दिया गया और फरियादी को जबाब देने तक के लिए उचित नहीं समझा जिसमें अगले ही दिन मंगलवार को सुबह 8 बजे एसडीएम ने अपने समक्ष बने-बनाए डुप्लैक्स को जेसीबी के माध्यम से तुड़वा दिया। हालांकि इस कार्यवाही को लेकर प्रशासन से बार-बार फरियादी गौरव सिंघल सभी दस्तावेज दिखा रहा था जिसमें रजिस्ट्री, भूमि का डायवर्सन, नामांकरण आदि कागजात भी मौजूद थे लेकिन प्रशासन ने उसकी एक ना सुनी। वहीं इस कार्यवाही के बाद देर सायं को प्रेमनारायण सिंघल व हेमंत भार्गव को माननीय न्यायालय से स्टे मिला लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इस कार्यवाही में एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर, सीएमओ नगर पालिका के.के.पटैरिया, तहसीलदार भूपेन्द्र सिंह कुशवाह, टीआई कोतवाली बादाम सिंह यादव व पटवारी सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था।
जानकारी के अनुसार बीते रोज प्रशासन ने अवैध कॉलोनियो का चिन्हित करते हुए 57 कॉलानाईजरो पर कार्यवाही को लेकर पूरी की पूरी लिस्ट जारी कर दी है। आज प्रशासन ने एक कदम और आगे बडते हुए सरकारी जमीनो को मुक्त कराने का संकल्प लेते हुए केटीएम कॉलोज के पीछे स्थित नमो नगर में बन रहे नवनिर्मित डीयूपलक्सो पर जेबीसी चला दी। प्रशासन द्वारा बताया गया कि उकत तीनो भवन शासकीय सर्वे क्रमांक 50 पर बन रहे थे जो कि शासकीय भूमि हैं। वहीं दूसरी ओर इस मामले में बताया जा रहा हैं कि यह भूमि हेंमत भार्गव पुत्र रामनिवास भार्गव निवासी पोहरी और प्रेमनारायण सिंघल पुत्र बद्रीप्रसाद सिंघल पोहरी को सन 2012/13 में दीपक जैन जैन दूध डेयरी वालो ने यह सर्वे नं.51/1 का भाग है जो कि भूमि कुल 5555 स्कवायर बेची थी वहीं यहां भूमि प्रेमनारायण पुत्र बद्रीप्रसाद सिंघल मध्यदेशीय अग्रवाल समाज के अध्यक्ष गौरव सिंघल के पिता हैं,और अपने भवन निर्माण का कार्य करा रहे थे। बताया जा रहा हैं कि इस 5555 फुट भूमि में 1800 फुट भूमि शासकीय हैं। जिस पर यह 3 डुप्लैक्स ताने गए थे। प्रशासन ने इस भूमि को चिहिंत कर आज इस भूमि पर बन रहे नवनिर्माण केा तोड दिया हैं।
न्यायालय में बुलाया सुनवाई को लेकिन उससे पहले ही तोड़ दिए डुप्लैक्स : गौरव सिंघलगौरव सिंघल का कहना था कि नगर पालिका ने उन्हें 20 दिसंबर की शाम को नोटिस दिया गया और 21 व 22 दिसंबर को अवकाश होने के चलते वह न्यायालय नहीं पहुंच सके। लेकिन 23 दिसंबर को उन्होंने न्यायालय में दावा प्रस्तुत किया। जहां दोनों पक्षों को सुनने के लिए न्यायालय ने समन जारी कर 24 तारीख सुबह 11 बजे। लेकिन प्रशासन ने न्यायालय के आदेश की अव्हेलना करते हुए 11 बजे से पहले ही उनके भवनों पर कार्रवाई शुरू कर दी। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन अपनी मनमानी पर उतारू है और यह कार्रवाई पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई। प्रशासन ने हमें अपनी बात रखने का भी मौका नहीं दिया और हमें अतिक्रामक घोषित कर दिया।
नपा ने बीआर टावर को 68 लाख का दिया नोटिस, नहीं तो 24 घंटे बाद चलेगीशिवपुरी शहर में आज प्रशासन ने सरकारी जमीनो को अतिक्रमण से मुक्त करते हुए 3 डूप्लेक्सो को जमीदौज करते हुए एक नाले को भी मुक्त करा लिया हैं। अब इसी अतिक्रमण की खबरो में एक ओर बडी खबर आ रही हैं। कि नपा की नाक का सवाल बन चुका बीआर टावर का अवैध कब्जा तोडने का प्लान बनाते हुए नपा ने 68 लाख का नोटिस जारी किया हैं। बताया जा रहा हैं कि अगर इस नोटिस से डरकर बीआर टॉवर के मालिक महेन्द्र गोयल अगर नपा को 68 लाख रूपए जमा करते हैं तो नपा की मृत पडी अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार हो सकता हैं,अगर नपा को यह रकम बीआर टॉवर के मालिक नही देते हैं तो उसमें जो अवैध निर्माण किया गया हैं उसे तोडा जाऐगा। जिले के सबसे चर्चित बीआर टॉवर आगे से 8 फुट का अतिक्रमण हैं और इसका तलघर भी अवैध निर्माण की श्रेणी में रखा गया हैं। नपा ने यह मामला सबसे पहले सन 2015 में संज्ञान में लिया था। बडी शान से खडा बीआरटावर को नपा ने अवैध घोषित कर इस टॉवर पर 6 करोड 82 लाख से अधिक जुर्माना आरोपित किया था,इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा। इस मामले में जुर्माना अब घटतेकृघटते 68 लाख का रह गया है। अब इस मामले में नगर पालिका ने बीआर टॉवर के मालिक महेन्द्र गोयल को आखिरी चेतावनी देते हुए नोटिस दिया है कि वह अगर 24 घंटे में अगर नगर पालिका द्धारा जारी 68 लाख रूपए जमा और अगर बेसमेंट को नहीं भरवाया तो उसके अतिक्रमण बाली जगह को तोडने की कार्यवाही प्रशासन करेंगा।

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