25वर्ष पूर्ण होने पर श्रीपाश्र्व जैन पाठशाला ने किया वरिष्ठजनों का सम्मान
शिवपुरी-शहर के मध्य कोर्ट रोड़ स्थित पोषद भवन में श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के तत्वाधान में जैन धर्म के 23वें तीर्र्थंकर भगवान पाश्र्वनाथ का जन्म कल्याण उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान भजन संध्या कार्यक्रम भी हुआ जिसमें जयपुर से पधारी प्रसिद्ध भजन गायिका डॉ.सीमा दफ्तरी विशेष रूप से आई जिन्होंने भगवान श्रीपाश्र्वनाथ के जीवन से ओतप्रोत संगीतमय स्वर की सुमधुर लहरों के बीच भजनों की शानदार प्रस्तुति दी जिसे सुन उपस्थित जैन श्रोता बन्ध्ुा देर रात अपने आप को कार्यक्रम से दूर ना कर सके और लगभग रात्रि 12 बजे तक भजन संध्या कार्यक्रम अनवरत रूप से जारी रहा। भजन संध्या के पश्चात अगले दिन रविवार को मंदिर परिसर में पूजा का कार्यक्रम हुआ जिसके लाभार्थी सांखला परिवार द्वारा स्व.इंदरमल सांखला और स्व.श्रीमति कमलाबाई सांखला की पुण्य स्मृति में लाभार्थी नरेंद्र कुमार, तेजमल, दीपक कुमार, अशोक कुमार सांखला परिवार रहा। इस दौरान रविवार सुबह साढ़े 9 बजे से जैन मंदिर को दादा गुरू देवता भक्तिमय पूजन हुआ तत्पश्चात श्रीपाश्र्व जैन पाठशाला के 25वर्ष पूर्ण होने पर 25वीं वर्षगांठ के रूप में समाज के 40 वरिष्ठजनों का शॉल-श्रीफल व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मान किया गया। श्रीपाश्र्व जैन पाठशाला के इस आयोजन को सम्मानित परिजनों द्वारा सराहा गया जिन्होंने कहा कि आज वह अभिभूत है कि अपने परिवार और बच्चों के साथ मिलकर वह आशीष प्रदान करने के लिए उन्हें समिति द्वारा सम्मानित किया गया। ऐसे आयोजन समाज के लिए धरोहर होते है और इससे नव युवा पीढ़ी भी संस्कारवान होती है इसलिए बड़ों का सम्मान और आर्शीवाद दोनों ही आवश्यक है। कार्यक्रम में सम्मानितजनों के बीच उनके लिए संगीत की सुमधुर लहरों पर भजन गायिका डॉ.सीमा दफ्तरी द्वारा भजनों की प्रस्तुति भी दी गई और वरिष्ठजनों के अनुभव भी उन्हें सुनाने को मिले जिसका मार्गदर्शन और आर्शीवाद समस्त जैन समाज ने प्राप्त किया। कार्यक्रम में बच्चों की रोचक प्रस्तुति भी रही जिसमें बच्चों ने मॉ-बाप के सम्मान में अभिनंदन गीत की प्रस्तुति देकर बड़े-बुजुर्गों के सम्मान का अनुसरण किया। इसके अलावा एक पिता-पुत्र के बीच संस्कारों की पीढ़ी किस तरह प्रवाहित हो इसे लेकर समाज के बच्चों की टोली द्वारा एक नाटक रूपांतरण की प्रस्तुति भी दी गई जिसे उपस्थितजनों द्वारा सराहा गया। कार्यक्रम के अंत में वात्सल्य भोज हुआ तत्पश्चात भजन गायिका डॉ.सीमा दफ्तरी के सम्मान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
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