महिलाओं को सशक्त बनाने शुरू हुई पहल
शिवपुरी-शिवपुरी जिले के सेमरी, गूगरीपुरा, राजा की मुड़ेरी चिटोरी, रायश्री और सुहारा में महिला किसानों द्वारा मल्टी लेयर फार्मिंग के लिए चयन किया है। यह बहुत बड़ी खुशी की बता है क्योंकि महिलाएं अपने कार्य के प्रति सजग होती हैं इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यह एक अनोखा प्रोजेक्ट है जो शिवपुरी जिले में महिला किसानों द्वारा पहली बार किया जा रहा है। नाबार्ड द्वारा इसमें तकनीकी और वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है जिससे महिलायें भी सशक्त हो सकें। इतना ही नहीं महिलाओं द्वारा इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए उक्त उदगार कलेक्टर अनुग्रह पी ने जतन उजाला सेवा संस्था के कार्यक्रम में व्यक्त किए। राजा अय्यर डीडीएम नाबार्ड ने परियोजना से जुड़ी हुई पूर्ण रूपरेखा प्रस्तुत की। साथ ही पिछली बकरी पालन पर हुई एलईडीपी परियोजना पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक ए.के.राजपूत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शिवपुरी जिले के अन्य किसानों को किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से मल्टी लेयर फार्मिंग पद्धति का प्रयोग किया जा रहा हैं। जिसमें जैविक सब्जियों का उत्पादन अपने आप में ही अनोखा है, क्योंकि आज के समय में रासायनिक खादों द्वारा उत्पादित सब्जियों से कई प्रकार की बीमारियां हो रही है इस आधार पर तो शिवपुरी में जैविक सब्जियों का एक अलग ही मार्केट लगना शुरू हो सकता है! उक्त विचार भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश अग्रवाल व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इसके लिए चयनित 140 महिला किसानों को भरपूर सहयोग किया जा रहा हैं। मध्यांचल ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक एस.के.एस.चौहान ने कहा कि वर्मी कंपोस्ट जैविक खाद के द्वारा यह सब्जियां उत्पादित होंगे के बारे में बताया। संस्था के अशोक शर्मा ने कार्यक्रम उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रबंधक राकेश अग्रवाल, एसकेएस चौहान क्षेत्रीय प्रबंधक मध्यांचल ग्रामीण बैंक, एके राजपूत सहायक संचालक उद्यान शिवपुरी जिला शिवपुरी जेएस बत्रा आरसे टी डायरेक्टर शिवपुरी, डॉ ए.एल.बसेड़ीया कृषि विज्ञान केंद्र शिवपुरी प्रकाश कुशवाह, राघवेंद्र शर्मा, अमित कुमार सहित विभिन्न ग्रामों से पधारे 140 महिला किसान और पुरुष किसान उपस्थित हुए।
क्या है मल्टी लेयर फार्मिंग
मल्टी लेयर फार्मिंग में चयनित 140 महिला किसानों द्वारा अपने खेत में तीन तरीके की सब्जियां उत्पादित की जायेंगी। जिसमें एक जमीन के अंदर कंद बाली फसल होगी जैसे गाजर, मूली, अदरक, हल्दी आदि दूसरी फसल जैसे बैगन, भिंडी, टमाटर, धनियां, तीसरी जो बेल बाली फसल होगी जैसे लोकी, तुरैया, करेला, इत्यादि इससे किसानों को तीनों फसलों का लाभ एक साथ मिल पायेंगा।
No comments:
Post a Comment