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Wednesday, December 25, 2019

प्रतिभा कौशल से दिखी एसपीएस में अतुल्य भारत की पहचान : एसपी राजेश चंदेल

शिवपुरी पब्लिक स्कूल में 'अतुल्य भारतÓ थीम पर वार्षिकोत्सव समारोह आयोजित
शिवपुरी। करीब 23 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययनरत एसपीएस स्कूल में आज अतुल्य भारत की वह तस्वीर नजर आ रही है जो सार्वजनिक मंचों पर देखने को मिलती है यहां स्कूली बच्चों की अद्भुत प्रतिभा कौशल ने इसे नई पहचान दी है और आज का यह वार्षिकोत्सव समारोह इस पहचार को अपने प्रतिभा कौशल के माध्यम से प्रदर्शित कर रहा है, बच्चों एक ओर जहां आपकी प्रतिभा है तो दूसरी ओर आपका भविष्य इसलिए ध्यान रखें रूचि अनुसार पढ़ाई करें और जिस क्षेत्र में आगे जाना है उसे लक्ष्य तय करके प्राप्त करना ही ध्येय हो इसका ध्यान रखे, तभी आप सफलता का शिखर प्राप्त कर सकोगे। उक्त उद्गार प्रकट किए पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने जो स्थानीय फतेहपुर स्थित शिवपुरी पब्लिक स्कूल में 'अतुल्य भारतÓ थीम पर आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उद्बोधन के पूर्व इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक शिवपुरी राजेश सिंह चंदेल, विशिष्ट अतिथि एएसपी गजेन्द्र कंवर व अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ समाजसेवी आलोक एम.इंदौरिया एवं एसपी विद्यालय के संचालक अशोक ठाकुर, प्राचार्य कीर्ति गाला ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान एसपी श्री चंदेल ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अति.पुलिस महानिदेश राजाबाबू सिंह की अनुपस्थिति को लेकर उनका वॉईस मैसेज भी सुनाया और एकाएक स्वस्थ्य में खराबी होने के चलते यात्रा नहीं करने को लेकर वहइस आयोजन में शरीक ना हो इसे लेकर खेद जताया साथ ही आश्वस्त किया कि भविष्य में शीघ्र वह इन स्कूली बच्चों के बीच अवश्य आऐंगें इसके साथ ही वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के माध्यम से स्कूल प्रबंधन को बधाई एवं शुभकामना संदेश भी भेजा। इस पर विद्यालय संचालक अशोक ठाकुर ने एसपी श्री चंदेल के बच्चों के लिए दिए गए प्रेरकीय उद्बोधन व एडीजी श्री राजाबाबू सिंह की अनुपस्थिति को लेकर दिए गए संदेश के प्रति आभार जताया साथ ही बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज शिवपुरी पब्लिक स्कूल में 'अतुल्य भारतÓ थीम को प्रदर्शित कर रहा है इसलिए हमने वार्षिकोत्सव समारोह को यह नाम दिया, महज कुछेक सैकड़ों बच्चों केसाथ शुरू हुआ एसपीएस आज शिवपुरी से होकर कोलारस, अशोकनगर, श्योपुर, करैरा और  ईसागढ़ तक 10हजार बच्चों के बीच पहुंच चुका है जो कि एक छोटा सा पौधे के रूप में रोपित हुआ था और आज यह वटवृक्ष का रूप बन गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी आलोक एम.इंदौरिया ने कहा कि बच्चों के लिए शिक्षा और संस्कार अंगीकार कराने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है और एसपीएस में यह देखने को भी मिल रहा है जिसमें आधुनिक शिक्षा में भी संस्कारों की नींव इन बच्चों में नजर आ रही है जहां इनकी यह प्रतिभाऐं बताती हैकि वह वाकई अतुल्य भारत की अनूठीदेन है जिससे एसपीएस का परचम चहुंओर फहर रहा है। वार्षिकोत्सव समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में अति.एसपी गजेन्द्र ङ्क्षसह कंवर भी मौजूद रहे जिन्होंने बच्चों के लिए वार्षिकोत्सव समारोह उनके लिए एक मंच प्रदान करने की भांति बताया साथ ही विद्यालय प्रबंधन से भी आग्रह किया कि वह बच्चों को वार्षिकोत्सव की तैयारी के लिए 10 दिन की बजाए करीब 1 माह का समय दें ताकि वह पढ़ते-पढ़ते अपनी रिहर्सल भी कर सके। इस अवसर स्वागत भाषण विद्यालय प्राचार्य कीर्ति गाला ने दिया जबकि आभार प्रदर्शन विद्यालय संचालक अशोक ठाकुर द्वारा व्यक्त किया गया। अंत में प्रतिभागियों को अतिथियों के द्वारा पुरूस्कार वितरण किया गया। 
दिखा मॉं काली का अवतार, तो बालिकाओं ने छेड़छाड़ दुष्कर्म की दी मार्मिक प्रस्तुति 
वार्षिकोत्सव समारोह में एसपीएस के बच्चों द्वारा रंगारंग रोचक व प्रभावपूर्ण प्रस्तुतियां दी गई। जिसमें मोबाईल के दुष्प्रभाव बताए तो वहीं मॉं काली के अवतार की शानदार प्रस्तुति भी सभी को प्रभावित करती हुई नजर आई। इस प्रस्तुति पर स्वयं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसपी राजेश चंदेल ने भी प्रशंसा और उन्होंने मॉं काली का अभिनय करने वाले मेधावी विद्यार्थी के अपने समक्ष बुलाकर उत्साहवर्धन किया। इसके अलावा बालिकाओं के द्वारा आए दिन हो रही छेड़छाड़ व दुष्कर्म की घटनाओं पर मार्मिक प्रस्तुति भी दी गई जिसे उपस्थितजनों द्वारा सराहा गया। इसके अलावा प्रकृति संरक्षण को लेकर पॉलीथिन से दूर रहने का संदेश भी छोटे-छोटे बच्चों द्वारा दिया गया। बच्चों के प्रेम और स्नेह के रूप में उनकी अमिट  प्रस्तुति विभिन्न प्रकार के फिल्मी गीतों पर भी देखने को मिली जिसे सभी ने सराहा और बच्चों का उत्साहवर्धन किया। बच्चों के अभिभावकों और कार्यक्रम के अतिथिद्वयों द्वारा तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ बच्चों को बार-बार उनके प्रतिभा कौशल के लिए उन्हें उत्साहित किया जाता रहा। इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्म, भांगड़ा पंजाबी नृत्य, शिव स्तुति, राजस्थानी नृत्य घूमर, राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुति, महारानी लक्ष्मीबाई, साउथ इंडियन की रोचक प्रस्तुतियां भी देखने लायक रही। 

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