घटना के विरोध हमलावरों पर हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराऐं लगाने एएसपी को सौंपा ज्ञापन
शिवपुरी- बीते रोज करैरा बीट के खोड़ क्षेत्र में डिप्टी रेंजर मोहनस्वरूप गुप्ता और वन रक्षक नीरज राजौरिया व दीपक खत्री पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में घटना के अगले दिन शुक्रवार को मप्र वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष दुर्गा ग्वाल, जिलाध्यक्ष पुरूषोत्तम शर्मा, विधि सलाहकार चन्द्रशेखर शर्मा चंदू बाबूजी, संरक्षक धर्मेन्द्र शर्मा के नेतृत्व में वन विभाग के रेंजर, डिप्टी रेंजर और मप्र वन कर्मचारी संघ के सदस्यों ने मिलकर इस घटना के प्रति रोष जताया और हमलावरों के विरूद्ध हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मामला पंजीबद्ध कराने एएसपी गजेन्द्र सिंह कंवर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में वन कर्मचारी संघ के पदाधिकारी व सदस्यगण मौजूद थे। ज्ञापन के माध्यम से मप्र वन कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने एएसपी से मांग की कि जिस वक्त यह घटना हुई वहां संबंधित थाना द्वारा सहयोग नहीं दिया गया और इस मामले में हुए हमले को लेकर मामूली धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया जो कि कहीं ना कहीं पुलिस की संलिप्तता को प्रदर्शित करता है इसके अलावा घटना के करीब 24 घंटे होने को है बाबजूद इसके अब तक घायल डिप्टी रेंजर मोहनस्वरूप गुप्ता व वन रक्षकों के बयान लेेने पुलिस विभाग से कोई नहीं पहुंचा। वन कर्मचारी असुरक्षा के भाव में अपने कार्य को पूर्ण ईमानदारी के साथ कर रहे है बाबजूद इसके उन पर जानलेवा हमले हो रहे है इस मामले को लेकर जिलाधीश को भी मप्र वन कर्मचारी संघ ने ज्ञापन सौंपा और प्रशासन से इस मामले में वन कर्मचारियों के लिए सुरक्षा प्रदाय करने की मांग की। अपनी विभिन्न मांगों के साथ-साथ वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सीसीएफ व डीएफओ को भी अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया गया और वन विभाग के अधिकारियों की ओर से वन कर्मियों को सुरक्षा प्रदाय करने की मांग की गई। इसके अलावा अंत में मप्र वन कर्मचारी संघ ने चेतावनी भी दी कि यदि हमलावरों के विरूद्ध धारा 307 सहित अन्य गंभीर धाराओं में मामला पंजीबद्ध नहीं किया गया तो संघ आन्दोलन प्रदर्शन करने को बाध्य होगा। हालांकि इस दौरान एएसपी गजेन्द्र सिंह कंवर ने वन कर्मचारी संघ को आश्वस्त कियाकि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और मामले में दोषियों के खिलाफ घटना के बाद ही एससी एसटी धाराओं का इजाफा किया गया है व मामले की जांच कर अन्य धाराओं की आवश्यकता पड़ेगी तो वह भी बढ़ाई जाएंगी, ऐसा आश्वासन दिया गया।
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