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Shishukunj

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Sunday, December 1, 2019

सिद्धों की आराधना मे कवियों ने काव्य पाठ कर किया भावनाओं का अर्घ समर्पण

शिवपुरी-अतिशय क्षेत्र श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर गुरुद्वारा चौराह मे चल रहे सिद्ध चक्र महामंडल विधान मे श्री संजीव भैया कटंगी की प्रेरणा से रात्रि 9 बजे आगमन संस्था पंदन द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें शहर के उत्कृष्ट और ऊर्जावान कवियों द्वारा एक से बढ़कर एक कविताओं का काव्यपाठ किया गयाए कार्यक्रम का आरंभ मंदिर जी मे विराजमान श्री पाश्र्वनाथ भगवान की अध्यक्षता और कवि अजय जैन अविराम के संचालन मे हुआ। सर्व प्रथम मंगलाचरण के रूप मे कवि अजय जैन अविराम ने वर्तमान के चलते फिरते भगवन आचार्य श्री विद्या सागर महाराज जी के चरणों मे अपनी भावनाये इन पंक्तियों रखी है जिन संतो से धर्म जहाँ, जिनने गिरतों को उबारा हैए उन जिन संतों के चरणों मे शत शत नमन हमारा है। इसके बाद नवगीत के सशक्त स्तम्भ सहृदय कवि डॉ मुकेश अनुरागी ने प्रथम पुष्प का अर्घ अर्पित करते हुये सुनाया-
मेरे सपने सभी जीवितएमेरा ईमान जिन्दा है
हृदय में देश बसता हैए मेरी पहचान जिंदा है
वतन पर मरने वालों ने हमेशा ही कहा मुझसे। अगले अर्घ के रुप मे हास्य की फुहार को बिखेरते हुये कवि राजकुमार चौहान ने कहा-सड़क हो रही खड्डम खड्डा, भीड़ हो रही गड्डम् गड्डा 
खड्डा से बचे तो भिड़ गओ पड्डा, जे सड़क है के जानवरन कौ अड्डा। अंत मे संयोजन और संचालन कर रहे कवि अजय जैन अविराम ने सुनाया। 

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