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Wednesday, December 25, 2019

21 वर्ष तक की उम्र व्यक्तित्व विकास की उम्र होती है, इस उम्र का भटकाव घातक : बाल संरक्षण अधिकारी राघवेन्द्र शर्मा

संकल्प कोचिंग संस्थान पर बच्चों को किया मोटिवेट कहा-माता-पिता का भरोसा न तोड़े, एकाग्रता से लक्ष्य प्राप्ति का प्रयत्न करें 
शिवपुरी-प्राकृतिक रूप से हर कार्य के लिये एक निश्चित समय होता है। व्यक्ति के जीवन में 21 वर्ष तक की उम्र स्वयं को विकसित करने की उम्र होती हैएइस उम्र में भटकाव के बहुत से विकल्प मिलते है। यदि आपने अपने विकास के लक्ष्य से हटकर किसी गलत रास्ते का चयन किया तो उसके परिणाम आपके संपूर्ण जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। इस उम्र में लक्ष्य के प्रति अर्जुन जैसी एकाग्रता जरूरी है। यह प्रेरणा शहर के संकल्प कोचिंग क्लासेस में बाल संरक्षण अधिकारी राघवेन्द्र शर्मा ने छात्र-छात्राओं को दी। उन्होंने छात्र.छात्राओं को बताया कि अनेकों बार मुझे सुनसान स्थानों पर अवयस्क लड़के-लड़कियां बैठे मिलते है, मै जब भी इस प्रकार उन्हें बैठे देखकर वहां बैठने का कारण पूछता हूँ तो वह डर जाते है। यह अधिकांश बच्चे घर से स्कूल या कोचिंग के लिये निकलते है। आपके माता-पिता आपको पढऩे के लिये भेजते है अगर उन्हें यह पता चलेगा कि आप पढ़़ाई के बहाने कुछ ऐसा कर रहे है जो आपके भविष्य के लिये घातक है, तब उन पर क्या गुजरेगी। क्या आप ऐसा करके अपने माता-पिता के भरोसे को नहीं तोड़ रहे। माता-पिता का भरोसा न तोड़े, लक्ष्य को निश्चित करें और उसे प्राप्त करने के लिये मेहनत करे, अगर रास्ता भटके तो आपके लिये बेहद घातक होगा। भटकाव आपको ऐसा दर्द देगा जिसकी पीड़ा आपको उम्रभर रहेगी। अधिकारी शर्मा ने बच्चों को सफलता के साथ ही सुरक्षित रहने के विभिन्न तरीकों से भी अवगत कराया। विभाग के सामाजिक कार्यकर्ता जीतेश जैन ने बच्चों को यौन शोषण से बचाव के लिये सजग रहने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि 18 साल से पहले जब आप न सरकार चुन सकते हो और न जीबनसाथी। यह उम्र आपकी पढ़ाई के लिये है। प्रेम प्रसंग के लिये तो पूरा जीबन पड़ा है। बाल विवाह एवं बालश्रम के दुष्प्रभावों से परिचित कराते हुए इस प्रकार की घटनाओं की जानकारी चाइल्ड लाइन नम्बर 1098 पर देने के लिये बच्चों को प्रेरित किया। कार्यक्रम में संस्था संचालक संतोष सिंघल, रितेश गुप्ता भी मौजूद थे। 

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