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Friday, November 8, 2019

नोटबंदी भारत की आजादी के इतिहास में सबसे बड़ा काला दिन : जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव

नोटबंदी दिवस को काला दिन एवं हिटलरशाही फरमान के रूप में एनएसयूआई ने मनाया
शिवपुरी- नोटबंदी भारत की आजादी के इतिहास में एक कड़ा निंदनीय फैसला है जिसके चलते भारत की अर्थव्यवस्था नौजवानों का रोजगार जैसे मुद्दे आज दिनांक तक बिगड़ा हुआ है कई सारे युवा बेरोजगार हो गए हैं और भारत की अर्थव्यवस्था पूर्ण रूप से डगमगा गई है जिसका जिला कांग्रेस अपने संगठनात्मक संगठनों के साथ पुरजोर विरोध करती है इसीलिए आज का दिन काला दिन और हिटलरशाही के फरमान के रूप में देखा व माना जा सकता है। उक्त बात कही कांग्रेस जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव ने जो जिला कांग्रेस कार्यालय पर एनएसयूआई कांग्रेस जिलाध्यक्ष पुनीत शर्मा द्वारा 8 नवम्बर यानि नोटबंदी के दिन को काला दिवस एवं हिटलरशाही फरमान के रूप में मनाते हुए आयोजित विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एनएसयूआई जिलाध्यक्ष पुनीत शर्मा ने बताया कि आज मध्य प्रदेश एनएसयूआई द्वारा समूचे मध्यप्रदेश में आज के दिन हुई नोटबंदी के विरोध में काला दिन एवं हिटलर शाही फरमान के रूप में एनएसयूआई मना रही है इसी क्रम में यह आयोजन पुनीत शर्मा जिला अध्यक्ष एनएसयूआई के नेतृत्व में जिला कांग्रेस कार्यालय पर जिलाध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव के निर्देशन में मनाया गया, जिसमें स्वयं कांग्रेस जिला अध्यक्ष बैजनाथ सिंह यादव, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर एवं एपीएस चौहान एवं समस्त एनएसयूआई कार्यकर्ता उपस्थित हुए जिन्होंने नोटबंदी यानि आज 8 नवम्बर के दिन को काला दिवस और हिटलरशाही फरमान के रूप में मनाया।
इस दौरान एनएसयूआई जिला अध्यक्ष पुनीत शर्मा ने अपने वक्तव्य में व्यक्त करते हुए बताया कि आज दिनांक तक केंद्र की भाजपा सरकार के द्वारा 2016 में की गई नोटबंदी का एक भी फ ायदा जनता के बीच में नहीं रखा गया है अपितु उस फ रमान के चलते 100, 120 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई एवं भाजपा की सरकार द्वारा काले धन की बात को रख कर जो नोटबंदी की गई उसका कोई भी लाभ भारत की जनता को नहीं मिला और नोटबंदी के समय देश में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और गरीब एवं मजदूर करने वाले लोग बैंकों की लाइन में लगकर पैसे बदलने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई दिए और एक भी अमीर व्यक्ति लाइन में लगकर अपने पैसे बदलते हुए नहीं दिखा जो उन्होंने अपना एजेंडा बनाया था। भाजपा की सरकार के फैसले के चलते करोड़ों हजार रुपये नोटों को बदलने के चलते खर्च कर दिए गए जिससे कि देश की अर्थव्यवस्था को पलीता लगने का काम हुआ और जो नए नोट आए हैं उनको भाजपा के द्वारा अधिक गुणवत्ता एवं सिक्योरिटी के हिसाब से सफल बताने का काम भाजपा सरकार करती रही परंतु जिस प्रकार से समाचार पत्रों पर नकली नोटों का चलन पुराने नोटों की अपेक्षा अधिक बढ़ गया है जोकि स्मारिकाऐं एवं समाचारों के माध्यम बताया गया है जो भारत देश लोगों को पता है और जहां नोटों में चिप लगाने की बात की जा रही थी वहां 2000 के नोट चलन से दूर किए जाने की संभावना दिख रही है जो उस नोटबंदी की विफलता को दर्शाने का एक माध्यम है। इस अवसर पर एनएसयूआई द्वारा नोटबंदी के कुछ स्लोगन ओं के माध्यम से नोटबंदी का विरोध दर्ज कराया जिससे नोटबंदी की विफलता स्पष्ट होती है। इस कार्यक्रम के दौरान मोहित व्यास, सुमित राठौर, अजय यादव, हल्के रावत, अनूप राव, शिव, अजीत यादव, संतोष यादव, मुकेश रजक आदि कई सारे एनएसयूआई कार्यकर्ता कार्यालय पर उपस्थित होकर यह काला दिन के रूप में मनाया गया। 

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