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Shishukunj

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Tuesday, November 19, 2019

जनसुनवाई में नहीं हुई दिव्यांग की सुनवाई, हार्ट अटैक से हुई मौत

कुटीर के लिए दर-दर भटक रहा था दिव्यांग 
शिवपुरी। शासकीय योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन ना होना अब इंसानीजान के लिए जान पर बन आने जैसी नौबत आ गई है, इसका एक प्रमाण जिले के करैरा क्षेत्र में देखने को मिला। जहां जनसुनवाई में अपनी कुटीर को प्राप्त करने के लिए कई चक्कर काटने आए एक दिव्यांग को कुटीर तो नहीं मिली लेकिन इस कुटीर के ना मिलने के कारण वह तनाव में आ गया और इसी तनाव ने एकाएक हृदयघात के चलते उसकी जान ले ली और मौत हो गई। अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय परिसर करैरा में हुई इस घटना को लेकर वहां अफरा-तफरी मच गई
और मौके से एसडीएम करैरा मृतक को देखने के बाद भी वहां से निकल गए जबकि तहसीलदार करैरा ने मृतक की सूचना पुलिस को देकर उसे अस्पताल भिजवाया। करैरा में हुई इस घटना उन तमाम जनसुनवाई के आवेदकों को परेशानी में डाल दिया है जो अपनी समस्याओं को लेकर समाधान के रूप में जनसुनवाई में पहुंचते है लेकिन उन्हें कई बार शिकायतें करने के बाद भी जब न्याय नहीं मिलता तो वह परेशान होकर थक-हार जाते है। लेकिन ऐसे ही मामलों में कई ओं के वाद-विवाद तो कईओं के साथ मारपीट और कई तो आकस्मिक मौत का शिकार हो जाते है जैसे कि करैरा में हुआ यह घटनाक्रम जिसमें कुटीर ना मिलने से तनाव में आए हितग्राही की मौत हो गई।  बताना होगा कि आदर्श ग्राम सिरसौद निवासी दशरथ जाटव कुटीर के काम से जनसुनवाई में तहसील में एसडीएम कार्यालय गया था लेकिन जनसुनवाई में उसके हाथ नाकामयाबी लगने के बाद वह मायूस हो गया जिसके चलते उसे अचानक हाट-अटैक आ गया और वह जमीन पर जा गिरा मरणासन्न हालत में उसे करैरा सरकारी अस्पताल ले जाया गया यहां डॉक्टर ने बताया कि अटैक आने से उसकी मौत हो गई है। आज फि र इन प्रशासनिक अधिकारियों के असंवेदनशील रवैये के चलते एक जान असमय काल के गाल में समा गई।  

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