शिवपुरी। जिला चिकित्सालय परिसर में चलाए जाने वाले एएनएम प्रशिक्षण केंद्र की प्रथम वर्ष की छात्राओं ने शनिवार को दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाली संस्था मंगलम केंद्र का भ्रमण किया। इस दौरान एएनएम प्रशिक्षणार्थी छात्राओं ने मंगलम केंद्र में चलने वाली विभिन्न गतिविधियों को जाना। एएनएम प्रशिक्षणार्थी छात्राओं ने सबसे पहले मंगलम दिव्यांग विद्यालय का दौरा किया और जहां पर विद्यालय में पढऩे वाले छात्रों से मुलाकात की। इस दौरान दिव्यांग बच्चों को किस तरह से पढ़ाई कराई जाती है इस स्कूल के भ्रमण के दौरान जाना।
इसके बाद जिला विकलांग एवं पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) का छात्राओं ने भ्रमण किया और यहां पर संचालित गतिविधियों को लेकर जानकारी ली। प्रथम वर्ष की एएनएम छात्राओं को डीडीआरसी शिवपुरी द्वारा दिव्यांगजनों के उपयोग में आने वाली कृत्रिम अंग एवं उपकरणों के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। उन्हें बताया गया कि कैलिबर्स, लिंब, कृत्रिम हाथ एवं अन्य कृत्रिम अंगों द्वारा किस प्रकार एक दिव्यांग को सामान जीवन दिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कृत्रिम उपकरण जैसे ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी आदि का उपयोग किस प्रकार से दिव्यांगों द्वारा किया जाता है इसके बारे में जानकारी दी गई। जिला विकलांग एवं पुनर्वास केंद्र के संजीव भार्गव और विकास शर्मा ने इन्हें केंद्र में चलाई जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। डीडीआरसी भ्रमण के दौरान छात्राओं को बताया गया कि किस प्रकार से एक मामूली चोट लगने अथवा अन्य कारणों से व्यक्ति को दिव्यांग होने से बचाया जा सकता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मंगलम के सचिव राजेंद्र मजेजी ने दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाली मंगलम संस्था के बारे में जानकारी दी। इस दौरान एएनएम छात्राओं के साथ उनकी शिक्षिका सिस्टर ट्यूटर अर्चना श्रीवास्तव और अनामिका शाक्य मौजूद रहे।
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