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Shishukunj

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Friday, October 25, 2019

कुपोषण मिटाने के लिए अभियान चलाकर काम करें- संभागायुक्त

बच्चों को चिंहित करें, सामाजिक संस्थाओं को भी जोड़ें
शिवपुरी-कुपोषण एक गंभीर समस्या है। यह बच्चों की क्षमता को कम करता है। इससे उनका विकास बाधित होता है। कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए अभियान चलाकर काम करें। इसमें विकासखंड स्तर पर सीडीपीओ की अहम भूमिका है। वह बच्चों को चिन्हित करें और महिला सुपरवाइजर की मॉनिटरिंग करें। यह निर्देश संभागायुक्त एम.बी.ओझा ने महिला बाल विकास अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ को भी जोड़े। सक्रिय लोगों की टीम बनाए जिससे ग्रामीण क्षेत्रों, विशेषकर पिछड़े क्षेत्रों में जनजागरूकता के साथ बेहतर क्रियान्वयन किया जा सके। शुक्रवार को ग्वालियर संभाग के आयुक्त एम.बी.ओझा शिवपुरी के भ्रमण पर आये। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में उन्होंने राजस्व, सीएम हेल्पलाइन सहित विभिन्न विभागीय कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि जिले में कोई भी बच्चा कुपोषण से नही मरना चाहिये। अतिकम बजन के बच्चों को ट्रैक करें। आवश्यक होने पर डे-केयर सेंटर खोले जा सकते हैं। इसकी योजना तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि जिले में सहरिया जनजाति की बड़ी आबादी है। सहरिया परिवारों को पोषण आहार सहित साफ-सफाई के प्रति जागरूक करें। संभागायुक्त ने सभी सीडीपीओ को स्पष्ट कहा है कि सभी फील्ड में जाएं और सुपरवाइजर की भी संपर्क एप पर मोनिटरिंग करें। कोई भी लापरवाही दिखने पर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।  बैठक में कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एच.पी.वर्मा, महिला एवं बाल विकास के संयुक्त संचालक श्री तोमर, एसडीएम, जनपद सीईओ, सीडीपीओ सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 
मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलें
संभागायुक्त एम.बी.ओझा ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ए.एल.शर्मा को निर्देश दिए कि शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में मरीजों को तत्काल सही इलाज मिले। जिला चिकित्सालय में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले। हाल ही में कुछ घटनाएं सामने आई हैं। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। यदि चिकित्सकों की कमी है तो आयुर्वेद चिकित्सक की भी सेवाएं लें, जिसके लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाये। मिलावट करने वालों के विरुद्ध निरंतर कार्यवाही करने एवं प्रकरण बनाने के निर्देश दिए हैं।
खाद विभाग को निर्देश, पात्र हितग्राही का नाम न छूटे
संभागायुक्त श्री ओझा ने खाद्य विभाग के अधिकारी को निदेश दिए हैं कि खाद्य सुरक्षा के तहत पात्र हितग्राही का सत्यापन किया जा रहा है। कोई भी पात्र हितग्राही का नाम न छूटे। जनपद सीईओ भी ध्यान दें। कोई भी गरीब परिवार का सदस्य भूख से नहीं मरना चाहिये। प्रत्येक ग्राम में 5 क्विंटल गेंहू रखवाएं। यदि कोई सहरिया परिवार के सदस्य को मजदूरी नहीं मिलती है या वह बीमार है तो उसकी खाद्यान्न आवश्यकता को पूरा किया जा सकता है।
इन विभागों की भी समीक्षा की गई
बैठक में शिक्षा विभाग की छात्रवृत्ति योजनाएं, खनिज विभाग द्वारा अवैध उत्खनन पर कार्यवाही, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पेयजल उपलब्धता, विद्युत आपूर्ति, कौशल विकास, आबकारी, परिवहन, स्वरोजगार आदि की समीक्षा की। उन्होंने जिला परिवहन अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि ऑटो चालकों के स्थाई परमिट जारी न किया जायें। 
जर्जर सड़कों की मरम्मत कराने और नए प्रोजेक्ट में तेजी लाने के निर्देश
विभिन्न निर्माण कार्य वाले विभागों लोक निर्माण विभाग, एमपीआरडीसी, पीआईयू, पीएमजीएसवाई, आरईएस को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। बरसात के बाद अब जर्जर सड़कों की मरम्मत कराएं एवं नए प्रोजेक्ट में तेजी लाये। ग्रामीण इलाकों में जनपद पंचायत के साथ समन्वय से काम करें।
राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश
संभागायुक्त एम.बी.ओझा ने शुक्रवार को आयोजित बैठक में जिले के भी राजस्व अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने एसडीएम, तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों को निर्देश दिए है कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाए। 6 माह से अधिक का प्रकरण लंबित नहीं होना चाहिए। अविवादित नामांतरण के प्रकरणों को जल्द निपटाए। आगामी बैठक में इन प्रकरणों की संख्या में कमी दिखना चाहिए। उन्होंने आरसीएमएस, अविवादित नामांकन, सीमांकन, सीएम हेल्पलाईन आदि की समीक्षा की। 

आमजन को काम के लिए दफ्तरों के चक्कर न लगाना पड़े-संभागायुक्त
शिवपुरी- संभागायुक्त एम.बी.ओझा ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन को काम के लिए शासकीय कार्यालयों के चक्कर न लगाना पड़े। अधिकारी अपने स्टाफ पर भी नियंत्रण रखें। कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाए। उसी के आधार पर कर्मचारियों का वेतन निकालें। विशेषकर लोक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करने वाले ऐसे विभाग जहां प्रतिदिन कार्य के लिए आने वाले लोगों की संख्या अधिक होती है। वह कार्यालयों में कैमरे भी लगाए। ताकि स्टॉफ की कार्य प्रणाली पर निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा है कि यदि बाबूओं और लिपिकीय स्टाफ सही काम नहीं करता है तो उसका भी स्थान परिवर्तन करें और लापरवाही करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही भी करें। 

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