कलेक्टर ने ली समीक्षाबैठक
शिवपुरी-गर्भ में बच्चे का लिंग परीक्षण कराना अपराध है, भ्रूण का परीक्षण कराकर कन्या भ्रूण हत्या करने वालों के विरूद्ध पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कठोर कार्यवाही की जाएगी। यह निर्देश कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने गुरूवार को आयोजित बैठक में दिए है। उन्होंने जिले की सभी परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना अधिकारियों, सुपरवाईजर को स्पष्ट कहा है कि यदि किसी मामले की जानकारी मिलती है तो तुरंत सूच
ना दें, केस सामने आने पर संबंधित कर्मचारी को पार्टी बनाया जाएगा। जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने निर्देश दिए है कि प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र में रजिस्टर रखा जाए। जिसमें उस क्षेत्र में जन्म लेने वाले लड़के एवं लड़कियों की संख्या दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा है कि सभी सीडीपीओ अपनी परियोजना के अंतर्गत आने वाले आंगनवाड़ी केन्द्रों का अनिवार्य रूप से भ्रमण करें। आंगनवाड़ी केन्द्रों में कमी होने पर सुधार कराए। लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर कार्यवाही भी करें। बैठक में कार्यक्रम अधिकारी देवेन्द्र सुन्द्रियाल, महिला सशक्तिकरण अधिकारी आकाश अग्रवाल, सभी परियोजना के सीडीपीओ एवं सुपरवाईजर उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर ने निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने एक-एक कर परियोजना अधिकारियों से निर्माणाधीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवनों की जानकारी ली। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि राशि प्राप्त करने वाली एजेंसी निर्माण कार्य समय पर पूरा न करने और लापरवाही दिखने पर एफआईआर दर्ज कराए। ग्रामवार इसकी जानकारी दें। आगामी टीएल बैठक में इसकी समीक्षा की जाएगी। यदि सरपंच, सचिव इसमें सहयोग नहीं करते है, तो उनके विरूद्ध भी कार्यवाही होगी।
सही काम न करने वाले सुपरवाईजरों का वेतन काटा जाएगा
आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज बच्चों, पोषण आहार एवं अन्य जानकारियां एप में दर्ज की जाती है। बैठक में इसकी समीक्षा की गई। जिन सुपरवाईजरों एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित जानकारी नहीं भरी जा रही है। प्रगति रिपोर्ट बहुत ही खराब है, उनका वेतन काटने के निर्देश दिए है। साथ ही एक-एक वेतन वृद्धि रोकने की कार्यवाही भी की जाएगी। कलेक्टर ने कहा है कि जिनके फोन खराब है, वह नया फोन खरीदें और प्रतिदिन जानकारी भरें। उन्होंने कहा है कि सुपरवाईजर एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को एप का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाए, ताकि सभी बेहतर ढंग से काम कर सके।
महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग समन्वय बैठक आयोजित करें
कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री देवेन्द्र सुन्द्रियाल को निर्देश दिए है कि महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग समन्वय बैठक आयोजित करें। इसके लिए माह में दिन निर्धारित किए जाए। सभी सीडीपीओ महीने में एक बार विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक करें। साथ ही सुपरवाईजर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम व आशा कार्यकर्ता के साथ बैठक करें।
शासकीय भवनों में संचालित होंगे आंगनवाड़ी केन्द्र
बैठक में कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सभी परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित होंगे। ऐसे केन्द्र अभी भी निजी भवनों में चल रहे है, उन्हें शासकीय भवनों में शिफ्ट करने की कार्यवाही जल्द की जाए। शासकीय स्कूलों के कक्षों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित करें।
आंगनवाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्रों के रूप में विकसित करें
कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने कहा है कि कुछ आंगनवाड़ी केन्द्रों को चिहिंत कर उन्हें मॉडल आंगनवाड़ी केन्द्रों के रूप में विकसित किया जाए। आंगनवाड़ी केन्द्रों में आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहें। उन्हें कलरफुल एवं आकर्षक बनाए। सभी विकासखण्डों में एक-एक आंगनवाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में भी चयनित किया गया है। बाल शिक्षा केन्द्र में सभी गतिविधियां कुशलतापूवर्क संचालित हो रही है या नहीं, इसकी भी मॉनीटरिंग की जाए।
कुपोषण कम करने के लिए परिवार नियोजन एक उपाय- कलेक्टर
शिवपुरी-यदि कुपोषण को समाप्त करना है, तो अच्छा पोषण युक्त भोजन मिलना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही परिवार नियोजन भी कुपोषण कम करने की दिशा में एक उपाय हो सकता है। यदि परिवार में बच्चों की संख्या कम होगी, तो उन्हें पोषण युक्त आहार बेहतर शिक्षा सहित मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। यह बात कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने गुरूवार को आयोजित बैठक में कही। उन्होंने परियोजना अधिकारियों को निर्देश भी दिए है कि परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करें। कलेक्टर श्रीमती अनुग्रहा पी ने कहा है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं गांव में कैम्प लगाकर लोगों को जानकारी दें। परिवार नियोजन के फायदे के बारे में बताए। नसबंदी के लिए प्रेरित करें। यदि बच्चों की संख्या कम होगी तो उन्हें मिलने वाली सुविधाएं एवं जीवन स्तर पर में सुधार होगा। उन्होंने कहा है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में मिलने वाला नास्ता एवं खाने की गुणवत्ता अच्छी हो एवं समय पर मिलें।
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