शिविर के दूसरे दिन ऑटो चालकों ने उमड़ा ऑटो चालकों का हुजूम, दस्तावेज बनने के बाद प्रदान भी किए गए
शिवपुरी-आखिरकार जिला परिवहन विभाग को जनहित में ऑटो चालकों के लिए दो दिन लगाया गया फिटनेस-परमिट सफल हो ही गया, क्योंकि जिस दिन शिविर की शुरूआत हुई थी उसमें ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ऑटो चालक स्वयं दिलचस्पी नहीं दिखा रहे और वह अपने वाहनों को मनमर्जीपूर्वक चला लेंगें लेंकिन जब जिला परिवहन अधिकारी श्रीमती मधु सिंह द्वारा ऑटो चालकों के हित में ही यह दो दिन का शिविर लगाया तो यह साफ कह दिया गया था कि शिविर में ना आने के बाद भी यदि कोई ऑटो चालक बिना फिटनेस-परमिट के मिला तो चालानी कार्यवाही तय है। इस संदेश को भांपते हुए ऑटो चालक शिविर के दूसरे दिन अपनी लंबी कतार लेकर पहुंचे और जिसमें 62 परमिट व 30 फिटनेस सहित करीब सैकड़़ों ऑटो चालकों ने अपने वाहन का फिटनेस-परमिट संबंधी समस्याओं का निराकरण कराया। जिसमें आरटीओ द्वारा मौके पर ही पहले दिन जो फिटनेस-परमिट के लिए ऑटो चालक आए थे उन्हें उनके कागज बनाकर प्रदान किए गए। वहीं शिविर के दूसरे दिन सैकड़ों ऑटो चालकों ने अपना फिटनेस-परमिट के लिए परीक्षण कराया और कमी पाए जाने पर शासन द्वारा निर्धारित शुल्क के अनुसार अपने फिटनेस-परमिट संबंधी दस्तावेज बनवाए। इस दौरान विभाग में पदस्थ लाखन सिंह बरेलिया बाबू भी मौजूद रहे जिन्होंने कागजी परीक्षण किया। इस दौरान एक ऑटो चालक ने अपने वाहन का बीमा नहीं होने को लेकर फिटनेस-परमिट बाद में बनवाने की कहा तो आरटीओ श्रीमती मधु सिंह ने साफ लहजे में कहा कि बिना बीमा कोई भी ऑटो चालक रोड़ पर ना दौड़ाऐं, क्योंकि बीमा के बिना ना ही फिटनेस और ना ही परमिट होगी, इसलिए जब भी वाहन चलाऐं रजिस्टे्रशन, बीमा, फिटनेस-परमिट के दस्तावेज साथ लेकर जरूर चलें। समझाईश देते हुए आरटीओ श्रीमती मधु सिंह ने बताया कि चार माह का परमिट और दो वर्ष की फिटनेस को लेकर जो शुल्क शासन द्वारा निर्धारित किया गया है वह जरूर बनवाऐं अन्यथा जब भी ऑटो चालक इस तरह बिना फिटनेस-परमिट के मिलते है तो अभी तो उनसे जुर्माने के तौर 2 से 3 हजार रूपये चालान के रूप में लिए जाते है लेकिन अब शासन का नियम लागू हो गया है जिसमें इस तरह की लापरवाही पर 10 हजार रूपये तक का जुर्माना भी किए जाने का प्रावधान है और इसके बाद भी माननीय न्यायालय में यह मामला गया तो वहां से शासन द्वारा निर्धारित राशि के अनुसार ही जुर्माना लगेगा। इसलिए वाहनों के कागजी दस्तावेज में कोताही नहीं बरतें, यह शिविर ऑटो चालकों के लिए उनके ही हित में है बाबजूद इसके यदि इस शिविर में जो भी ऑटो चालक अपने कागज नहीं बनवा पाए हो तो वह भविष्य में जिला परिवहन कार्यालय आकर अपनी इन समस्याओं का समाधान करा सकते है इसलिए स्वयं जिला परिवहन अधिकारी अपने दफ्तर में बैठकर ऑटो चालकों के लिए शासन द्वारा निर्धारित कागजी कार्यवाही में हर संभव मदद व सहयोग प्रदान करेंगी। इस पर ऑटो चालकों ने भी अपनी सहमति प्रदान की और आज इसी कारण एक सैकड़ा के लगभग ऑटो चालकों ने शिविर स्थल पर पहुंचकर अपनी कागजी कार्यवाही मौके पर ही पूर्ण कराई।
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