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Shishukunj

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Tuesday, October 15, 2019

सोशल मीडिया का पॉजीटिव उपयोग, रक्तदान के लिए 500 से ज्यादा डोनर को जोड़ा

ब्लड की कमी से जूझने वाले सरकारी अस्पताल की मदद की
मंगलम संस्था के युवाओं ने एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर लोगों को जोड़ा और आज 500 से ज्यादा डोनर
शिवपुरी-यहां एक ओर सुप्रीम कोर्ट में बैठे न्यायाधीशों ने सोशल मीडिया के बढ़ते दुष्प्रभावों को लेकर चिंता जताई है। वहीं दूसरी ओर मप्र के शिवपुरी के युवाओं ने उसी सोशल मीडिया का पॉजीटिव उपयोग कर समाज में एक अच्छा उदाहरण पेश किया है। सोशल मीडियो के पॉजीटिव उपयोग के जरिए शिवपुरी के युवाओं ने ब्लड की कमी से जूझने वाले जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की मदद की है और आज इन युवाओं की पहल के कारण इस सरकारी अस्पताल में ब्लड बैंक में रक्त की कमी नहीं है। इसके अलावा 500 से ज्यादा रक्तदाताओं का एक समूह भी बन गया है। जो समय.समय पर बीमार व गंभीर मरीजों के लिए निशुल्क रक्तदान करते हैं। 
व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर 500 डोनर जोड़े 
शिवपुरी की मंगलम स्वयंसेवी संस्था के युवाओं का एक गु्रप रक्तदान को बढ़ावा देने और रक्त की कमी को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस स्वयंसेवी संस्था के युवाओं ने जिला चिकित्सालय में रक्त की कमी को देखते हुए रक्तदाताओं का एक ग्रुप बनाया है और इसे सोशल मीडिया से जोड़ा। यानि रक्तदाताओं को एक व्हाट्सअप ग्रुप से जोड़कर इन रक्तदाताओं की एक टीम बनाई गई। आज इन रक्तदाताओं की टीम के कारण ही शिवपुरी में ब्लड की कमी नहीं है और जरूररमंद और बीमार लोगों को समय पर ब्लड मिल रहा है। इतना ही नहीं इस रक्तदान करने वाले व्हाट्सअप ग्रुप में 500 से ज्यादा डोनर जुड़ेे हुए हैं जो समय.समय पर रक्तदान करते हैं। इस संस्था के गु्रप ने बीमार मरीजों व जरूरतमंदों को शिवपुरी ही नहीं अपितु ग्वालियरए दिल्लीए कोटा तक भी अपने रक्तदाता भेजकर निशुल्क रूप से आवश्यकता पडऩे पर ब्लड दिया है। इसके अलावा कुपोषण प्रभावित शिवपुरी जिले में आदिवासी कुपोषित बच्चे जो पोषण पुर्नवास केंद्र ;एनआरसीद्ध में भर्ती किए जाते हैं इन बच्चों को भी ब्लड दिया है। कुल मिलाकर इस ग्रुप के बनने से अब जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक में रक्त की कमी नहीं रहती है यदि कोई ब्लड ग्रुप का रक्त नहीं भी होता है तो इस ग्रुप के टीम मेंबर को कॉल कर बुला लिया जाता है जो रक्तदान करता है। 
सबको जोड़ते गए और कारवां बनता गया 
मंगलम संस्था से जुड़े समाजसेवी हरिओम अग्रवाल ने बताया कि यहां पर रक्त की कमी को देखते हुए एकदिन प्लान बना कि एक ग्रुप बनाया जाए। इसके बाद लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया और लोगों के मन में रक्तदान को लेकर जो भ्रांतियां थीं उन्हें दूर किया। आज स्थिति यह है कि लोग प्रेरित होकर रक्तदान करने के लिए आगे आ रहे हैं। बैभव कवीर ने बताया कि हमारी टीम का हर सदस्य आगे बढ़कर काम कर रहा है। एक रक्तदाता मोहित गुप्ता ने बताया कि वह इस ग्रुप के टीम मेंबर की प्रेरणा से ही हर तीन से चार माह में एक बार रक्तदान करने आते हैं और इससे बीमार मरीज व जरूरंतमंद की मदद होती है।  

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