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Thursday, September 12, 2019

इंदौर के प्रख्यात मोटीवेशनल स्पीकर शैलेन्द्र सिंह के शिवपुरी प्रवास पर उनसे खास बातचीत

व्यक्ति का क्यों, यदि स्पष्ट होगा तो वह कभी असफ ल नहीं हो सकता : शैलेन्द्र सिंहशिवपुरी-सफ लता किसी एक व्यक्ति की कुंजी नहीं होती इसके लिए जो व्यक्ति मेहनत करता है उसे मिलती है सफ लता और असफ लता इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति की सोच कैसी है। यदि विजन साफ  है और उसके लिए मेहनत की जाए तो वह सफ ल हो सकता है खासकर व्यक्ति का क्यों स्पष्ट होना चाहिए तभी सफलता मिलती है। यह बातें इंदौर के प्रख्यात मोटिवेशनल स्पीकर शैलेन्द्र सिंह ने अपने शिवपुरी प्रवास के दौरान इस प्रतिनिधि से विशेष बातचीत करते हुए कहीं। मोटिवेशनल स्पीकर शैलेन्द्र सिंह ने इस दौरान अपने जीवन के कई अनुभव शेयर किए। किस प्रकार वे मोटिवेशनल स्पीकर बने। इससे उन्हें क्या फायदा हुआ और लोगों को किस प्रकार मोटिवेट किया इस संबंध में बताया। शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि वे पहले रसना फ्रूट जूस कंपनी में नौकरी करते थे। नौकरी से कुछ लगाव था नहीं तो उन्होंने खुद का बिजनेस शुरू किया। बिजनेस में भी हाथ नहीं चला और काफी नुकसान हुआ। शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि बिजनेस में नुकसान होने के बाद ऐसा समय आया कि वे काफी डिप्रेशन में चले गए। यहीं से उन्हें यह विचार आया कि जो मेरे साथ हुआ देश भर में कई लोगों के साथ हो रहा होगा। इसके बाद वे खुद भी संभले और ऐसे डिप्रेशन में रह रहे लोगों को समझाने का बीड़ा उठाया। इस प्रकार मोटिवेशनल स्पीकर बनने और डिप्रेश्ड लोगों को मोटिवेट करने का सिलसिला शुरू हुआ। आज शैलेन्द्र सिंह ने अपने मोटिवेशनल स्पिच के जरिए कई लोगों का जीवन बदल दिया है। देशभर में दौरे कर सेमिनार के माध्यम से शैलेन्द्र सिंह कई मुद्दों पर लोगों को एक सीख दे रहे हैं। इनकी बातों से प्रभावित होकर आज कई लोग सफलतम जीवन जी रहे हैं।
तब दुख हुआ जब एक सख्स ने खुदकुशी कर लीअपने सबसे दुखद पल के बारे में जिक्र करते हुए शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि एक बार एक सख्स जिनका नाम मनोज था। वे काफी डिप्रेशन में और मुझसे संपर्क किया था। उस समय कुड व्यस्थता के कारण मैं उनसे संपर्क नहीं कर पाया। फिर एक दिन पता चला कि उन्होंने सुसाइड कर लिया है। यह मेरे लाइफ का सबसे दुरूखद पल था। जब उस व्यक्ति ने मुझसे संपर्क किया तब यदि मैं उससे मिल लेता कुछ बात हो जाती तो संभव था वह आत्महत्या नहीं करता। कहीं न कहीं मुझसे चूक हुई और मैं उसे बचा नहीं सका। खुशी के पलों के बारे में शैलेन्द्र सिंह का कहना है ऐसे पल उनके जीवन में बहुत आए हैं। जब भी उनके द्वारा दिए गए स्पीच के कारण किसी का भला हुआ होए किसी ने खुदकुशी करने का इरादा त्याग दिया हो तो वे सभी पल खुशी के पल हैं। अपने सफर के दौरान ऐसे पल काफी मिले किसी एक पल का जिक्र करना भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में भी इसी प्रकार लोगों का डिप्रेशन दूर करने का काम करते रहेंगे।
स्पीच से प्रभावित होकर बनी आईएएसबातचीत में शैलेन्द्र सिंह ने सोनभद्र का एक वाकया बताया जिसमें उनके संपर्क में आकर एक लड़की ने आईएएस क्लियर किया। उन्होंने बताया कि सोनभद्र से एक सख्स ने अपनी बेटी के बारे में बताया था वह आईएएस की तैयारी कर रही है लेकिन सेलेक्ट नहीं हो पा रही है। इसके बाद उस लड़की से मैने बात की और अपने कुछ वीडियोज उसे दिखाए। यह मेरे स्पीच का कमाल या उस लड़की मेहनत पता नहीं लेकिन इसके बाद उसने आईएएस क्लीयर कर लिया।
'भरो हुंकारÓ के जरिए देशभर में करेंगे फ्री सेमिनारशैलेन्द्र सिंह ने अपने भविष्य की योजनाओं के संबंध भी चर्चा की। उन्होंने बताया वे जल्द ही एक फेसबुक पेज लॉंच कर रहे हैं जिसका नाम 'भरो हुंकारÓ रखने की योजना है। इस फेसबुक पेज के जरिए देशभर के अनप्रोफेशनल मोटिवेशनल स्पीकर्स को जोड़ेगे। उन्होंने कहा कि देशभर के 30 शहरों में भरो हुंकार के जरिए फ्री सेमीनार करने की योजना है। ऐसे सेमिनार के जरिए उस शहर के दो अनफ्रोफेशन स्पीकर्स को मंच दिया जाएगा जिससे कि उन्हें भी एक प्लेटफॉर्म मिल जाएगा। इससे मेरी तरह लोगों को मोटिवेट करने के लिए और भी शैलेन्द्र सिंह तैयार हो जाएंगे। जो काम मैं कर रहा हूं वह काम सैकड़ों लोग करेंग। यएि एक व्यक्ति से 100 लोग मोटिवेट हो रहे हैं तो 100 लोगों से 10 हजार लोग मोटिवेट होंगे और हो सकता है एक दिन ऐसा भी हो कि लोग डिप्रेशन में रहना ही छोड़ दें।

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