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Thursday, September 26, 2019

धरातल पर दलित हत्याकाण्ड ने खोली प्रशासन के दावों की पोल!

ओडीएफ घोषित होने के बाद भी ग्राम भावखेड़ी में पीड़ित परिवार को नहीं मिला शौचायल और ना ही मिला आवास
शिवपुरी- जिले के सिरसौद अंतर्गत आने वाले ग्राम भावखेड़ी ने जिला प्रशासन की पोल खोलकर रख दी है जहां एक ओर यह ग्राम ओडीएफ घोषित है तो वहीं दूसरी ओर पूरे ग्राम में एक मात्र यह दलित परिवार अपनी झोंपड़ी में निवास कर रहा है लेकिन भाग्य ने इस परिवार को आज उस समय सामने ला दिया जब पीड़ित परिवार के दो मासूम बच्चों की हत्या कर मौत हो गई। इस घटना ने एक ओर जहां भोपाल-दिल्ली तक हो-हंगाम मचा दिया है तो वहीं बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहिन मायावती ने इस मामले को लेकर गहन नाराजगी व्यक्त करते हुए अपने ट्विटर पर घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। हालांकि पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर मामला पंजीबद्ध कर लिया है लेकिन दूसरी ओर इस पूरे मामले ने शासन की योजनाओं की धज्जियां उड़ाकर रख दी है। जहां पूरे ग्राम में एक मात्र दलित परिवार आज भी झोंपड़ी में रहने को मजबूर है और इसे ना तो 2011 में हुए सर्वे का लाभ मिला और ना ही इस परिवार को धूप-छांव और बारिश से बचने के लिए प्रधानमंत्री आवास की योजना से लाभान्वित किया। इसके अलावा इस दलित परिवार को ना ही उज्जवला योजना का लाभ मिला और ना ही स्वच्छता अभियान के रूप में घोषित ओडीएफ के बाद भी शौचालय की व्यवस्था हुई। ऐसे में इस ग्राम में ओडीएफ व्यवस्था की पोल भी खुलती हुई नजर आ रही है यदि भाग्यवश इस परिवार के पास शौचालय होता तो संभवत: घर के दो मासूम बच्चों रोशनी पुत्री कल्ला वाल्मीकि उम्र 12 साल व अभिनाश पुत्र मनोज बाल्मीकि उम्र 10 साल निवासी भावखेड़ी की मौत ना हुई होती। ऐसे में इन तमाम योजनाओं पर इस हत्याकाण्ड ने सवालिया निशान लगा दिया है।  वहीं दूसरी ओर आदिम जाति कल्याण विभाग की ओर से शासन की योजनाओं के अनुरूप जो लाभ मिलता है वह तो प्रदान कर दिया गया लेकिन आज जब स्थिति स्पष्ट हो गई है तो यह पता चलता है कि दलित परिवार आज भी शासन की योजनाओं से लाभान्वित होने से कोसों दूर है।

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