शिवपुरी-शहर के झांसी रोड़ स्थित डीण्आरण्दुग्ध प्लांट पर कार्यवाही कर एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर भले ही खूब वाहवाही लूट रहे हों लेकिन प्लांट संचालक दीपेश राठौर से जब इस संबंध में चर्चा की तो हकीकत सामने आई कि वह अपने स्वरोजगार को स्थापित करने के लिए डीण्आरण्डेयरी प्रोडक्ट नाम से दुग्ध प्लांट की स्थापना कर रहे है अभी इसके रजिस्ट्रेशन को लेकर प्रक्रिया चल ही रही थी कि आनन फानन में एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर द्वारा खाद्य विभाग के अमले के साथ मिलावटी दूध विक्रेताओं के विरूद्ध चल रहे अभियान को गति प्रदान करते हुए यहां औचक छापामार कार्यवाही की और जब मौके पर प्लांट संचालक दीपेश रा
ठौर प्लंाट स्थापित कर स्वरोजगार को लेकर बात कही गई तो वह एसडीएम मानने से इंकार कर गए और प्लांट पर लगी दुग्ध की मशीनों से दूध की जांच को लेकर रखे दूध के सैम्पलों को मिलावट के रूप में सामग्री मानकर जब्ती में ले लिया। इस कार्यवाही से एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर के द्वारा जब कोई युवक स्वरोजगार स्थापित कर अपना व्यावसाय करना चाहता है तो बजाए उसकी कोई सुनने के महज अपनी कार्यवाही को अंजाम दिया जाना एसडीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। इस मामले में दुग्ध प्लांट संचालक दीपेश राठौर नव युवक है और वह स्वयं का रोजगार स्थापित करना चाहता है इसके लिए उसने बकायदा शासन के नियमानुसार प्लांट स्थापना को लेकर कागजी दस्तावेज जमा किए और अभी यह प्लांट शुरू भी नहीं हुआ था कि एकाएक किसी अन्य द्ववेषपूर्ण भावना रखने वाले शिकायतकर्ता की शिकायत पर एसडीएम व खाद्य अमला यहां पहुंच गया और मौके पर कार्यवाही को अंजाम दिया जबकि ऐसा वहां कुछ मिला ही नहीं जिससे इस दुग्ध प्लांट पर की गई कार्यवाही को मिलावट से जोड़ते लेकिन अब जब एसडीएम स्वयं पहुंचे हैं तो अपने साथ देखने.दिखाने को मीडियाकर्मियों को हाथों.हाथ जानकारी भी दी और की गई कार्यवाही का ब्यौरा बताया लेकिन हकीकत स्वयं दुग्ध प्लांट संचालक बता रहा है इसकी किसी भी मीडियाकर्मी ने राय लेना उचित नहीं समझा। इससे एक ओर जहां पत्रकारिता की पारदर्शिता पर भी सवालिया निशान लगता है तो वहीं शासकीय मशीनरी द्वाराकी गई कार्यवाही के बाद दूसरे पक्ष का हाल जानना भी आवश्यक है।
ठौर प्लंाट स्थापित कर स्वरोजगार को लेकर बात कही गई तो वह एसडीएम मानने से इंकार कर गए और प्लांट पर लगी दुग्ध की मशीनों से दूध की जांच को लेकर रखे दूध के सैम्पलों को मिलावट के रूप में सामग्री मानकर जब्ती में ले लिया। इस कार्यवाही से एसडीएम अतेन्द्र सिंह गुर्जर के द्वारा जब कोई युवक स्वरोजगार स्थापित कर अपना व्यावसाय करना चाहता है तो बजाए उसकी कोई सुनने के महज अपनी कार्यवाही को अंजाम दिया जाना एसडीएम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। इस मामले में दुग्ध प्लांट संचालक दीपेश राठौर नव युवक है और वह स्वयं का रोजगार स्थापित करना चाहता है इसके लिए उसने बकायदा शासन के नियमानुसार प्लांट स्थापना को लेकर कागजी दस्तावेज जमा किए और अभी यह प्लांट शुरू भी नहीं हुआ था कि एकाएक किसी अन्य द्ववेषपूर्ण भावना रखने वाले शिकायतकर्ता की शिकायत पर एसडीएम व खाद्य अमला यहां पहुंच गया और मौके पर कार्यवाही को अंजाम दिया जबकि ऐसा वहां कुछ मिला ही नहीं जिससे इस दुग्ध प्लांट पर की गई कार्यवाही को मिलावट से जोड़ते लेकिन अब जब एसडीएम स्वयं पहुंचे हैं तो अपने साथ देखने.दिखाने को मीडियाकर्मियों को हाथों.हाथ जानकारी भी दी और की गई कार्यवाही का ब्यौरा बताया लेकिन हकीकत स्वयं दुग्ध प्लांट संचालक बता रहा है इसकी किसी भी मीडियाकर्मी ने राय लेना उचित नहीं समझा। इससे एक ओर जहां पत्रकारिता की पारदर्शिता पर भी सवालिया निशान लगता है तो वहीं शासकीय मशीनरी द्वाराकी गई कार्यवाही के बाद दूसरे पक्ष का हाल जानना भी आवश्यक है।
No comments:
Post a Comment