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Shishukunj

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Thursday, August 8, 2019

पशुओं के अस्पताल में पशुओं की हो रही अनदेखी

उपचार के लिए आई गाय को कुत्तों ने चीथ खायाए अस्पताल प्रबंधन कठघरे में शिवपुरी-जिस प्रकार से इंसानों के उपचार के लिए जिला चिकित्सालय मौजूद है वैसे ही जानवरों के रूप में पशुओं के उपचार के लिए जिला पशु चिकित्सालय भी मौजूद है लेकिन इस ओर पशु चिकित्सालय प्रबंधन का ही ध्यान नहीं है ओर यही कारण है कि यहां पशु उपचार को आने वाले पशुओं की देखरेख के अभाव में मौत हो रही है। यह इस बात से प्रमाणित होता है कि बीते कुछ दिनों गौ सेवकों द्वारा एक घायल गाय के उपचार के लिए जिला पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया गयाए लेकिन यहां उस गाय को उपचार के लिए भर्ती कराया गया और यहां उसकी देखरेख पशु चिकित्सालय प्रबंधन को करना थी लेकिन यहां सुरक्षा ताक पर रखी रही और एक बहशी कुत्ते ने उस गंभीर घायल गाय को अपने निवाले का शिकार बनाते हुए चीथ-चीथ कर खा लिया जिससे घायल गाय की मौत हो गई। ऐसे में जो गाय अपने अपने उपचार के लिए गौसेवकों द्वारा पशु चिकित्सालय में लाई गई थी उसकी देखरेख तो छोडि़ए उसे लावारिस हाथों में छोड़ दिया जिसका बहशी कुत्तों ने लाभ उठाया और इस गाय को अपना निशाना बनाकर उसे मौत के घाट उतार दिया। इस मामले को गौ सेवकों में भारी रोष उत्पन्न है और इसके लिए जिम्मेदार पशु चिकित्सालय प्रबंधन को कठघरे में ला खड़ा किया है जहां सरकारी बजट से चल रहे इस पशु चिकित्सालय में यदि इसी तरह पशुओं की मौतें होती रहें तो फिर यह पशु अस्पताल ही किस काम काए ऐसे में इसे बंद कर दिया जाए। बताना होगा कि पशु चिकित्सालय में बाउण्ड्री ना होने के कारण यह हालात उत्पन्न हुए जिसके चलते एक मासूम घायल गाय कुत्तों का शिकार हो गई। यदि पशु चिकित्सालय अपनी बाउण्ड्री कर यहां तैनात चौकीदारों को सतर्क करती तो संभव है इस तरह की घटना घटित होने से बचती और घायल गाय को भी समय रहते उपचार मिल जाता। लेकिन यहां शासकीय सेवा में कार्यरत पशु चिकित्सालय के चौकीदार और अस्पताल प्रबंधन का जिम्मा संभाले अधिकारियों की हीला.हवाली बदस्तूर जारी है। ऐसे में यहां गौ सेवकों और स्थानीय नागरिकों ने इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से पशु चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर यहां पशुओं की हलाहवाली में कार्य करने वाले पशु चिकित्सकों और प्रबंधन के खिलाफ उचित कार्यवाही करें ताकि यहां व्यवस्था अव्यवस्थाओं को समय रहते सु धारा जा सके और पशु चिकित्सालय पशुओं के लिए लाभकारी साबित हो सके अन्यथा ऐसे सरकारी पशु चिकित्सालय को ही जिले से हटाकर अन्यत्र भेज दिया जाए ताकि सरकार का बजट तो बच सके और रही पशुओं की बात तो वह तो पशु चिकित्सकों के भरोसे ही मानव सेवा के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर लेंगें। 
इनका कहना है-मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है और यदि कोई पशु कुत्तों के चीथने के कारण है मरा है तो हम मामले को दिखवा लेते है और जो भी कार्यवाही होगी,की जाएगी।
डॉ.एम.सी.तमौरी,उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाऐं, शिवपुरी

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