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Tuesday, August 13, 2019

बीमारी का उपचार कराने आए मरीज की गला रेतकर हत्या

घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस, आरोपी फरार 
शिवपुरी-अस्पताल में उपचार कराने आए एक मरीज की उस समय हत्या हो गई जब देर सायं को अस्पताल में मरीज बिस्तर पर अपना इलाज कराने के दौरान लेटा हुआ था। बताया गया है कि यहां पुरूष डी वार्ड जो टीबी मरीजों का वार्ड है उसमें भर्ती मरीज सुरेश 65 पुत्र मांगीलाल कोली निवासी गौशाला लुधावली की गला रेती लाश पलंग पर पडी मिली। पुलिस इसे हत्या का मामला मान रही है। मृतक के कपड़े खून से सने हुए थे। स्टाफ ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। प्रथम दृष्टया मृतक की हत्या की आशंका जताई जा रही है। वहीं इस घटना से अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
जानकारी के अनुसार गौशाला निवासी सुरेश कोली 12 अगस्त को सुबह 9रू15 बजे जिला अस्पताल में भर्ती हुआ। जहां उसका टीबी का उपचार किया जा रहा था। स्टाफ के मुताबिक 13 अगस्त को राउंड के दौरान मरीज पलंग पर नहीं था। लेकिन दोपहर 3रू15 बजे जब डयूटी पर तैनात नर्स की नजर पलंग पर पड़ी तो सुरेश की मौत हो चुकी थी और उसका गला कटा हुआ था तथा कपड़ों पर खून लगा था। पुलिस ने जिला अस्पताल में पहुंचकर मामले की पड़ताल की जिसमें प्रथम दृष्टया जिला अस्पताल प्रबंधन भी लापरवाही साफ रूप से दिखाई पड़ रही हैं क्योंकि जहां मृतक जिस पलंग पर लेटा हुआ था। हत्या के उपरांत फैले खून को किसके कहने पर साफ किया गया।
देहात थाने में कर चुका था मृतक शिकायत 
मृतक ने  कुछ ही दिनों पहले देहात थाने में एक आवेदन के माध्यम से शिकायत की थी कि शुरूआती जांच में सामने आया है कि मृतक ने पिछले माह 25 जुलाई को देहात थाने में आवेदन देकर अपने भाई प्रकाश कोली पर आरोप लगाया था कि रात को सोते समय प्रकाश ने उसकी छाती पर पत्थर पटक दिया था और वह बेहोश हो गया। हालांकि इस मामले में पुलिस ने तत्समय कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की। ऐसे में इस पत्र के सामने आने के बाद हत्या की आशंका को बल मिल रहा है।
अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की खुली पोल
जिला चिकित्सालय के मेडीकल वार्ड को अभी हाल ही में मेडीकल कॉलेज के अधीन कर दिया गया हैं। अभी मेडीकल कॉलेज को इस भवन को दिए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ हैं। आज मेडीकल वार्ड से लगे हुए टीबी वार्ड में सुरेश शाक्य नामक मरीज की दिन दहाड़े गला काट कर हत्या कर दी जाती हैं तब सवाल यह उठता है कि टीबी वार्ड में उक्त समय कोई भी कर्मचारी उपस्थित नहीं था। एक बाहरी व्यक्ति अस्पताल परिसर के मेडीकल वार्ड से लगे टीबी वार्ड में जाता हैं और वहां भर्ती सुरेश शाक्य नामक मरीज का गला काटकर हत्या करने के उपरांत आसानी से फरार हो जाता है। जिससे यह तथ्य स्पष्ट होता हैं कि जिला चिकित्सालय में कोई भी मरीज सुरक्षित नहीं है।

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