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Saturday, August 3, 2019

मिलावटी दूध को लेकर खाद्य विभाग की कोई ठोस कार्यवाही नहीं आई नजर

सैम्पल के नाम पर खाद्य विभाग भर रहा अपनी जेबें!
शिवपुरी- शासकीय मशीनरी जब भी कोई आमजनता से जुड़े मुद्दे को लेकर कार्यवाही की जाती है तो उसका ढिंढोरा खूब पीटा जाता है  लेकिन धरातल पर उसके परिणाम दूर-दूर तक नजर नहीं आते। कुछ ऐसा काम इन दिनों मिलावटी दूध को लेकर हो रहा है जहां एक ओर  खाद्य विभाग मिलावटी दूध को लेकर छापामार कार्यवाही को अंजाम तो दे रहा है लेकिन उस छापामार कार्यवाही में केवल सैम्पलिंग के नाम पर अपनी जेबें भरने का काम किया जा रहा है यह आमजन में चर्चा का विषय बना हुआ है और सूत्रों की खबर भी इसी ओर इशारा करती है कि सैम्पल की आड़ में ही खाद्य विभाग कई दूध डेयरी दुकानों पर छापामार कार्यवाही करने जाता तो है लेकिन वहां से सैम्पल लिए और क्या लिए, यह किसी को नहीं बताया जाता जिससे यहां खाद्य विभाग की कार्यवाही कहीं जेबें भरने के लिए तो नहीं हो रही। इस ओर ऐसा माना जा सकता है हालांकि हम इस बात को प्रमाणिकता नहीं देते लेकिन लोगों की चर्चाओं और सूत्रों पर भरोसा करें तो खाद्य विभाग द्वारा जो भी कार्यवाही की जा रही है उसकी जानकारी और की जाने वाली ठोस कार्यवाही कहीं दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही। 
खाद्य सामग्रियों में मिलावट खोरी के विरुद्ध प्रशासनिक छापामार कार्यवाही स्वागत् योग्य, परन्तु निर्दोष व्यवसाई न फ ंसे 
माननीय मुख्यमंत्री कमलनाथ, खाद्य,नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एवं संभागीय आयुक्तए ग्वालियर संभाग को चेम्बर ने लिखे प्रेषित पत्रों में कहा गया है कि म.प्र.शासन द्वारा मिलावट खोरो के विरूद्ध जो कार्यवाही की जा रही है वह स्वागत योग्य है क्योंकि जल्दी पैसे कमाने और लालच में यह कार्य जो भी कर रहे है, वह व्यापारी कदाचित नही हो सकते है क्योंकि व्यापारी विपणन का कार्य करता है, जिसके बदले में वह थोड़ा अंश लाभ प्राप्त करता है इससे सरकार को राजस्व मिलता है एवम लोगो को रोजगार के अवसर उपलब्ध होते है और अपनी सेवा से वह लोगो की संतुष्टि प्राप्त करते हुए कुछ मुनाफ ा कमाए यह हर एक वास्तविक व्यापारी का लक्ष्य होता है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से व्यवसाईयों की जमात में कुछ ऐसे लोग शामिल हो गए हैं जो अपने लाभ के लिए आंखे बंद कर कुछ भी करना चाहते है उनके लिए यह कार्यवाही आवश्यक भी है लेकिन इस तरह की कार्यवाहियों में यदि निष्पक्षता और निरन्तरता नहीं होगी, तो ऐसी कोई कार्यवाहिया समाज मे सुधार नहीं ला सकती हैं, खासकर ऐसी कार्यवाहियों में निष्पक्षता का होना नितांत आवश्यक है क्योंकि यह घृणित कार्य समाज के 2प्रतिशत लोग करते है जिसका खामियाजा 100 प्रतिशत को भुगतना पड़ता है। ऐसा भी नही है कि ऐसा सिर्फ  व्यापारी समाज मे ही होता है  इस स्थिति से हर वर्ग को सामना करना पड़ता है ।
इनका कहना है-
हम यह नहीं कहते है मिलावट खोरों पर कार्यवाही ना हो, लेकिन निष्पक्षता और पारदर्शिता आवश्यक है और जो भी मिलावट खोर हों उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाए, निर्दोषों को ना फंसाया जाए।
दीपेश राठौर (शंटू), संचालक नवीन दूध डेयरी, शिवपुरी

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