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Friday, August 2, 2019

मिलावट खोरी की भेंट चढ़ते उपभोक्ता, जनसंख्या के अनुपात में कहीं अधिक आपूर्ति होती है दूध की

सामने आया दूध में मिलावट का धंधा, खाद्य विभाग की मिलावटखोरों के विरूद्ध छापामार कार्यवाही जारी शिवपुरी- जिले में इन दिनों खाद्य विभाग द्वारा अवैध रूप से मिलावट कर रहे दूध डेयरियों और इसका कारोबार करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर छापामार कार्यवाही की जा रही है। इस दौरान दूध मिलावट को लेकर जो जानकारी एकत्रित की गई उसके मुताबिक जिले में करीब 17 लाख से अधिक की आबादी है और इसमें सेंसक्स के मुताबिक दूध देने वालों पशुओ की संख्या करीब 5.50 लाख मौजूद है जिसमें गाय, भैंस व बकरी, भेड़ शामिल है। ऐसे में जिले की इतनी बड़ी आबादी के बाबजूद भी करीब 40 प्रतिशत पशुओं संख्या के मुताबिक नर-मादा मिलाकर 11 लाख 85 हजार 667 जानवर के द्वारा दूध की पूरी बिक्री करीब 9 लाख 92 हजार 127 लीटर लगभग प्रतिदिन और उससे कहीं अधिक आपूर्ति पूरे जिले भर में की जा रही है जो यह बताता है कि कहीं ना कहीं बिना मिलावट के इतना बड़ा दूध का कारोबार करना संभव नहीं है। इससे यह पता चलता है कि दूध का मिलावट शहर ही नहीं बल्कि दूरस्थ ग्रामीण अंचलों और पूरे जिले की विभिन्न तहसीलों में भी बड़े स्तर पर किया जा रहा है। ऐसे में खाद्य विभाग द्वारा की जा रही छापामार कार्यवाही से कई दूध डेयरियों, दूध प्लांटों और रोजमर्रा दूध का कारोबार करने वाले दूधियों को पकड़ा जा रहा है और उनके सैंपल लेकर लैब भेजते हुए जांच में दोषी होने पर इनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। 
दूध कम लेकिन आपूर्ति अधिक, मिलावट की ओर है इशारा दूध मिलावट को लेकर यदि बात करें तो शिवपुरी जिले में ही प्रतिवर्ष हजारों शाादियां, अनेकों धार्मिक अनुष्ठान,  भण्डारे आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाते है जिसमें अधिकांशत: दूध से बनी सामग्रीयों का प्रयोग होता है। ऐसे में जब दूध कम है और उसकी आपूर्ति कहीं अधिक है। ऐसे में दूध आपूर्ति की भरपाई होना कहीं ना कहीं मिलावट की ओर इशारा करता है। मिलावटखोरों ने भी दूध को इस तरह व्यवस्थित कर लिया है कि वह कहीं ना कहीं दूधियों को खुला संरक्षण देकर उन्हें इस तरह के कारोबार कररने का संरक्षण प्रदान कर रहे है और यही कारण है कि दूध के नाम पर कई डेयरी संचालकों और दूध प्लांटों के मालिकों ने अपनी जेबें जनता का शोषण और मिलावटी दूध बिक्री कर भर ली है। अब यदि देर-सबेर दूधियों के खिलाफ कोई कार्यवाही हो रही है तो इससे उनमें बौखलाहट है बाबजूद इसके यह छापामार कार्यवाही नियमित रूप से जारी रहना चाहिए तभी मिलावटखोरी पर अंकुश लग सकेगा अन्यथा देखने-दिखाने की जाने वाली कार्यवाही का क्या औचित्य? 
सरकार का आदेश मिलावटखोरों के विरूद्ध होगी रासुका की कार्यवाहीदूध मिलावट को लेकर मप्र कांग्रेस सरकार द्वारा सख्त कदम उठाते हुए मिलावटखेारों के विरूद्ध रासुका(राष्ट्रीय सुरक्षा कानून)की कार्यवाही के आदेश दिए है। जिसमें उज्जैन के एक मिलावटखोर के विरूद्ध पहली रासुका की कार्यवाही को अंजाम दिया गया। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट द्वारा अधीनस्थ अमले को अभियान चलाकर मिलावटखोरों के विरूद्ध कार्यवाही के निर्देश दिए गए है और किसी भी रूप में मिलावट खोर बचे नहीं इसे लेकर सख्त कदम उठाऐं और मिलावट का सैम्पल लेकर उसकी जांच कराऐं साथ ही दोषी पाए जाने के विरूद्ध रासुका जैसी कठोर कार्यवाही को ताकि इस तरह दूध से मिलावट करने वालों को मिलावट करने का सबक मिले और वह इससे दूर हो ताकि मानव शरीर को शुद्ध और पौष्टिक दूध प्राप्त हो सके। इस तरह रासुका की कार्यवाही को लेकर मिलावटखोरों में भी डर और भय का वातावरण निर्मित है जो इस तरह के कारोबार में लिप्त है और जिनमें अधिकांशत: मिलावटखोर अपनी दुकानों को बंद किए हुए है। 
मिलावट के कारण बीमारियों से घिर जाता है शरीर : डॉ.ए.के.मिश्रा शहर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.ए.के.मिश्रा से जब मिलावट दूध का सेवन करने के कारणों को जानने का प्रयास किया तो डॉ.मिश्रा ने मिलावट के कारण अनेकों बीमारियों से शरीर घिरे होने की जानकारी दी। मिलावट दूध की बिक्री से होने वाली बीमारियों के बारे में डॉ.मिश्रा ने बताया कि मिलावट दूध के सेवन के कारण आंत्रशोथ जिसमें उल्टी-दस्त, पेचिस, के अलावा हैपेटाईटिस जिससे लीवर पर सूजन आती है,  भूख नहीं लगती, अपच और पीलिया जैसी बीमारियों का शिकार भी नागरिक हो जाते है, मिलावट दूध के कारण ही मानव शरीर में रक्त की अल्पता (खून की कमी)भी होती है जिसमें पैरों में सूजन सांस फूलना थोड़ा चलने पर ही थकान महसूस करना सिर में दर्द आदि लक्षण पाए जाते हैं इसके अलावा कई बार देखने में आया हैकि दूध में मिलावट में क्या है यह उस पर भी निर्भर करता है और इसका प्रभाव भी मानव शरीर पर अलग-अलग होता है। 
इनका कहना है-अभी खाद्य विभाग द्वारा डेयरी दुकानों के सैम्पल लिए है और इन सैम्पलों की जो जांच रिपोर्ट आएगी उसमें दोषी होने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी, इसके अलावा जो डेरी दुकानें बंद है उन्हें चिह्नित किया जाएगा और मानीटरिंग करते हुए इन चिह्नित दुकानों के विरूद्ध भी समय आने पर कार्यवाही की जाएगी।
श्रीमती अनुग्रह पी.
कलेक्टर, शिवपुरी

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