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Shishukunj

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Tuesday, August 20, 2019

दिनारा मेले में 11 वर्षों से लगातार कर रहे हैं पानी, मीठे शरवत रुहफ जा और वितरण किया जा रहा जलजीरा

किसान नेता सतीश फौजी मित्र मण्डल द्वारा लगातार जारी है सेवा कार्य
शिवपुरी-सावन के माह में श्री गुप्तेश्वर महादेव मेला दिनारा में लाखों की संख्या में लोग यहां पर आते हैं और दिनारा मेला की रौनक बढ़ाते हैं दिनारा मेला में प्रतिवर्ष दिन में कुश्तियां और रात में कई रंगारंग कार्यक्रम भी होते है। दिनारा मेला कई वर्षों से भरता आ रहा हैं। इस मेले की रौनक बढ़ाते हुए किसान नेता सतीश यादव फौजी और उनकी टीम के द्वारा मेला के मुख्य स्वागत द्वार पर एक बहुत सुंदर पहल प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 11 वर्ष पूर्व शुरु की थी जो आज भी निरंतर चली आ रही है। इस पहल में सतीश फौजी एवं उनकी टीम के द्वारा मेले के मुख्य स्वागत द्वार पर एक भव्य प्याऊ का स्टॉल लगाया जाता है जिसमें मेले में आने वाले सभी सैलानियों का स्वागत ठंडे पानी, शरबत रुहफजा और जलजीरा का वितरण मेले आने वाले सैलानियां को किया जाता हैं यह सेवा फौजी और उनकी टीम के द्वारा सन् 2009 में शुर की गई थी जो आज भी निरन्त चल रही हैं। ग्रामीण जनों में इस पहल की जमकर तारीफ  होती है एवं हर व्यक्ति जब मेला घूमने जाता है तो पानी पीकर जाता है और जब मेला घूम कर वापस अपने घर जाता है तब भी यहां पर स्वागत गेट पर बनी प्याऊ में पानी एवं जलजीरा पीकर ही वापस जाते हैं। ऐसी पहल से दिनारा मेला में और रौनक बढ़ी है एवं क्षेत्र के लोगों के द्वारा इस प्याऊ की जमकर सराहना की जाती है और उनकी टीम को आशीर्वाद प्रदान भी बुजुर्ग लोग करते हुए जाते हैं।
इनका कहना है-
2009 में सेना से डिस्चार्ज लेकर जब मैं वापस आया तो मेरे दोस्तों के द्वारा हमें सलाह दी गई की इस वर्ष मेले में पानी पिलायेंगे, हमने एक टीम बनाई और प्याऊ चालू की क्षेत्र के सभी सैलानियों का स्वागत किया। हमारे इस कार्य की क्षेत्र में जमकर तारीफ  हुई और मन मे शांति मिली तो हमें लगा कि यह काम हमें निरंतर प्रतिवर्ष करना चाहिए, 2009 से लेकर आज 11 वर्ष हो चुके हैं हम इस कार्य को कर के अपने आप को धन्य मानते हैं।
सतीश फौजी, किसान नेता, दिनारा

मैं अपने गांव सलैया डामरोंन से मेला घूमने आया और मेला घूमने में लगभग हमें दो से तीन घंटे लगते हैं उस दो.तीन घंटे में मेला के प्रांगण में हमे कहीं भी पानी पीने की व्यवस्था नहीं मिली है जब हम नीचे मेला घूम के बाद वापस आते हैं तो हम इस प्याऊ पर आकर अपनी प्यास बुझाते हैं और सभी लोग कहते हैं कि नीचे फौजी की प्याऊ पर पानी पीयेंगे।
भोला जाटव
सलैया डामरोंन

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