गुरूकृपा से ही जीवन सुख, समृद्धि एवं आत्मिक शांति प्राप्त करता है
शिवपुरी-जिस प्रकार यदि वातावरण में वायु ना हो तो जीवन में प्राण होना असंभव है उसी प्रकार यदि जीवन में गुरू कृपा नहीं है तो जीवन में सुख, समृद्धि एवं आत्मिक शांति प्राप्त होना असंभव है। वास्तव में प्रत्येक मनुष्य के जीवन में गुरू की अत्यधिक महत्वता है जिसका उल्लेख हमारे वेद, पुराण, उपनिषद एवं महान ग्रंथों में मिल जाया करता है। कहा है कि "वंदउ गुरू पद पदुम परागा , सुरूचि सुवास सरस अनुरागा"
। इसका अर्थ है कि मैं गुरू महाराज के चरणों की रज की बंदना करता हूॅ जो सुरूचि , सुगंध तथा अनुराग रस से परिपूर्ण है। भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता में गुरू की महत्वता बताते हुये सर्वप्रथम गुरूदेव के श्रीचरणों में प्रणाम करने की सीख दी है। यदि हमारे जीवन में गुरूदेव का प्रशसन्नता ब्याप्त हो गई तो समझो कि आप कभी कष्ट में रह ही नहीं सकते। हमें जीवन में प्रत्येक कष्ट, दुविधा, दु:ख से परे ले जाने वाले गुरूदेव ही होते हैं। यहां बात आती है सिर्फ हमारे मनोभाव की ।हम अपने जीवन में गुरूदेव को कितनी महत्वता देते हैं। हम जीवन में गुरूदेव को किस भावना से पूजते हैं उनका सम्मान करते हैं उसी का रिटर्न परिणाम गुरू आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है।
विश्व आध्यात्मिक संस्थान का भव्य गुरूपूर्णिमा महोत्सव आज
आध्यात्मिक गुरू डॉ.रघुवीर सिंह गौर करेंगें मार्गदर्शन, देंगें गुरूदीक्षा गुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरू के प्रति आदर सम्मान का भाव प्रकट करने के लिए विश्व आध्यात्मिक संस्थान के तत्वाधान में भव्य गुरूपूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम आज 16 जुलाई मंगलवार केा स्थानीय नक्षत्र गार्डन शिवपुरी में प्रात: 8:30 बजे से किया जा रहा है। कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए प्रभारी गुरूपूर्णिमा महोत्सव समिति डॉॅ.ए.एस.भल्ला एवं डॉ.डी.के. सिरोठिया ने संयुक्त रूप से बताया कि गुरूपूर्णिमा के अवसर पर विश्व आध्यात्मिक संस्थान के तत्वाधान में प्रात: 8:30 बजे गुरू दीक्षा एवं गुरूपूजन कार्यक्रम होगा, तत्पश्चात प्रात: 9 बजे ध्यान-साधनाऐं आध्यात्मिक रूप से की जाऐगी। दोप.1 बजे से सायं 4 बजे तक भण्डारे का आयोजन किया जाएगा जबकि सायं 5 बजे से संध्या सत्संग, सायं 7 बजे से विश्वव्यापी, प्रार्थनाऐं की जाएगी, रात्रि 7:30 बजे से भजन एवं सत्संग का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। विश्व आध्यात्मिक संस्थान के इस भव्य आयोजन में देश-विदेश से भी गुरूभक्त गुरूपूर्णिमा के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शिवपुरी पधार चुके है जिसमें अनेंकों गुरूभक्त आज 16 जुलाई को गुरूपूर्णिमा के अवसर पर आऐंगें। इसमें देश भर के कोने-कोने से आध्यात्मिक संस्थान के गुरूभक्त इस आयोजन में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगें।
बांकड़े मंदिर, श्री बड़े हनुमान जी एवं पाताली हनुमान मंदिर पर गुरूपूर्णिमा पर्व का होगा भव्य आयोजनगुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर शहर के विभिन्न मंदिरों पर भी अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाऐंगें। जिसमें सिद्ध स्थल श्रीबांकड़े हनुमान मंदिर पर मंदिर महंत गिरिराज जी एवं डॉ.गिरीश जी महाराज के पावन सानिध्य में दूर-दराज और ग्रामीण अंचलों से धर्मप्रेमीजन गुरूपूर्णिमा पर्व मनाने के लिए शिवपुरी स्थित बांकड़े हनुमन मंदिर पहुंचेंगें। जहां गुरूपूजन किया जाएगा। इसके साथ ही श्री बड़े हनुमान मंदिर पर महामण्डलेश्वर पुरूषोत्तमदास जी महाराज के पावन सानिध्य में गुरूपूर्णिमा पर्व का आयोजन किया गया है जहां मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के समापन पश्चात विशाल भण्डारे का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया है। इसके अलावा श्रीपाताली हनुमान मंदिर पर भी मंदिर महंत लक्ष्मणदास जी महाराज के मार्गदर्शन में गुरूपूर्णिमा पर्व का आयोजन किया गया है जहां दूर-दराज से आने वाले गुरूभक्त गुरूपूजन कर गुरू से आर्शीवाद लेंगें और गुरूपूर्णिमा पर्व मिलकर मनाऐंगें। इस अवसर पर मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समापन पर विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया।
शिवपुरी-जिस प्रकार यदि वातावरण में वायु ना हो तो जीवन में प्राण होना असंभव है उसी प्रकार यदि जीवन में गुरू कृपा नहीं है तो जीवन में सुख, समृद्धि एवं आत्मिक शांति प्राप्त होना असंभव है। वास्तव में प्रत्येक मनुष्य के जीवन में गुरू की अत्यधिक महत्वता है जिसका उल्लेख हमारे वेद, पुराण, उपनिषद एवं महान ग्रंथों में मिल जाया करता है। कहा है कि "वंदउ गुरू पद पदुम परागा , सुरूचि सुवास सरस अनुरागा"
। इसका अर्थ है कि मैं गुरू महाराज के चरणों की रज की बंदना करता हूॅ जो सुरूचि , सुगंध तथा अनुराग रस से परिपूर्ण है। भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता में गुरू की महत्वता बताते हुये सर्वप्रथम गुरूदेव के श्रीचरणों में प्रणाम करने की सीख दी है। यदि हमारे जीवन में गुरूदेव का प्रशसन्नता ब्याप्त हो गई तो समझो कि आप कभी कष्ट में रह ही नहीं सकते। हमें जीवन में प्रत्येक कष्ट, दुविधा, दु:ख से परे ले जाने वाले गुरूदेव ही होते हैं। यहां बात आती है सिर्फ हमारे मनोभाव की ।हम अपने जीवन में गुरूदेव को कितनी महत्वता देते हैं। हम जीवन में गुरूदेव को किस भावना से पूजते हैं उनका सम्मान करते हैं उसी का रिटर्न परिणाम गुरू आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है।
विश्व आध्यात्मिक संस्थान का भव्य गुरूपूर्णिमा महोत्सव आज
आध्यात्मिक गुरू डॉ.रघुवीर सिंह गौर करेंगें मार्गदर्शन, देंगें गुरूदीक्षा गुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गुरू के प्रति आदर सम्मान का भाव प्रकट करने के लिए विश्व आध्यात्मिक संस्थान के तत्वाधान में भव्य गुरूपूर्णिमा महोत्सव कार्यक्रम आज 16 जुलाई मंगलवार केा स्थानीय नक्षत्र गार्डन शिवपुरी में प्रात: 8:30 बजे से किया जा रहा है। कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए प्रभारी गुरूपूर्णिमा महोत्सव समिति डॉॅ.ए.एस.भल्ला एवं डॉ.डी.के. सिरोठिया ने संयुक्त रूप से बताया कि गुरूपूर्णिमा के अवसर पर विश्व आध्यात्मिक संस्थान के तत्वाधान में प्रात: 8:30 बजे गुरू दीक्षा एवं गुरूपूजन कार्यक्रम होगा, तत्पश्चात प्रात: 9 बजे ध्यान-साधनाऐं आध्यात्मिक रूप से की जाऐगी। दोप.1 बजे से सायं 4 बजे तक भण्डारे का आयोजन किया जाएगा जबकि सायं 5 बजे से संध्या सत्संग, सायं 7 बजे से विश्वव्यापी, प्रार्थनाऐं की जाएगी, रात्रि 7:30 बजे से भजन एवं सत्संग का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। विश्व आध्यात्मिक संस्थान के इस भव्य आयोजन में देश-विदेश से भी गुरूभक्त गुरूपूर्णिमा के इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शिवपुरी पधार चुके है जिसमें अनेंकों गुरूभक्त आज 16 जुलाई को गुरूपूर्णिमा के अवसर पर आऐंगें। इसमें देश भर के कोने-कोने से आध्यात्मिक संस्थान के गुरूभक्त इस आयोजन में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगें।
बांकड़े मंदिर, श्री बड़े हनुमान जी एवं पाताली हनुमान मंदिर पर गुरूपूर्णिमा पर्व का होगा भव्य आयोजनगुरूपूर्णिमा के पावन अवसर पर शहर के विभिन्न मंदिरों पर भी अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाऐंगें। जिसमें सिद्ध स्थल श्रीबांकड़े हनुमान मंदिर पर मंदिर महंत गिरिराज जी एवं डॉ.गिरीश जी महाराज के पावन सानिध्य में दूर-दराज और ग्रामीण अंचलों से धर्मप्रेमीजन गुरूपूर्णिमा पर्व मनाने के लिए शिवपुरी स्थित बांकड़े हनुमन मंदिर पहुंचेंगें। जहां गुरूपूजन किया जाएगा। इसके साथ ही श्री बड़े हनुमान मंदिर पर महामण्डलेश्वर पुरूषोत्तमदास जी महाराज के पावन सानिध्य में गुरूपूर्णिमा पर्व का आयोजन किया गया है जहां मंदिर पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के समापन पश्चात विशाल भण्डारे का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया है। इसके अलावा श्रीपाताली हनुमान मंदिर पर भी मंदिर महंत लक्ष्मणदास जी महाराज के मार्गदर्शन में गुरूपूर्णिमा पर्व का आयोजन किया गया है जहां दूर-दराज से आने वाले गुरूभक्त गुरूपूजन कर गुरू से आर्शीवाद लेंगें और गुरूपूर्णिमा पर्व मिलकर मनाऐंगें। इस अवसर पर मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा समापन पर विशाल भण्डारे का आयोजन भी किया गया।
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