Responsive Ads Here

Shishukunj

Shishukunj

Wednesday, July 24, 2019

विष्णु मंदिर क्षेत्र में लगाया नया खंबा एकाएक गिरा, जनहानि की घटना होने से बची

जर्जर खंबों को हटाकर नए खंबों को लगाने में नियमों की अनदेखी कर रहे ठेकेदार
शिवपुरी-विद्युत व्यवस्था मेंटीनेंस के चलते एक ओर जहां आए दिन कहीं ना कहीं बिजली गुल कर बिजली व्यवस्था सुधारने का कार्य मप्र विद्युत मण्डल द्वारा किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग के वह ठेकेदार जो जर्जर खंबों को हटाकर उनके स्थान पर नए खंबे लगाए जाना है को लेकर नियम निर्देशों की अव्हेलना कर अपना कार्य बदस्तूर कर रहे है जिससे आए दिन हादसों की भी संभावना बनी रहती है। ऐसा ही एक मामला शहर के विष्णु मंदिर क्षेत्र में सामने आया जहां एक महिला के घर के समीप जर्जर खंबे को हटाकर नया खंबा लगाया जा रहा था जहां नियमों के तहत 45 फिट के खंबे को लगाने के लिए जमीन का गढ्ढा कम से कम 5 फिट का होना चाहिए लेकिन यहां नियमों की अनदेखी कर संबंधित ठेकेदार महज ढाई फिट का ही गढ्ढा खोदकर अपनी खानापूर्ति करने में लगा हुआ है जिसका परिणाम यह हुआ कि विष्णु मंदिरक्षेत्र में लगाया गया एक लोहे का 45 फिट का खंबा एकाएक नीचे गिर गया और एक बड़ी जनहानि होने से बाल-बाल बच गया। यहां बताना होगा कि इस ओर मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल के जिम्मेदारी अधिकारी जिसमें महाप्रबंधक व अन्य पदस्थ अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे जिसके कारण ठेकेदार अपने स्वार्थ पूर्ति की खातिर नियमों की अव्हेलना कर आम जन की भावनाओं से खिलवाड़ करने का कार्य कर रहा है और ऐसे नए खंबे गढ्ढों में गाढ़े जा रहे है जो कभी भी ढाई फिट के गढ्ढे का वजन सहन नहीं कर पोंएगें। बताया जाता है जब खंबे की ऊंचाई ही करीब 45 फिट है तो कम से उसे 5 फिट के गहरे गढ्ढे में तो अच्छी तरह से सीमेंट होकर गाढऩा आवश्यक है तब कहीं जाकर वह अपनी अच्छी नींव तैयार कर सकेगा लेकिन इन दिनों देखने में आ रहा बिजली विभाग भले ही कई खंबों को बदलकर नए खंबों को संबंधित ठेकेदार द्वारा लगवाया जा रहा है लेकिन यहां नियमों की अनदेखी कर ठेकेदारों को अपना कार्य करने की खुली छूट दे दी है जिसका परिणाम है कि वह अपने हिसाब से गढ्ढों को कम गहराई में खोदकर हादसों को निमंत्रण देने का कार्य कर रहे है। इसका जीता जागता प्रमाण विष्णु मंदिर क्षेत्र में देखने को भले ही मिल गया लेकिन ऐसा ही हादसा अन्य जगह भी होने की पूरी संभावना है क्योकि इस तरह के कई गढ्ढे तेज आंधी के बहाव को सहन नहीं कर सकते और संभव है कि भविष्य में इस तरह की और कोई घटना घटित हो सके।
कहीं सांठगांठ का खेल तो नहीं 
सूत्र बताते है कि शहर में जितनी भी जगह विद्युत वितरण व्यवस्था हेतु जर्जर खंबो को हटाकर उनके स्थान पर नए खंबों को भले ही गाढ़ा जा रहा लेकिन यहां नए खंबों की गहराई कम होने से वह हादसों का सबब बनेंगें इससे इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में सूत्र बताते है कि कहीं ना कहीं विभागीय सांठगांठ के चलते तो ठेकेदार को प्राश्रय नहीं दिया जा रहा जिससे यह आपस में मिलकर नियमों की अव्हेलना कर मनमर्जी पूर्वक गढ्ढे खोदकर उसकी पूर्ति करने में लगे है। अब जबकि एबी रोड़ और अन्य क्षैत्रों में जहां खंबे बदले जा रहे है वह आवासी क्षेत्र है और यहां आए दिन लोगों की आवाजाही बनी रहती है ऐसे में यदि कोई हादसा इन गाढ़े गए खंबों के गिरने से होती तो इसके लिए जिम्मेदार कोन होगा? सूत्र बताते है कि यहां आमजन की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए मिलीभगत कर ठेककेदार अपनी मनमानी विभागीय संरक्षण में ही कर रहा है।
यदि कोई खंबा गिरा और मर गया तो इसमें हम क्या करें यह तो ईश्वर की मर्जी है 
शहर के विष्णु मंदिर क्षेत्र में जिस प्रकार से खंबा गाढ़ा जा रहा था और तभी कुछ देर बाद खंबा एकाएक गिर गया हालांकि यह खंबा गिरते ही एक महिला हादसे में बाल-बाल बच गई अन्यथा महिला की जान जा सकती थी जब इस संबंध में किसी जागरूक नागरिक ने यहां निर्माण कार्य कर रहे ठेकेदार से जब जबाब मांगा तो ठेकेदार का अनबना जबाब सुनने को मिला, ठेकेदार का कहना था कि यदि कोई खंबा हमने गाढ़ा और वह गिर और कहीं कोई मर गया तो इसमें हमारी जिम्मेदारी नहीं यह तो ईश्वर की मर्जी है अब इसमें हम क्या करें। इस तरह के अनबने बयान को लेकर ठेकेदार को तो जैसे आमजन की परवाह ही नहीं और वह अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए मनमर्जी से खंबे गाढ़कर आमजन की जान से खिलवाड़ कर रहा है। 
जिम्मेदारीपूर्ण जबाब नहीं दे पाए विद्युत विभाग के महाप्रबंधक 
जब हमारे प्रतिनिधि ने विष्णु मंदिर क्षेत्र में हुए हादसे को लेकर मप्रमक्षेविविकंलि के महाप्रबंधक पी.के. पाराशर से जबाब चाहा गया तो वह जिम्मेदारीपूर्ण जबाब नहीं दे सके और उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि ठेकेदार द्वारा खंबा लगाने का निर्माण कार्य गलत हुआ और खंबा गिरा है जिसमें किसी जनहानि की संभावनी बनी तो इस मामले की शिकायत आप मुझे करें और संबंधित पूरे मामले की वीडियो भी दें ताकि मैं संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही कर सकूं। ऐसे में एक जिम्मेदार अधिकारी का इस तरह बयान कि जानकारी देने वाला ही शिकायत करें, तब क्या यदि कोई जानकारी नहीं देगा और हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? इससे क्यों महाप्रबंधक अंजाने बने हुए है। ऐसे में सूत्र बताते है कि कहीं ना कहीं विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में इस तरह के खंब लगाने के कार्य को ठेकेदारों से मनमर्जीपूर्वक कराया जा रहा है और उसमें भी दोष होने के बाद भी उन्हें संरक्षण देने का कार्य विद्युत विभाग के जिममेदारी अधिकारी कर रहे है जो कि मामले में जांच का विषय है।

No comments:

Post a Comment