शिवपुरी-कहते हैं कि ऊपरवाले की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता तो फिर मनुष्य भला क्या कर सकता है? शिवपुरी जिले में श्रावण माह में वारिस का ना होना और मौसम विभाग द्वारा वारिस का अनुमान झूठा पडना कुछ एैसा ही उदाहरण पेश करता है। एक तरफ तो भारत में कई प्रदेशों में बाड की स्थिति बनी हुई है वहीं दूसरी ओर शिवपुरी जिले का किसान पानी के लिये ऊपर वाले से फरियाद करता हुआ वाट जोह रहा है कि आखिर कब बदरा गरजेंगे और कब पानी बरसेगा। आखिर कब मालिक किसान की फरियाद सुनेगा और खेतों में बोये गये बीज को पानी पहुंचेगा। कभी मौसम विभाग सोमवार से पानी के आने की संभावना व्यक्त करता है तो कभी देवालयों पर चल रहे भजन कीर्तन पूजन हवन से आस बंधती है कि हो ना हो आज कल में पानी जरूर आयेगा। परन्तु जब वाट जोहते जोहते पूरा दिन निकल जाता है तो सारी की सारी आस धरी की धरी रह जाती है और किसान की आंखे आकाश की ओर निहारती हुई दौनों हाथ पसारे ईश्वर से पानी के लिये फरियाद करती नजर आती हैं। अब तक यदि नजर डालें तो शिवपुरी जिले के लगभग सभी कस्वों तहसीलों में पानी की स्थिति असामान्य बनी हुई है। छुट पुट बारिस के अलावा यहां के नागरिकों व किसान को पानी की दरकार बनी हुई है। यदि एैसा ही आलम रहा और पानी एक दो दिन में नहीं बरसा तो जिले का किसान व नागरिक त्राहि त्राहि कर बैठेगा। किसान के खेतों में पडा बीज सूखने की कगार पर होगा और पानी के अभाव में किसान को आर्थिक व मानसिक क्षति का बडा खामियाजा भुगतना पडेगा। बारिस के अभाव में जहां मौसम विभाग भी वास्तविक स्थिति बताकर झूठा पड रहा है वहीं किसान आश सजोये आकाश की ओर निहारता नजर आ रहा है। नगर व ग्रामीण अंचल में नागरिक व किसान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, हवन, पूजन, करके भगवान को प्रशन्न करने में लगे हुये हैं कि कब ऊपरवाला उनकी विनती सुने और कब पानी बरसे ?
मौसम में उमस से जीवन दूभर वारिस के ना होने से मानव जीवन बद से बदहाल बना हुआ है। दिन हो या रात चौबीस घंटे उमस भरा मौसम घुटन पैदा कर रहा है जिससे बीमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है। कूलर , पंखे व ऐसी भी इस उमस भरे मौसम से राहत पहुंचाने में पस्त पडते दिखाई पड रहे हैं। एैसे में इंतजार है तो केवल वारिस के पानी का , कि कब पानी बरसे और इस घुटन भरी उमस से राहत मिले।
मौसम में उमस से जीवन दूभर वारिस के ना होने से मानव जीवन बद से बदहाल बना हुआ है। दिन हो या रात चौबीस घंटे उमस भरा मौसम घुटन पैदा कर रहा है जिससे बीमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है। कूलर , पंखे व ऐसी भी इस उमस भरे मौसम से राहत पहुंचाने में पस्त पडते दिखाई पड रहे हैं। एैसे में इंतजार है तो केवल वारिस के पानी का , कि कब पानी बरसे और इस घुटन भरी उमस से राहत मिले।
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