सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में कारगिल विजय दिवस पर अर्पित की गई वीर शहीदों को श्रद्धांजलिशिवपुरी-सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में आज कारगिल विजय दिवस के अवसर पर वीर शहीदों को नमन करते हुए उन्हें सादर श्रद्धांजलि अर्पित की गई । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजकुमार शाह उपमहानिरीक्षक भारत तिब्बत सीमा पुलिस रहे । कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना से किया गया ।
मंचासीन अतिथियों का परिचय आचार्य नंदकिशोर शर्मा
तथा आचार्य रामपाल तिवारी एवं राजेन्द्र जी चतुर्वेदी द्वारा श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया । सुशील व्यास एवं अनुपम शर्मा के संगीत दल में भैया राजदीप यादव द्वारा राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की, पाकिस्तान ने दावा किया कि लडऩे वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी। लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। यह युद्ध ऊँचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लडऩे में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के लिये एक महत्वपूर्ण दिवस है। इसे हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ। इसमें भारत की विजय हुई। इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान हेतु मनाया जाता है साथ ही विज्ञान को अध्यात्म के साथ जोड़ते हुए विद्यालयीन गतिविधियों की सराहना की। विद्यालय में स्थापित अटल टिंकरिंग लैब का अवलोकन करते हुए छात्रों में विज्ञान की आधुनिक तकनीक एवं प्रयोगों के जीवन में उपयोग करने की आवश्यकता को महत्वपूर्ण कार्य बताया है। कार्यक्रम का सफल संचालन पुरुषोत्तम शर्मा द्वारा किया गया । कार्यक्रम अंत में सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय के प्राचार्य पवन शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया तथा राष्ट्रगीत वंदेमातरम गायन से समापन हुआ । इस अवसर पर विद्यालय के समस्त आचार्य एवं भैया उपस्थित रहे।
मंचासीन अतिथियों का परिचय आचार्य नंदकिशोर शर्मा
तथा आचार्य रामपाल तिवारी एवं राजेन्द्र जी चतुर्वेदी द्वारा श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया । सुशील व्यास एवं अनुपम शर्मा के संगीत दल में भैया राजदीप यादव द्वारा राष्ट्र भक्ति से ओतप्रोत गीत प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की, पाकिस्तान ने दावा किया कि लडऩे वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, लेकिन युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी। लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5,000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। यह युद्ध ऊँचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनाओं को लडऩे में काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के लिये एक महत्वपूर्ण दिवस है। इसे हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ। इसमें भारत की विजय हुई। इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान हेतु मनाया जाता है साथ ही विज्ञान को अध्यात्म के साथ जोड़ते हुए विद्यालयीन गतिविधियों की सराहना की। विद्यालय में स्थापित अटल टिंकरिंग लैब का अवलोकन करते हुए छात्रों में विज्ञान की आधुनिक तकनीक एवं प्रयोगों के जीवन में उपयोग करने की आवश्यकता को महत्वपूर्ण कार्य बताया है। कार्यक्रम का सफल संचालन पुरुषोत्तम शर्मा द्वारा किया गया । कार्यक्रम अंत में सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय के प्राचार्य पवन शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया तथा राष्ट्रगीत वंदेमातरम गायन से समापन हुआ । इस अवसर पर विद्यालय के समस्त आचार्य एवं भैया उपस्थित रहे।
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